पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि, 'विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों-छात्रों की घर वापसी के लिए 12 श्रमिक स्पेशल ट्रेने चलाने के साथ, भारत सरकार गुरूवार से विदेशों में फंसे प्रवासियों की वापसी के लिए 'वंदे भारत मिशन' शुरू कर रही है.
पहले चरण में 12 देशों से 15 हजार लोगों को लाने के लिए एयर इंडिया के विमान 64 उड़ान भरेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार के जो हजारों लोग खाड़ी और अन्य देशों से लौटना चाहते हैं, ये उड़ान उनके लिए भी होंगी.
'विदेश से लोगों को लाने के लिए चार्टर विमान भेजेंगे?'
उपमुख्यमंत्री ने प्रदेश के विरोधी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि, 'जो विरोधी दल दिल्ली से मजदूरों की वापसी के लिए 2000 बसें भेजने और 50 ट्रेनों का किराया भरने के बड़बोले ऐलान कर रहे थे, वे क्या अब चार्टर विमान भेजेंगे?'. उन्होंने कहा कि विपक्ष को इस चुनौती के समय गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी से बचना चाहिए.
महाराष्ट्र सरकार को नसीहत, पूछा- अनर्गल आरोप क्यों?
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि, 'देश में सर्वाधिक 617 मौतें अकेले महाराष्ट्र में हुईं हैं. वहां शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी के गठबंधन वाली सरकार आपदा प्रबंधन में अपनी विफलता छिपाने के लिए अनर्गल आरोप लगा रही है. 'उन्होंने कहा कि, मुम्बई-पुणे से मजदूरों की वापसी के लिए जितनी भी ट्रेनों की जरूरत होगी, उसे बिहार सरकार अनुमति देगी और लौटने वालों का स्वागत करेगी. साथ ही, उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सलाह दी कि उन्हें इस समय राजनीति करने के बजाय अपनी प्रशासनिक कुशलता सिद्ध करनी चाहिए.
'362 डॉक्टरों का ड्यूटी से गायब रहना दुर्भाग्यपूर्ण'
उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, 'कोरोना संक्रमण के समय देश जब डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को पहली पंक्ति का योद्धा मान रहा है, और उनके लिए सेना पुष्पवर्षा कर रही है. तब बिहार में 362 डॉक्टरों का ड्यूटी से गायब रहना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. जैसे कोई सैनिक मृत्यु के भय से युद्धभूमि नहीं छोड़ सकता, वैसे ही संक्रमण के भय से डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी अस्पताल नहीं छोड़ सकते. सरकार ने गैर हाजिर पाए गए डॉक्टरों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस भेजा है और उम्मीद है कि वे अपनी गलती सुधार लेंगे.