पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को बीजेपी का एजेंट कहा था. इसपर ओवैसी ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला किया है और तीखे सवाल किए हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार से हमने वाजिब सवाल उठाया है. जुलूस के नाम पर फसाद फैलाया गया और प्रशासन उसे रोकने में नाकाम साबित हुई. मेरे सवाल का जवाब देने की बजाय नीतीश कुमार वही पुराना कैसेट दोहरा रहे हैं कि मैं बीजेपी का एजेंट हूं.
ये भी पढ़ें - Bihar Violence : 'एक राज कर रहा है, दूसरा उसका एजेंट', बोले CM नीतीश- 'बिहार में साजिश कर भड़काई गई हिंसा'
बोले ओवैसी- 'नीतीश कुमार हैं नोटरी एजेंट': असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि नीतीश कुमार ही 2002 में जब गुजरात का दंगा हुआ था, तब बीजेपी के साथ थे, रेलवे मंत्री थे. आप बीजेपी के साथ रहे. बीजेपी के साथ सत्ता में रहकर बिहार के मुख्यमंत्री बने. फिर नरेंद्र मोदी के साथ मिल गए और सीएम बने. बिहार में जिसने भाजपा की जड़ें मजबूत कर दीं, वह हमपर इल्जाम लगा रहा है. लगता है नीतीश कुमार नोटरी एजेंट हैं.
"हमने तो वाजिब सवाल उठाया था. नीतीश अपने भतीजे को लेकर उस जगह में मदरसा में जाएं. जो पुलिस वहां नाकाम साबित हुई उनको सस्पेंड करने का ऐलान कीजिए. ये सब करने का छोड़कर दोनों इफ्तार पार्टी में बैठकर खजूर खा रहे हैं. ये इनकी नाकामी है."- असदुद्दीन ओवैसी, AIMIM प्रमुख
अमित शाह पर ओवैसी का हमला: हमारे सवाल का जवाब नहीं दे पा रहे हैं. जो लोग सेक्युलरिज्म की बातें करते थे आज वे गूंगे बनकर बैठे हैं. आवाज नहीं उठा रहे कि बिहार में ऐसा कैसे हुआ. ये नीतीश कुमार की बौखलाहट है. सब जनता खासकर सेक्युलर हिंदू और मुस्लमान देख रहे हैं. ओवैसी से जब पूछा गया कि केंद्र सरकार ने शांति बनाए रखने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है तो उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह को चाहिए की एक फोन मिलाकर आरएसएस और हिंदुत्व संगठनों को बोल दें कि कानून हाथ में ना लें, सब ठीक हो जाएगा. एडवाइजरी तो जारी कर दिए लेकिन जुलूस का ताल्लुक तो आरएसएस है.
'विपक्ष को राजनीति करना नहीं आता': वहीं सुप्रीम कोर्ट में 14 विपक्षी दलों ने ईडी और सीबीआई के मनमाने इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए याचिका दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसपर AIMIM प्रमुख ने कहा कि ये तरीका ही गलत था. ऐसे राजनीति नहीं की जाती है. विपक्ष को सुप्रीम कोर्ट जाना नहीं था. बीजेपी को अपनी बात सही साबित करने का विपक्ष ने मौका दे दिया. इस तरह से राजनीति आप नहीं कर सकते जब नरेंद्र मोदी बीजेपी को लीड कर रहे हों. यही नतीजा आना था. बीजेपी को हैंडल मिल गया.
एनसीईआरटी ने जिन चीजों को चैप्टर से निकाल दिया है उसपर हमें आपत्ति है. गोडसे ने महात्मा गांधी को क्यों मारा, निकाल दिया. महात्मा गांधी हिंदू मुस्लिम के कायल थे. आरएसएस पर बैन लगा उसको निकाल रहे हैं. दलित राइटर्स के आर्टिकल निकाल दिए गए. डेमोक्रेसी के बारे में निकाल दिया. हम बच्चों को क्या पढ़ाएंगे. गोडसे ने गांधी को क्यों मारा क्या ये पढ़ाएंगे.-असदुद्दीन ओवैसी, AIMIM प्रमुख