पटना: शिक्षा विभाग ( Bihar Education Department ) की एक कार्यशाला में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( New National Education Policy ) लागू करने पर विचार विमर्श हुआ, जिसमें शिक्षा विभाग से जुड़े तमाम अधिकारी मौजूद रहे. इनमें प्रमुख तौर पर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक और सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े पदाधिकारी शामिल थे.
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीन पर उतारने के लिए सभी अधिकारियों को अपनी अपनी भूमिकाएं सुनिश्चित करनी होंगी ताकि सरकारी स्कूल कॉलेजों में व्याप्त कमियों को दूर किया जा सके.
ये भी पढ़ें- मैट्रिक सेकंड टॉपर प्रियंका कुमारी को किया गया सम्मानित, 1500 रुपये प्रत्येक महीने देने की घोषणा
उन्होंने हाल में पटना हाई कोर्ट के उस मामले का जिक्र किया, जिसमें सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की रिपोर्ट और कितने अधिकारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, इससे संबंधित रिपोर्ट मांगी गई है. उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए मारामारी है लेकिन वही शिक्षक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ाते, हमें इस कमी को मिलजुलकर दूर करना है.
शिक्षा विभाग की इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में इस बात पर भी सहमति बनी है कि राज्य से लेकर प्रखंड तक की प्रस्तावित प्रबंधन इकाइयों में विभाग के अधिकारियों के अलावा समाज के बुद्धिजीवी और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वालों को भी जोड़ा जाएगा और उनकी विशेषज्ञता का लाभ लिया जाएगा.
ये भी पढ़ें- शिक्षक नियोजन: शिक्षा विभाग का आदेश- 'DEO जल्द पूरी करें अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की जांच'
कार्यशाला में बिहार के हर जिले में न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के लिए अलग-अलग कार योजना का प्रेजेंटेशन दिखाया गया. बिहार शिक्षा परियोजना के अपर निदेशक रविशंकर सिंह ने यह प्रेजेंटेशन दिखाया.