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Niti Aayog Ranking: आकांक्षी जिलों की रैंकिंग जारी, ओवरऑल परफॉर्मेंस में बिहार का एक जिला भी TOP 5 में नहीं

नीति आयोग की आकांक्षी जिलों की रैंकिंग 2022 में इस बार बिहार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. ओवरऑल परफॉर्मेंस में बिहार का एक जिला भी टॉप-5 में स्थान नहीं पा सका. 2018 में लागू इस कार्यक्रम में बिहार के 12 जिलों के नाम इसमें शामिल हैं.

bihar performed not well in ranking of niti aayog
bihar performed not well in ranking of niti aayog
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Published : Jan 20, 2023, 2:32 PM IST

Updated : Jan 20, 2023, 3:13 PM IST

पटना: नीति आयोग ने देश के अल्प विकसित 112 आकांक्षी जिलों की नवंबर 2022 के लिए चैंपियन ऑफ चेंज डेल्टा रैंकिंग जारी कर दी है. साल 2018 में लागू आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत बिहार के 12 जिला कटिहार, अररिया, खगड़िया, शेखपुरा, बेगूसराय, बांका, औरंगाबाद, पूर्णिया, गया, जमुई, नवादा और मुजफ्फरपुर शामिल हैं. लेकिन नीति आयोग की देश के पांच सर्वश्रेष्ठ आकांक्षी जिलों की रैंकिंग में बिहार का एक भी जिला नहीं (bihar performed not well in ranking of niti aayog) है.

पढ़ें- पोषण अभियान योजना लागू करने में महाराष्ट्र, आंध्र, गुजरात शीर्ष राज्य: नीति रिपोर्ट

आकांक्षी जिलों की रैंकिंग जारी: बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड की बात करें तो यहां के 3 जिले टॉप 5 में शामिल हैं, इसमें लोहरदगा को देश में पहला स्थान मिला है, हजारीबाग तीसरे स्थान पर है और बोकारो पांचवें स्थान पर है. इससे पहले नीति आयोग द्वारा जारी चैंपियन ऑफ चेंज डेल्टा रैंकिंग में टॉप 5 में बिहार के 3 जिले शामिल थे, जिसमें शेखपुरा पहले स्थान, पूर्णिया दूसरे स्थान और गया तीसरे स्थान पर था.

टॉप 5 में बिहार के किसी भी जिले का नाम नहीं: नीति आयोग द्वारा चलाए जाने वाला आकांक्षी जिला कार्यक्रम का उद्देश्य है कि नक्सली हिंसा प्रभावित या सामाजिक और आर्थिक रूप से जो जिले पिछड़े हैं उनकी पहचान कर उनके समग्र विकास में सहायता की जाए. ऐसा इसलिए ताकि पिछड़े जिले भी विकास के मामले में दूसरे जिले के बराबर खड़े हो सके.

मिलता है ये फायदा: इन जिलों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, वित्तीय स्थिति और आधारभूत संरचना जैसे प्रमुख क्षेत्रों को विकसित करने पर ध्यान दिया जाता है. शिक्षा के क्षेत्र में मुख्य रूप से स्कूल में पढ़ाई और लाइब्रेरी की सुविधा के साथ-साथ स्कूलों में आधारभूत संरचना जिसमें पेयजल और टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध हो इस पर विशेष ध्यान दी जाती है.

नीति आयोग चेंज ऑफ डेल्टा रैंकिंग तय कैसे करता है?: नीति आयोग ने चैंपियन ऑफ चेंज डेल्टा रैंकिंग तय करने के लिए व्यापक रूप से 5 पैरामीटर तय किए हैं. कुल 100 अंकों के पैरामीटर में शिक्षा को 30 फीसदी, स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में 30 फीसदी, कृषि और जल संसाधन के क्षेत्र में 20 फीसदी, इंफ्रास्ट्रक्चर को 10 फीसदी और वित्तीय समावेशन और कौशल विकास को 10 फीसदी अंक हैं. इन विभिन्न पैरामीटर में प्राप्त अंकों के आधार पर ही आकांक्षी जिलों की रैंकिंग की जाती है.

पटना: नीति आयोग ने देश के अल्प विकसित 112 आकांक्षी जिलों की नवंबर 2022 के लिए चैंपियन ऑफ चेंज डेल्टा रैंकिंग जारी कर दी है. साल 2018 में लागू आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत बिहार के 12 जिला कटिहार, अररिया, खगड़िया, शेखपुरा, बेगूसराय, बांका, औरंगाबाद, पूर्णिया, गया, जमुई, नवादा और मुजफ्फरपुर शामिल हैं. लेकिन नीति आयोग की देश के पांच सर्वश्रेष्ठ आकांक्षी जिलों की रैंकिंग में बिहार का एक भी जिला नहीं (bihar performed not well in ranking of niti aayog) है.

पढ़ें- पोषण अभियान योजना लागू करने में महाराष्ट्र, आंध्र, गुजरात शीर्ष राज्य: नीति रिपोर्ट

आकांक्षी जिलों की रैंकिंग जारी: बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड की बात करें तो यहां के 3 जिले टॉप 5 में शामिल हैं, इसमें लोहरदगा को देश में पहला स्थान मिला है, हजारीबाग तीसरे स्थान पर है और बोकारो पांचवें स्थान पर है. इससे पहले नीति आयोग द्वारा जारी चैंपियन ऑफ चेंज डेल्टा रैंकिंग में टॉप 5 में बिहार के 3 जिले शामिल थे, जिसमें शेखपुरा पहले स्थान, पूर्णिया दूसरे स्थान और गया तीसरे स्थान पर था.

टॉप 5 में बिहार के किसी भी जिले का नाम नहीं: नीति आयोग द्वारा चलाए जाने वाला आकांक्षी जिला कार्यक्रम का उद्देश्य है कि नक्सली हिंसा प्रभावित या सामाजिक और आर्थिक रूप से जो जिले पिछड़े हैं उनकी पहचान कर उनके समग्र विकास में सहायता की जाए. ऐसा इसलिए ताकि पिछड़े जिले भी विकास के मामले में दूसरे जिले के बराबर खड़े हो सके.

मिलता है ये फायदा: इन जिलों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, वित्तीय स्थिति और आधारभूत संरचना जैसे प्रमुख क्षेत्रों को विकसित करने पर ध्यान दिया जाता है. शिक्षा के क्षेत्र में मुख्य रूप से स्कूल में पढ़ाई और लाइब्रेरी की सुविधा के साथ-साथ स्कूलों में आधारभूत संरचना जिसमें पेयजल और टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध हो इस पर विशेष ध्यान दी जाती है.

नीति आयोग चेंज ऑफ डेल्टा रैंकिंग तय कैसे करता है?: नीति आयोग ने चैंपियन ऑफ चेंज डेल्टा रैंकिंग तय करने के लिए व्यापक रूप से 5 पैरामीटर तय किए हैं. कुल 100 अंकों के पैरामीटर में शिक्षा को 30 फीसदी, स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में 30 फीसदी, कृषि और जल संसाधन के क्षेत्र में 20 फीसदी, इंफ्रास्ट्रक्चर को 10 फीसदी और वित्तीय समावेशन और कौशल विकास को 10 फीसदी अंक हैं. इन विभिन्न पैरामीटर में प्राप्त अंकों के आधार पर ही आकांक्षी जिलों की रैंकिंग की जाती है.

Last Updated : Jan 20, 2023, 3:13 PM IST

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