पटनाः बिहार में छठे चरण के शिक्षक नियोजन (Teachers Recruitment) को लेकर शिक्षा विभाग (Education Department) तमाम व्यवस्था को पुख्ता करने में लगा है. शुक्रवार को नियोजन से संबंधित एक महत्वपूर्ण अधिसूचना शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गयी. इसके मुताबिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति की जिम्मेदारी हाल ही में गठित जिला पर्षद परामर्शी समिति को सौंपी की गई है.
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16 जून से परामर्शी समिति के नियम लागू
दरअसल, 15 जून को बिहार में पंचायत और जिला परिषद का कार्यकाल खत्म होने के बाद परामर्शी समिति के नियम लागू हो गए. बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरियों के कार्यकाल के खत्म होने के बाद परामर्शी समिति के गठन का फैसला लिया गया था.
परामर्शी समिति के तहत क्या होगा?
- जिला परिषद के भंग होने की तिथि को कार्यरत अध्यक्ष ही इसके अध्यक्ष होंगे.
- जिला परिषद के भंग होने की तिथि को कार्यरत उपाध्यक्ष ही इसके उपाध्यक्ष होंगे.
- जिला परिषद के भंग होने की तिथि को कार्यरत सदस्य ही इसके सदस्य होंगे.
- उप विकास आयुक्त मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी होंगे.
परामर्शी समिति करेगी शिक्षकों की नियुक्ति
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि परामर्शी समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य उन सभी शक्तियों का प्रयोग करेंगे जो अधिनियम के अधीन जिला परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और जिला परिषद सदस्य को प्राप्त हैं. इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि बिहार जिला परिषद माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय में छठे चरण में होने वाली नियुक्तियां जिला परिषद परामर्शी समिति के अध्यक्ष के द्वारा की जाएंगी.
25 जून तक हो सकता है शिड्यूल जारी
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 25 जून तक छठे चरण के शिक्षक नियोजन का शेड्यूल जारी हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक जुलाई में शिक्षकों के नियोजन के लिए काउंसलिंग होगी और डाक्यूमेंट्स की जांच के बाद ही शिक्षकों की नियुक्ति स्कूल में होगी.
जानकारी के मुताबिक 25 जून तक दिव्यांग अभ्यर्थियों का आवेदन लेने के बाद सभी अभ्यर्थियों का एक बार फिर नया कंबाइंड मेरिट लिस्ट जारी होगा. उस पर आपत्ति लेने के बाद फिर दोबारा फाइनल मेरिट लिस्ट जारी होगी जिसके आधार पर काउंसलिंग होगी.
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कोरोना संक्रमण के कारण बिहार में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था का चुनाव नहीं हो पाने से पंचायतों में कामकाज के संचालन को लेकर परामर्शी समिति का गठन किया गया है. इसके तहत मुखिया ग्राम पंचायत परामर्शी समिति के अध्यक्ष होंगे. उप मुखिया, उपाध्यक्ष का काम देखेंगे और ग्राम पंचायत सदस्य गण, सदस्यों का काम करेंगे. साथ ही ग्राम पंचायत सचिव, सचिव का काम देखेंगे.
कैबिनेट का फैसला
- पंचायत समिति में परामर्शी समिति के तहत प्रमुख अध्यक्ष की भूमिका में रहेंगे.
- वहीं उपाध्यक्ष उप प्रमुख बनेंगे.
- सभी सदस्य परामर्शी समिति के सदस्य होंगे.
- कार्यपालक पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी होंगे.
- वहीं जिला परिषद के परामर्शी समिति में जिला परिषद के अध्यक्ष, अध्यक्ष होंगे.
- उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष होंगे.
- सभी सदस्य समिति के सदस्य बनेंगे.
- मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी उप विकास आयुक्त होंगे.
- ग्राम कचहरी परामर्शी समिति में सरपंच, अध्यक्ष की भूमिका में होंगे.
- उपसरपंच, उपाध्यक्ष की भूमिका में रहेंगे.
- सभी पंचगण सदस्य होंगे.
- ग्राम कचहरी सचिव, सचिव की भूमिका निभाएंगे.
- इसके अलावा पंचायत समिति के कार्यक्षेत्र में आने वाले सभी विधानसभा विधानपरिषद लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य भी परामर्शी समिति के सदस्य होंगे.
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