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Campus News: बिहार में अब होगा 4 वर्षीय स्नातक कोर्स, गवर्नर ने जारी किया निर्देश

बिहार में नये शैक्षणिक सत्र से सभी विश्वविद्यालयों में चार वर्षीय स्नातक कोर्स संचालित होंगे. इसको लेकर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कुलपतियों और शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक की और उसके बाद निर्देश जारी किया. नये सत्र से छात्रों को सीएसबीएस सिस्टम की भी सुविधा मिलेगी.

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
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Published : Apr 14, 2023, 3:57 PM IST

पटना: बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में अब 4 वर्षीय स्नातक कोर्स संचालित होंगे. गुरुवार को बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने इसको लेकर उच्च स्तरीय बैठक कर इस संबंध में आदेश जारी किया. नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय में नये शैक्षणिक सत्र 2023-2027 में चार वर्षीय कोर्स की शुरुआत होगी. चार वर्षीय पाठ्यक्रम को लेकर एक कमिटी भी बनाई गई है. इस कोर्स में छात्रों के लिए सीएसबीएस सिस्टम भी लागू होगा.

ये भी पढ़ें- Governer Rajendra Arlekar: संस्कृत विश्वविद्यालय के सीनेट में लेंगे भाग, जिला प्रशासन ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर

अब चार वर्षीय स्नातक कोर्स: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने निर्देश दिया है कि इस वर्ष से शुरू होने वाले सत्र में प्रदेश भर में विश्वविद्यालय स्तर पर ही एडमिशन होगा और सभी यूनिवर्सिटी को एक ही समय पर संबंधित सभी कार्य संपन्न करने होंगे. टाइमलाइन का निर्धारण राजभवन ही करेगा. विश्वविद्यालयों में एक साथ नामांकन होगा और एक ही साथ सिलेबस भी पूरा किया जाएगा. फॉर्म भरने से लेकर परीक्षा और उसका रिजल्ट भी एक साथ जारी किया जाएगा. फिलहाल प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय में अलग-अलग नामांकन हो रहा है और परिक्षा भी अलग हो रहा है. अभी कई विश्वविद्यालय में तीन साल की पढ़ाई 6 वर्ष में पूरी हो रही है. वहीं, छात्रों का सेशन भी लेट हो रहा है.

''बिहार के विश्वविद्यालयों में CBCS एवं Semester System के आधार पर सत्र 2023-2027 से चार वर्षीय स्नातक की पढ़ाई शुरू करने के संबंध में सभी कुलपतियों एवं शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की.''- राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, राज्यपाल सह कुलाधिपति

अपनायी जाएगी केंद्रीयकृत प्रक्रिया: राज्यपाल के निर्देशानुसार अगले सत्र से एडमिशन के लिए केंद्रीयकृत प्रक्रिया अपनाई जाएगी. इसको आसान भाषा में समझें तो नामांकन कराने वाले स्टूडेंट एक जगह आवेदन देगा और वहीं से किसी भी विश्वविद्याल में उसका नामांकन होगा. राज्यपाल ने सभी विश्वविद्याल के लिए अकादमिक कैलेंडर बनाने का निर्देश दिया है. साथ ही सभी विश्वविद्याल में शिक्षकों की संख्या और आधारभूत संरचना के संबंध में भी विमर्श किया गया है.

सीएसबीएस सिस्टल होगा लागू: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लागू करने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा है कि उनके द्वारा दिए गये सभी निर्देशों को समय पर पालन करवा लिया जाए. राज्यपला के इस फैसले से प्रदेश सरकार भी समहमत दिखी है और किसी भी हाल में इसका पालन करवाने का भरोसा भी दिया गया है. राज्यपाल के इस बैठक में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के वीसी, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चौंग्थू, सचिव वैद्यनाथ यादव, समेत कई लोग मौजूद रहे.

पटना: बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में अब 4 वर्षीय स्नातक कोर्स संचालित होंगे. गुरुवार को बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने इसको लेकर उच्च स्तरीय बैठक कर इस संबंध में आदेश जारी किया. नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय में नये शैक्षणिक सत्र 2023-2027 में चार वर्षीय कोर्स की शुरुआत होगी. चार वर्षीय पाठ्यक्रम को लेकर एक कमिटी भी बनाई गई है. इस कोर्स में छात्रों के लिए सीएसबीएस सिस्टम भी लागू होगा.

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अब चार वर्षीय स्नातक कोर्स: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने निर्देश दिया है कि इस वर्ष से शुरू होने वाले सत्र में प्रदेश भर में विश्वविद्यालय स्तर पर ही एडमिशन होगा और सभी यूनिवर्सिटी को एक ही समय पर संबंधित सभी कार्य संपन्न करने होंगे. टाइमलाइन का निर्धारण राजभवन ही करेगा. विश्वविद्यालयों में एक साथ नामांकन होगा और एक ही साथ सिलेबस भी पूरा किया जाएगा. फॉर्म भरने से लेकर परीक्षा और उसका रिजल्ट भी एक साथ जारी किया जाएगा. फिलहाल प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय में अलग-अलग नामांकन हो रहा है और परिक्षा भी अलग हो रहा है. अभी कई विश्वविद्यालय में तीन साल की पढ़ाई 6 वर्ष में पूरी हो रही है. वहीं, छात्रों का सेशन भी लेट हो रहा है.

''बिहार के विश्वविद्यालयों में CBCS एवं Semester System के आधार पर सत्र 2023-2027 से चार वर्षीय स्नातक की पढ़ाई शुरू करने के संबंध में सभी कुलपतियों एवं शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की.''- राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, राज्यपाल सह कुलाधिपति

अपनायी जाएगी केंद्रीयकृत प्रक्रिया: राज्यपाल के निर्देशानुसार अगले सत्र से एडमिशन के लिए केंद्रीयकृत प्रक्रिया अपनाई जाएगी. इसको आसान भाषा में समझें तो नामांकन कराने वाले स्टूडेंट एक जगह आवेदन देगा और वहीं से किसी भी विश्वविद्याल में उसका नामांकन होगा. राज्यपाल ने सभी विश्वविद्याल के लिए अकादमिक कैलेंडर बनाने का निर्देश दिया है. साथ ही सभी विश्वविद्याल में शिक्षकों की संख्या और आधारभूत संरचना के संबंध में भी विमर्श किया गया है.

सीएसबीएस सिस्टल होगा लागू: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लागू करने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा है कि उनके द्वारा दिए गये सभी निर्देशों को समय पर पालन करवा लिया जाए. राज्यपला के इस फैसले से प्रदेश सरकार भी समहमत दिखी है और किसी भी हाल में इसका पालन करवाने का भरोसा भी दिया गया है. राज्यपाल के इस बैठक में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के वीसी, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चौंग्थू, सचिव वैद्यनाथ यादव, समेत कई लोग मौजूद रहे.

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