पटना: राजधानी पटना की बेटी मिसेज श्रेयसी चंद्रा (Shreyasi Chandra of Patna) 23 मई को गुड़गांव में होने वाले डायडेम मिसेज इंडिया लीगेसी के फिनाले में चमकने के लिए पूरी तरह से तैयार है. पटना में जन्मी पर पढ़ी-लिखी मिसेज श्रेयसी चंद्रा की निगाहें प्रतिष्ठित मिसेज इंडिया खिताब पर टिकी है और उनका लक्ष्य है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना है. उनका जन्म और पालन-पोषण पटना में एक प्रोफेसरों के प्रगतिशील और प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था. उनके पिता डॉ रमेश चंद्र सिन्हा एक विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक पूर्व प्रोफेसर और पटना विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र विभाग के प्रमुख हैं.
ऐसा रहा श्रेयसी की बचपन: श्रेयसी चंद्रा ने पटना के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट हाई स्कूल में 10वीं तक पढ़ाई की और वह फिर अपनी उच्च शिक्षा पूरी करने के लिए वो नई दिल्ली और पुणे जैसे शहरों में चली गई. कम उम्र में अपनी मां को खो देने के बाद उनके पिता ने हमेशा उनको एक स्वतंत्र, आशावादी और आत्मनिर्भर महिला बनना सिखाया है. श्रेयसी कहती है कि डायडेम मिसेज इंडिया लीगेसी की फाइनलिस्ट होने पर और इस अवसर में हिस्सा लेने के लिए मैं तैयारी हूं. मैं सभी लोगों की आभारी हूं, जिन्होंने मुझे इस अवसर का मौका दिया है. प्रतियोगिता जीतने के लिए और अपने देश को गौरवान्वित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका पाने के लिए मुझे निश्चित रूप से ही सभी की शुभकामना एवं आशीर्वाद की जरूरत है.
"डायडेम मिसेज इंडिया लीगेसी की फाइनलिस्ट होने पर और इस अवसर में हिस्सा लेने के लिए मैं तैयारी हूं. मैं सभी लोगों की आभारी हूं, जिन्होंने मुझे इस अवसर का मौका दिया है. प्रतियोगिता जीतने के लिए और अपने देश को गौरवान्वित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका पाने के लिए मुझे निश्चित रूप से ही सभी की शुभकामना एवं आशीर्वाद की जरूरत है."-श्रेयसी चंद्रा
23 मई को गुड़गांव में होगा फिनाले: श्रेयसी चंद्र का मानना है कि सुंदरता का मतलब यह भी है कि व्यक्ति को समाज के प्रति अनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए दूसरे के प्रति दयालु होना चाहिए. श्रेयसी महिलाओं के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखकर महिलाओं के बीच में सेनेटरी नैपकिन वितरण करती हैं. साथ ही उसके उपयोग के बारे में भी बताती हैं और महिलाओं को जागरूक करती है, जो कि आज के जमाने में लड़कियां पढ़ी लिखी होने के बावजूद भी नहीं बोल पाती है. वो महिलाओं को महामारी से जागरूक करने को लेकर अभियान चलाती हैं. डायडेम मिसेज इंडिया लीगेसी सबसे सम्मानित सौंदर्य प्रतियोगिताओं में से एक है. जिसका फिनाले 23 मई को गुड़गांव में होगा.