पटना: पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) के विभिन्न रूटों पर चलाए जा रहे पैसेंजर ट्रेनों की संख्या कम होने के कारण दैनिक यात्रियों की परेशानी काफी बढ़ गई है. जिस कारण दानापुर डिवीजन (Danapur Division) के कई रूटों पर यात्रियों ने पटरियों पर उतरकर घंटों ट्रेनों का परिचालन बाधित रखा. पैसेंजर ट्रेनों का किराया मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के बराबर लिया जा रहा है. यात्रियों की सुविधा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है.
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आपको बताते चलें कि पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) में कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के पहले 307 जोड़ी मेल एक्सप्रेस और 190 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन किया जाता था. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जब पिक पर थी, उस समय कुछ स्पेशल ट्रेनों (Special Train) और पैसेंजर ट्रेनों (Passenger Trains) के परिचालन पर रोक लगा दी गई थी. जिन रूटों पर पैसेंजर ट्रेनों की संख्या कम है, उन रूटों पर रेलवे प्रशासन ने पैसेंजर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने को लेकर रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है. रेलवे बोर्ड से अनुमोदन प्राप्त होते ही पैसेंजर ट्रेनों की संख्या में और वृद्धि की जाएगी.
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कोरोना संक्रमण के मामले कम होते ही धीरे-धीरे पूर्व में बंद की गई स्पेशल व पैसेंजर ट्रेनों को पटरी पर उतारा गया है. फिलहाल पूर्व मध्य रेल में 279 मेल एक्सप्रेस और 74 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. पूर्व मध्य रेल के अधिकारी की मानें तो शेष बचे पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन को लेकर रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया है. बहुत जल्दी ही शेष पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन होने की संभावना जताई जा रही है.
पैसेंजर ट्रेनों की संख्या कम होने के कारण यात्री भी मजबूरी में जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं. सवारी गाड़ी की संख्या बढ़ने से दैनिक यात्रियों को काफी सहूलियत मिलेगी. साथ ही कोविड-19 के नियमों का पालन भी हो सकेगा. अभी जितनी भी पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं, उसमें सोशल डिस्टेंसिंग की बात तो दूर, लोग गेट पर लटककर यात्रा कर रहे हैं.
पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि सुरक्षात्मक कदम और यात्रियों के स्वास्थ्य को देखते हुए ट्रेनों के सभी कोचों को आरक्षित श्रेणी में रखा गया है. जिससे संक्रमण से बचाव किया जा सके. परिस्थितियां जैसे-जैसे सामान्य हो रही है, यात्रियों की मांग पर सुविधा के लिए अनारक्षित पैसेंजर स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया है. इसलिए पहले की तुलना में वर्तमान पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन कम संख्या में की जा रही है.