पटना: बिहार पुलिस पर लगातार हो रहे हमले (Attack On Bihar Police) को लेकर पुलिस मुख्यालय गंभीर और चिंतित है. ज्यादातर हमलों के पीछे बालू और शराब माफियाओं का हाथ होने की बातें सामने आ चुकी हैं. ऐसे में पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (ADG Jitendra Singh Gangwar On Police Attack) ने कहा कि, 'पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. पुराने मामलों का भी अनुसंधान कर दोषियों पर एक्शन लिया जाएगा.'
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एडीजी ने कहा कि ' पिछले कुछ समय से तलाशी के दौरान पुलिस पर हमले की घटनाओं में इजाफा हुआ है. जब अपराधी के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करने जाती है तो, पुलिस को निशाना बनाया जाता है. या तो खुद अपराधी या उनके परिवार वाले या आसपास के लोग पुलिस पर हमला करते हैं,जो बिल्कुल ही गलत है.'
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"ज्यादातर मामलों में देखा जा रहा है कि, आसपास के लोग गलतफहमी का शिकार होकर भी पुलिस पर हमला कर रहे हैं. रात के अंधेरे में या अहले सुबह जब पुलिस रेड मारने जाती है तो, लोगों को गलतफहमी हो जाती है. गलतफहमी में हुई घटनाएं अलग हैं. लेकिन अगर अपराधियों द्वारा पुलिस को निशाना बनाया जाता है, नुकसान पहुंचाया जाता है तो हम कार्रवाई करेंगे."- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय
जितेंद्र सिंह गंगवार ने जनता से पुलिस को सहयोग करने की अपील भी की है. उन्होंने कहा कि, पुलिस बल कानून के तहत अपना काम करती है. कानून का पालन करते हुए गिरफ्तारी या कुर्की जब्ती की जाती है. ऐसे में पुलिस का विरोध करने के बजाय आम नागरिकों को पुलिस का सहयोग करना चाहिए. इन दिनों अवैध बालू माफियाओं के खिलाफ भी अभियान चलाया जा रहा है. जिसके फलस्वरूप माफियाओं द्वारा पुलिस पर हमले किए जा रहे हैं. यही नहीं बिहार के कई जिलों में शराब माफिया और बालू माफिया पुलिस टीम पर हमला भी कर चुके हैं.
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विगत 2 माह के दौरान 8 से अधिक जगहों पर पुलिस पर हमला हुआ है. इन हमलों को लेकर पुलिस मुख्यालय ने तल्खी दिखाई है. एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार का कहना है कि, इन सभी मामलों की जांच गहराई से और त्वरित तरीके से की जा रही है. जल्द ही जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. स्पीडी ट्रायल चलाकर दोषियों को सजा दिलाई जाएगी.
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कब-कब हुए पुलिस पर हमले: 12 अगस्त को नवादा के रजौली थाना क्षेत्र में पुलिस टीम पर हमला कर हत्या के आरोपी को छुड़ा कर थानेदार समेत पांच जवान को घायल किया गया था. 5 सितंबर को वैशाली जिले के महुआ थाना क्षेत्र के मिल्की गांव में पुलिस मारपीट के आरोपी को गिरफ्तार करने गई हुई थी. उसी दौरान पुलिस टीम पर हमला किया गया, जिसमें थानेदार समेत पांच पुलिसकर्मी घायल हुए थे. 7 सितंबर को बिहार के खगड़िया जिले के गंगौर थाना क्षेत्र के बेला गांव में छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला किया. हमले में थानाध्यक्ष सहित छह जवान घायल हुए थे. 20 अगस्त को पटना जिले के रानी तालाब थाना के बेरर बीघा में बालू माफियाओं ने पुलिस की टीम पर हमला किया, जिसमें पुलिस कर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. घटना में एसएचओ सहित 3 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
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कब-कब हुए पुलिस पर हमले: मुजफ्फरपुर जिले के हथौड़ी थाना क्षेत्र स्थित डीह जीवन गांव में एससी एसटी एक्ट के आरोपी को पकड़ने गई पुलिस पर हमला किया गया, जिसमें आधा दर्जन जवान चोटिल हुए थे. दो वाहन को क्षतिग्रस्त किया गया था. 22 अक्टूबर 2021 को पटना जिले के धनरूआ थाना क्षेत्र के मोरियावां गांव में पुलिस पर ग्रामीणों ने ईंट पत्थर से हमला कर दिया था, जिसमें थानेदार राजू कुमार, सर्किल इंस्पेक्टर राम कुमार सहित 20 पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे. 11 दिसंबर को बाढ़ में अपराधियों ने एएसआई राजेश कुमार को गंभीर रूप से घायल कर दिया. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. वहीं मंगलवार को 14 दिसंबर को नालंदा में बालू माफियाओं ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया. इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
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ऐसी घटनाओं से पुलिस कर्मियों का हौसला गिरता है और अपराधियों का हौसला बुलंद होता है. जरूरत है जल्द से जल्द अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने की. अब देखना यह होगा कि, पुलिस मुख्यालय लगातार पुलिसकर्मियों पर हो रहे हमलों को कैसे रोक पाता है. इस दिशा में जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
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