पटना: छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हो गए थे. छत्तीसगढ़ नक्सली हमले के बाद बिहार पुलिस को भी अलर्ट किया गया है. नक्सल प्रभावित इलाकों को लेकर पुलिस मुख्यालय के माध्यम से इलाके में चौक से पहले सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बिहार में अर्धसैनिक बल और पुलिस साझा तौर पर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही साथ नक्सल प्रभावित इलाकों में थाना और कैंपों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
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10 जवान हुए थे शहीद
बता दें कि बिहार में भी कई बड़े नक्सली प्रभावित इलाके हैं. बिहार के गया, औरंगाबाद, जमुई समेत कुछ बड़े जिलों में बड़े नक्सली हमले हो चुके हैं. आपको बता दें कि 18 जुलाई 2016 को गया के डुमरिया नाले के पास नक्सलियों के माध्यम से किए गए आईडी ब्लास्ट में कोबरा के 10 जवान शहीद हुए थे. वहीं 4 जुलाई 2014 को जम्मू में सीआरपीएफ की 7वीं बटालियन के द्वितीय कमांडिंग ऑफिसर हीरा कुमार झा शहीद हुए थे. इसके साथ-साथ बिहार के कई अन्य जिलों में भी नक्सली हमले में बिहार पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कई जवानों को नुकसान हो चुका है.
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सतर्क रहने की जरूरत
छत्तीसगढ़ नक्सली हमले के बाद पुलिस मुख्यालय ने बिहार के सभी जिले खासकर नक्सली प्रभावित जिले के पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट किया है. पुलिस मुख्यालय का मानना है कि जिस तरह से बिहार में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस और अर्धसैनिक बल की संयुक्त कार्रवाई चल रही है, इसे देखते हुए सतर्क रहने की जरूरत है. बिहार के कई जिले नक्सल प्रभावित हैं. इन इलाकों में नक्सली किसी तरह की वारदात को अंजाम न दे सकें या फिर शरण न ले पाएं, इसे लेकर पुलिस पुलिस अलर्ट पर है.
जोनल कमांडर ने दो साथियों के साथ किया था सरेंडर
पिछले दिनों भाकपा संगठन के जोनल कमांडर आलोक यादव उर्फ गुलशन मारा गया था. उनके साथ एक और साथी की भी मौत हुई थी. इस घटना से पहले नक्सलियों को एक और झटका लगा था. जब जोनल कमांडर और उसके दो दशक से सक्रिय जोनल कमांडर नवल भुइया ने सुरक्षा बल के सामने दो साथियों के साथ सरेंडर किया था.