पटना: लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) की राजनीति मझधार में है. लालू यादव से मुलाकात के बाद भी तेज प्रताप का गुस्सा कम नहीं हुआ और तेज प्रताप ने खुद को पार्टी से किनारा कर लिया है. ऐसे में एनडीए नेता तेज प्रताप पर डोरे डाल रहे हैं.
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लालू प्रसाद यादव के सियासत की विरासत को लेकर परिवार में महासंग्राम है. बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपने पिता लालू प्रसाद यादव से न्याय की उम्मीद लगाए बैठे थे. उन्होंने सोचा था कि जब लालू यादव पटना आएंगे तो उनकी शिकायतें दूर होगी और उन्हें न्याय मिलेगा. लेकिन लालू प्रसाद यादव से मुलाकात के बाद भी तेज प्रताप यादव के तेवर नरम नहीं पड़े हैं.
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तेज प्रताप यादव से जब यह सवाल पूछा गया कि आप राजद में हैं या नहीं, इस पर तेज प्रताप यादव का जवाब था कि मुझे बिहार की जनता और परिवार से मतलब है और मैं अपना संघर्ष जारी रखूंगा. बता दें कि तेज प्रताप यादव ने छात्र जनशक्ति परिषद का गठन कर रखा है.
रविवार को लालू के बेटे तेजप्रताप ने बड़ा बयान दिया था उन्होंने कहा, 'आज खुशी का दिन था, लेकिन सब बर्बाद हो गया. हमलोगों ने पूरी कोशिश की इसे बचाने के लिए, लेकिन लोगों ने मेरी बेइज्जती की, मजाक उड़ाया. सुनील सिंह, जगदानंद सिंह और संजय ने माहौल बेकार कर दिया. बहुत दुखी हो रहा हूं. आंसू बह रहे हैं. लोगों ने पार्टी बर्बाद करने का बीड़ा उठा लिया है. ये सब वही आरएसएस वाले लोग हैं, जिन्होंने पिताजी को जेल भेजा था. शिवानंद तिवारी ने पिताजी को जेल भेजा था. वैसे-वैसे लोगों को पार्टी में रखा गया है. जो मेहनती हैं, काम कर रहे हैं, उन्हें किनारे किया गया है.'
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"हमको परिवार से मतलब है, हमारी महान जनता से मतलब है. कौन क्या बोलता है, कौन क्या मजा लेता है, कौन खराब करता है, इनसब पर हमें अब नहीं जाना है."- तेज प्रताप यादव, लालू के बड़े बेटे
सूत्रों की अगर मानें तो तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच जब से दूरी बनी है, तब से तेज प्रताप यादव एनडीए नेताओं के संपर्क में हैं. भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि तेज प्रताप यादव पहले अपना रुख स्पष्ट करें. उसके बाद एनडीए कोई संकेत देगी. जहां तक भाजपा का सवाल है तो भाजपा और नरेंद्र मोदी की नीतियों में जो कोई भी विश्वास करेगा उसका हम स्वागत करेंगे.
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"आदरणीय तेज प्रताप जी का पहले स्टैंड क्लियर हो कि वो सही में राजद को छोड़े हैं कि नहीं छोड़े हैं. कभी वो अर्जुन बनाते हैं तो कभी भीम तो कभी कुछ बोलते हैं. जब तक उनका स्टैंड क्लियर नहीं होता तबतक कुछ नहीं हो सकता. कोई रसगुल्ला दिखाएगा तो मान जाएंगे इसलिए उनपर से लोगों का विश्वास उठते जा रहा है. पहले जनता का विश्वास कायम करें. जहां तक पार्टी की बात है तो जो हमारी नीति सिद्धांत को मानते हैं, जो नरेंद्र मोदी के विकास को मानते हैं, उन सभी का पार्टी में स्वागत है."- अरविंद सिंह,भाजपा प्रवक्ता
इन सबके बीच राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि एनडीए के नेता अपने मंसूबों में कामयाब होने वाले नहीं हैं. राजद में सब कुछ ठीक-ठाक है और तेजप्रताप यादव पूरी तरह राजद के साथ हैं.
"डोरे डालने से कुछ नहीं होगा. सब ऑल इज वेल है. दिवास्वप्न देख रहे हैं, मुगालते में न रहें. जो अपना मुद्दा है बीजेपी उसपर ही बात करे".-मृत्युंजय तिवारी,राजद प्रवक्ता
इधर राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का मानना है कि भले ही अभी राजद परिवार में विवाद है, लेकिन तेज प्रताप यादव एनडीए के किसी दल में शामिल होंगे इसकी संभावना कम है. जहां तक भाजपा का सवाल है तो भाजपा किसी नेता को शामिल कराने के बजाय गठबंधन करना मुनासिब समझती है. तेज प्रताप यादव अगर भविष्य में कोई राजनीतिक दल का गठन करते हैं तो भाजपा उन से गठबंधन कर सकती है.
बता दें कि लालू प्रसाद यादव रविवार शाम को दिल्ली से पटना पहुंचे थे. उनके आगमन को लेकर पटना में काफी जोर-शोर से तैयारियां की गई थी. जब शाम में लालू की फ्लाइट पटना पहुंची तो उनके बेटे तेजप्रताप यादव, तेजस्वी यादव, आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह सहित दर्जनों नेता और हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं का हुजूम उनके स्वागत में एयरपोर्ट से लेकर राबड़ी आवास तक जुट गया. माना जा रहा था कि लालू के आने से तेजप्रताप की नाराजगी दूर हो जाएगी. लेकिन अब भी लालू के बड़े बटे के तेवर नरम नहीं पड़े हैं.