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बिहार राज्य महानगर ऑटो चालक संघ ने सरकार से 3 महीने का राशन और 5 हजार रुपये की मांग की - Ward councillor

बिहार राज्य महानगर ऑटो चालक संघ के उपाध्यक्ष नवीन मिश्रा ने बताया कि पटना के शहरी कामगारों में ऑटो रिक्शा और ई रिक्शा चालकों की संख्या लगभग 10 हजार की संख्या में है. उन्होंने कहा कि यह ऑटो रिक्शा चालक अपने परिवार के साथ रोजाना कमाते खाते हैं. लॉक डाउन के कारण सभी काम ठप है और ऑटो रिक्शा चालकों के घर का राशन का सामान खत्म है.

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Published : Apr 10, 2020, 7:54 PM IST

पटनाः राजधानी के स्टेशन गोलंबर स्थित टाटा पार्क ऑटो स्टैंड में शुक्रवार के दिन 18 से 20 की संख्या में मौजूद ऑटो चालकों ने सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करते हुए सरकार से 3 महीने का राशन और 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता करने की मांग की. ऑटो चालकों ने अपने हाथों में अपनी मांगों का पोस्टर लिए और चेहरे पर मास्क लगाकर सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए सरकार के सामने अपनी मांगे रखी.

ऑटो चालकों ने सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की
बिहार राज्य महानगर ऑटो चालक संघ के उपाध्यक्ष नवीन मिश्रा ने बताया कि पटना के शहरी कामगारों में ऑटो रिक्शा और ई रिक्शा चालकों की संख्या लगभग 10 हजार की संख्या में है. उन्होंने कहा कि यह ऑटो रिक्शा चालक अपने परिवार के लिए रोजाना कमाते खाते हैं. लॉक डाउन के कारण सभी काम ठप है और ऑटो रिक्शा चालकों के घर का राशन का सामान खत्म है. उनके पैसे भी खत्म हो चुके है. ऐसे में उन्हें खाने-पीने की आफत आने लगी है. लोग उधार भी देना बंद कर चुके है. मगर गनीमत की बात यह है कि पटना के मकान मालिक उन्हें टॉर्चर नहीं कर रहे हैं और यह काफी सकारात्मक बात है.

देखे पूरी रिपोर्ट

ऑटो रिक्शा चालकों को हो रही परेशानी
नवीन मिश्रा ने कहा कि अधिकांश ऑटो चालकों के पास किसी प्रकार का कोई राशन कार्ड नहीं है और उन्हें इस लॉक डाउन की अवधि के दौरान सरकार से किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिल रही है. सभी ऑटो चालक लॉक डाउन के नियमों को फॉलो करना चाहते हैं. मगर सरकार को भी उनके भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए. वहीं, उन्होंने सरकार से मांग की है कि लॉक डाउन के दौरान पीडीएस की दुकानों से वार्ड पार्षद को अधिकृत करते हुए 3 महीने का राशन और 5 हजार रुपये का नकद भुगतान ऑटो चालकों के दरवाजे तक करने की व्यवस्था किया जाए.

पटनाः राजधानी के स्टेशन गोलंबर स्थित टाटा पार्क ऑटो स्टैंड में शुक्रवार के दिन 18 से 20 की संख्या में मौजूद ऑटो चालकों ने सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करते हुए सरकार से 3 महीने का राशन और 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता करने की मांग की. ऑटो चालकों ने अपने हाथों में अपनी मांगों का पोस्टर लिए और चेहरे पर मास्क लगाकर सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए सरकार के सामने अपनी मांगे रखी.

ऑटो चालकों ने सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की
बिहार राज्य महानगर ऑटो चालक संघ के उपाध्यक्ष नवीन मिश्रा ने बताया कि पटना के शहरी कामगारों में ऑटो रिक्शा और ई रिक्शा चालकों की संख्या लगभग 10 हजार की संख्या में है. उन्होंने कहा कि यह ऑटो रिक्शा चालक अपने परिवार के लिए रोजाना कमाते खाते हैं. लॉक डाउन के कारण सभी काम ठप है और ऑटो रिक्शा चालकों के घर का राशन का सामान खत्म है. उनके पैसे भी खत्म हो चुके है. ऐसे में उन्हें खाने-पीने की आफत आने लगी है. लोग उधार भी देना बंद कर चुके है. मगर गनीमत की बात यह है कि पटना के मकान मालिक उन्हें टॉर्चर नहीं कर रहे हैं और यह काफी सकारात्मक बात है.

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ऑटो रिक्शा चालकों को हो रही परेशानी
नवीन मिश्रा ने कहा कि अधिकांश ऑटो चालकों के पास किसी प्रकार का कोई राशन कार्ड नहीं है और उन्हें इस लॉक डाउन की अवधि के दौरान सरकार से किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिल रही है. सभी ऑटो चालक लॉक डाउन के नियमों को फॉलो करना चाहते हैं. मगर सरकार को भी उनके भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए. वहीं, उन्होंने सरकार से मांग की है कि लॉक डाउन के दौरान पीडीएस की दुकानों से वार्ड पार्षद को अधिकृत करते हुए 3 महीने का राशन और 5 हजार रुपये का नकद भुगतान ऑटो चालकों के दरवाजे तक करने की व्यवस्था किया जाए.

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