पटना/नालंदा: बिहार में कोरोना वायरस मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वहीं, बाहर से आये लोगों की सही समय पर जांच न होना राज्य सरकार के लिए चिंता का सबब बन गया है. ऐसे में दिल्ली मरकज में जमातियों ने ये चिंता और बढ़ा दी है. दूसरी ओर नालंदा में हुई जमात की बैठक में शामिल 640 जमातियों में 277 लोगों की पहचान कर ली गई है. बाकी 363 अभी तक ट्रेस नहीं हो पाये हैं. वहीं, पटना से कुल 57 जमातियों को बिहार पुलिस जेल भेज चुकी है.
नालंदा में जमात की बैठक का कनेक्शन जहां झारखंड से जोड़ा जा रहा है. वहीं, पटना से डिटेन किये गये जमातियों का कानेक्शन दिल्ली मरकज से बताया जा रहा है. पटना पुलिस की कार्रवाई के दौरान एक और बात निकलकर आ रही है कि जो जमाती पटना से पकड़े गये हैं. उनमें से 8 को अभी तक ट्रेस नहीं किया जा सका है. ये 8 कहां हैं. इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. पटना में गिरफ्तार किये गये जमातियों में न केवल पटना बल्कि किशनगंज, अररिया और बक्सर से गिरफ्तारी की गई है.
टूरिस्ट वीजा उल्लंघन मामले में गिरफ्तार
हालांकि, पुलिस प्रशासन के मुताबिक सभी जमातियों को टूरिस्ट वीजा के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि सभी को क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. यह सभी इंडोनेशिया और मलेशिया के रहने वाले हैं. सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है. इससे पहले पटना के कुर्जी और समनपूरा के धार्मिक स्थल में छिपे 17 जमातियों को गिरफ्तार किया गया.
क्या नहीं थी जानकारी
सवाल यह उठ रहा है कि केंद्र और राज्य सरकार की खुफिया एजेंसी को इसकी भनक भी नही थी? अगर थी, तो पुलिस ने उन्हें पहले गिरफ्तार क्यों नहीं किया? पटना पुलिस ने पहले तो गिरफ्तार किये सभी जमातियों का कोरोना टेस्ट किया फिर वीजा के नियमों के उल्लंघन मामले में जेल भेज दिया.
भड़क उठे डीजीपी
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से जब इन जमातियों के बारे में पूछा गया. तब वह मीडिया पर भड़क गए और मीडिया कर्मियों से ही पूछने लगे कि आप ही बता दीजिए, कौन ट्रेसलैस है? आपको जानना चाहिए नेशनल वीजा एक्ट का उल्लंघन करने के दौरान उन सभी लोगों पर केस कर उन्हें जेल भेजा गया है. डीजीपी के अनुसार बिहार में कोई जमाती नहीं है. कुछ दिन पहले एसएसबी ने भी नेपाल से सटे बेतिया जिला में भी जमातियों के घुसने को लेकर वहां के डीएम को पत्र लिखा था. उस पर भी डीजीपी का कहना था कि हमने पूरे बॉर्डर को सील कर रखा है. इनका बिहार में घुसना संभव नहीं है.
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
वहीं पटना के वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय की मानें तो, 'सेंट्रल आईबी या स्टेट आईबी के पास इनकी सूचना जरूर रही होगी. क्योंकि टूरिस्ट वीजा पर देश में आने वाले सभी लोगों का आने का पूरा ब्यौरा वीजा में उल्लेखित किया जाता है. वो भारत क्यों आ रहे हैं, कितने दिनों के लिये आ रहे हैं, कहां जाएंगे आदि. ऐसे में आईबी ने इनपुट दिया होगा. लेकिन सही समय पर गिरफ्तारी न होना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है.'
वहीं, बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार का कहना है कि हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. प्रशासनिक लोग ही इन मामलों में ज्यादा कुछ बता सकते हैं. लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं कि सरकार इन मामलों पर सतर्क, सचेत और संवेदनशील है.
आरके सिन्हा ने की निंदा
नालंदा में जमात के कार्यक्रम पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कड़ी निंदा की है. आरके सिन्हा ने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में हुआ. सीएम के गृह जिले में ऐसे कार्यक्रम का आयोजन होने पर किसी षड्यंत्र की बू आ रही है. मरकज तो हर जिले पटना, कटिहार, पूर्णियां, दरंभगा, मुजफ्फरपुर में भी हो सकता था. लेकिन नांलदा को ही क्यों चुना गया. वहां पंडाल लगाकर यह कार्यक्रम का आयोजन हुआ था. सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
- नालंदा में कुल 277 जमातियों को चिन्हित किया जा चुका है. सभी की ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है.
- सभी को क्वॉरेंटाइन किया गया है.
- सभी से पूछताछ के दौरान पता चला है कि इनका अगला कार्यक्रम झारखंड में होने वाला था.
- नालंदा में आयोजन के बारे में इन्होंने प्रशासन को किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी थी.
- 363 जमाती अभी भी ट्रेस नहीं किये गये हैं.
- पुलिस के हाथ पूरी तरह खाली हैं.
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वहीं, बात पटना की करें, तो सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार 8 और जमाती यहांं छिपे हुए है. इनकी खोजबीन बिहार पुलिस लगातार कर रही है. वहीं सवाल खुफिया विभाग पर इसलिए उठ रहा है कि खुफिया विभाग को अगर जानकारी होती, तो पहले ही इन जमातियो को गिरफ्तार कर लेती. लेकिन आम जनता की सूचना के बाद पुलिस ने पटना से इनकी गिरफ्तारी की.