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सरकारी जमीन पर बना व्हाइट हाउस ब्लैक मनी का था, जानिए इस बिल्डिंग का 'काला सच'

राजधानी स्थित सरकारी जमीन पर बना व्हाइट हाउस पशुपालन घोटाला के दौरान सुर्खियों में आया था. करोड़ों खर्च होने के बाद भी इस बिल्डिंग का कोई भी मालिक सामने नहीं आया. इसके बाद पटना हाईकोर्ट के दखल के बाद क्या हुआ, इसका 'काला सच' देखिए इस रिपोर्ट में...

Bihar White House symbol of animal husbandry scam
Bihar White House symbol of animal husbandry scam
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Published : Feb 16, 2021, 8:40 PM IST

Updated : Feb 17, 2021, 1:26 PM IST

पटना: अमेरिकी व्हाइट हाउस की पहचान विश्व के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका के राष्ट्रपति के ऑफिस के रूप में होती है. लेकिन राजधानी स्थित सरकारी जमीन पर बना व्हाइट हाउस पशुपालन घोटाले की याद दिलाता है. आखिर क्या है व्हाइट हाउस का 'काला सच'.

सरकारी जमीन पर 'व्हाइट हाउस'
पटना का ये व्हाइट हाउस पशुपालन घोटाले की वजह से सुर्खियों में आया था. करोड़ों रुपये खर्च कर सरकारी जमीन पर व्हाइट हाउस का निर्माण तो किया गया, लेकिन इसका कोई भी मालिक सामने नहीं आया.

पेश है रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- पूर्व मुख्य सचिव के घर आयोजित सरस्वती पूजा में शामिल हुए CM नीतीश, दी बसंत पंचमी की बधाई

सरकारी जमीन पर कैसे हुआ निर्माण?
व्हाइट हाउस का जिक्र आज इसलिए हो रहा है कि क्योंकि माना जाता है कि पशुपालन घोटाला के पैसों से इसका निर्माण किया गया था. लेकिन जब यह पता लगाने की कोशिश हुई कि आखिर यह है किसका, तो कोई सामने नहीं आया. लिहाजा पटना हाईकोर्ट ने व्हाइट हाउस को जब्त कर लिया और वहां न्यायिक कार्य के लिए दफ्तर खोल दिए. पटना म्यूजियम के सामने स्थित व्हाइट हाउस में आज विधिक सेवा प्राधिकरण का ऑफिस चलता है.

देखें वीडियो

दो महीनों में तैयार हुआ था व्हाइट हाउस
पटना में 90 के दशक में इस व्हाइट हाउस का निर्माण किया गया. महज 2 महीनों में ही इसे बनाकर तैयार कर दिया गया था. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यहां पर चौबीसों घंटे काम चलता था. यहां कई वीवीआईपी का आना-जाना भी लगा रहता था.

व्हाइट हाउस का इतिहास
व्हाइट हाउस का इतिहास

कई नेताओं का नाम इससे जुड़ा
बिहार-झारखंड जब एक ही था, उसी दौरान व्हाइट हाउस का निर्माण किया गया था. बताया जा रहा है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के करीबी किसी मंत्री का पैसा इसमें लगाया था. फिलहाल वो इस समय चारा घोटाले मामले में जेल में बंद हैं. घोटाले का आरोप लगने के बाद किसी ने भी व्हाइट हाउस पर दावा नहीं ठोका. हालांकि आरजेडी के कई नेताओं का नाम इस व्हाइट हाउस से जुड़ा था.

Bihar White House symbol of animal husbandry scam
क्यों चर्चा में रहा बिहार का व्हाइट हाउस

"व्हाइट हाउस पशुपालन घोटाले का पर्याय है. घोटालेबाजों के पैसों से बिल्डिंग का निर्माण किया गया था. जब मामला प्रकाश में आया तो किसी ने भी व्हाइट हाउस पर अपना दावा नहीं किया. बाद में बिल्डिंग को जब्त किया गया. अब वहां पर लोगों को न्याय मिलता है."- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी

Bihar White House symbol of animal husbandry scam
असली मालिक कौन ?

'घोटाले से जुड़े लोगों का रहता था आना जाना'
वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय ने बताया कि पशुपालन घोटाला से जुड़े तमाम लोगों का व्हाइट हाउस में आना-जाना रहता था. कई नामी-गिरामी लोग और फिल्म स्टार भी यहां आते थे. घोटाले से जुड़े लोगों के लिए व्हाइट हाउस में ऐशो-आराम की तमाम व्यवस्था की जाती थी. सरकारी जमीन पर बनी यह इमारत काले धन से बनाई गई थी. पशुपालन घोटाले के दौरान व्हाइट हाउस काफी विवादों में रहा. फिलहाल इसमें सरकारी ऑफिस चलता है.

Bihar White House symbol of animal husbandry scam
बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार का कार्यालय

10 हजार स्क्वायर फीट में व्हाइट हाउस का निर्माण
बता दें कि व्हाइट हाउस का निर्माण लगभग 10 हजार स्क्वायर फीट में करवाया गया है. निर्माण कार्य के दौरान जापान से मंगवाए गए साजो सामान लगवाए गए थे. पटना उच्च न्यायालय में 1997 में एक पीआईएल दायर किया गया था, जिसमें कहा गया कि व्हाइट हाउस किसी काल्पनिक व्यक्ति के नाम से है. साल 1998 तक व्हाइट हाउस का एक हिस्सा बैलट बॉक्स स्टोर रूम के रूप में इस्तेमाल होता था. पटना उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन होने वाले बैलेट रखे जाते थे.

Bihar White House symbol of animal husbandry scam
बिहार का व्हाइट हाउस, अब यहां मिलता है न्याय

तत्कालीन डीएम हाई कोर्ट के आदेश पर बनी रिसीवर
पशुपालन घोटाले की जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि को-ऑपरेटिव के माध्यम से व्हाइट हाउस बिल्डिंग का निर्माण कराया गया था. बाद में पटना हाई कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन जिलाधिकारी राजबाला वर्मा व्हाइट हाउस बिल्डिंग की रिसीवर थीं.

पटना: अमेरिकी व्हाइट हाउस की पहचान विश्व के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका के राष्ट्रपति के ऑफिस के रूप में होती है. लेकिन राजधानी स्थित सरकारी जमीन पर बना व्हाइट हाउस पशुपालन घोटाले की याद दिलाता है. आखिर क्या है व्हाइट हाउस का 'काला सच'.

सरकारी जमीन पर 'व्हाइट हाउस'
पटना का ये व्हाइट हाउस पशुपालन घोटाले की वजह से सुर्खियों में आया था. करोड़ों रुपये खर्च कर सरकारी जमीन पर व्हाइट हाउस का निर्माण तो किया गया, लेकिन इसका कोई भी मालिक सामने नहीं आया.

पेश है रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- पूर्व मुख्य सचिव के घर आयोजित सरस्वती पूजा में शामिल हुए CM नीतीश, दी बसंत पंचमी की बधाई

सरकारी जमीन पर कैसे हुआ निर्माण?
व्हाइट हाउस का जिक्र आज इसलिए हो रहा है कि क्योंकि माना जाता है कि पशुपालन घोटाला के पैसों से इसका निर्माण किया गया था. लेकिन जब यह पता लगाने की कोशिश हुई कि आखिर यह है किसका, तो कोई सामने नहीं आया. लिहाजा पटना हाईकोर्ट ने व्हाइट हाउस को जब्त कर लिया और वहां न्यायिक कार्य के लिए दफ्तर खोल दिए. पटना म्यूजियम के सामने स्थित व्हाइट हाउस में आज विधिक सेवा प्राधिकरण का ऑफिस चलता है.

देखें वीडियो

दो महीनों में तैयार हुआ था व्हाइट हाउस
पटना में 90 के दशक में इस व्हाइट हाउस का निर्माण किया गया. महज 2 महीनों में ही इसे बनाकर तैयार कर दिया गया था. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यहां पर चौबीसों घंटे काम चलता था. यहां कई वीवीआईपी का आना-जाना भी लगा रहता था.

व्हाइट हाउस का इतिहास
व्हाइट हाउस का इतिहास

कई नेताओं का नाम इससे जुड़ा
बिहार-झारखंड जब एक ही था, उसी दौरान व्हाइट हाउस का निर्माण किया गया था. बताया जा रहा है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के करीबी किसी मंत्री का पैसा इसमें लगाया था. फिलहाल वो इस समय चारा घोटाले मामले में जेल में बंद हैं. घोटाले का आरोप लगने के बाद किसी ने भी व्हाइट हाउस पर दावा नहीं ठोका. हालांकि आरजेडी के कई नेताओं का नाम इस व्हाइट हाउस से जुड़ा था.

Bihar White House symbol of animal husbandry scam
क्यों चर्चा में रहा बिहार का व्हाइट हाउस

"व्हाइट हाउस पशुपालन घोटाले का पर्याय है. घोटालेबाजों के पैसों से बिल्डिंग का निर्माण किया गया था. जब मामला प्रकाश में आया तो किसी ने भी व्हाइट हाउस पर अपना दावा नहीं किया. बाद में बिल्डिंग को जब्त किया गया. अब वहां पर लोगों को न्याय मिलता है."- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी

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असली मालिक कौन ?

'घोटाले से जुड़े लोगों का रहता था आना जाना'
वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय ने बताया कि पशुपालन घोटाला से जुड़े तमाम लोगों का व्हाइट हाउस में आना-जाना रहता था. कई नामी-गिरामी लोग और फिल्म स्टार भी यहां आते थे. घोटाले से जुड़े लोगों के लिए व्हाइट हाउस में ऐशो-आराम की तमाम व्यवस्था की जाती थी. सरकारी जमीन पर बनी यह इमारत काले धन से बनाई गई थी. पशुपालन घोटाले के दौरान व्हाइट हाउस काफी विवादों में रहा. फिलहाल इसमें सरकारी ऑफिस चलता है.

Bihar White House symbol of animal husbandry scam
बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार का कार्यालय

10 हजार स्क्वायर फीट में व्हाइट हाउस का निर्माण
बता दें कि व्हाइट हाउस का निर्माण लगभग 10 हजार स्क्वायर फीट में करवाया गया है. निर्माण कार्य के दौरान जापान से मंगवाए गए साजो सामान लगवाए गए थे. पटना उच्च न्यायालय में 1997 में एक पीआईएल दायर किया गया था, जिसमें कहा गया कि व्हाइट हाउस किसी काल्पनिक व्यक्ति के नाम से है. साल 1998 तक व्हाइट हाउस का एक हिस्सा बैलट बॉक्स स्टोर रूम के रूप में इस्तेमाल होता था. पटना उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन होने वाले बैलेट रखे जाते थे.

Bihar White House symbol of animal husbandry scam
बिहार का व्हाइट हाउस, अब यहां मिलता है न्याय

तत्कालीन डीएम हाई कोर्ट के आदेश पर बनी रिसीवर
पशुपालन घोटाले की जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि को-ऑपरेटिव के माध्यम से व्हाइट हाउस बिल्डिंग का निर्माण कराया गया था. बाद में पटना हाई कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन जिलाधिकारी राजबाला वर्मा व्हाइट हाउस बिल्डिंग की रिसीवर थीं.

Last Updated : Feb 17, 2021, 1:26 PM IST
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