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दलगत नहीं बिहार पंचायत चुनाव, लेकिन हर दल लड़ रहा 'दंगल' - राजनीतिक दल के आधार पर चुनाव नहीं

बिहार पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) में उम्मीदवार किसी भी राजनीतिक दल (Political Party) के आधार पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. अगर उम्मीदवार ऐसा करते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. बावजूद इसके इस चुनाव में राजनीतिक दल काफी सक्रियता दिखा रहे हैं. पढ़ें रिपोर्ट..

बिहार पंचायत चुनाव
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Published : Aug 24, 2021, 7:31 PM IST

पटना: बिहार में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) की अधिसूचना (Notification) जारी हो गई है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2021 में मुखिया, वार्ड सदस्‍य, पंच, सरपंच और पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिये होना है. राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) के द्वारा जारी दिशा-निर्देश के तहत उम्मीदवार किसी भी राजनीतिक दल (Political Party) के आधार पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.

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आयोग ने पंचायत चुनाव से संबंधित 42 पेज की आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) बनाई है, जो कि चुनाव की समाप्ति तक लागू रहेंगे. राज्य चुनाव आयोग ने राजनीतिक दल के नाम पर या पार्टी के झंडे की आड़ में चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा रखी है. अगर उम्मीदवार ऐसा करते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा.

दलगत आधार पर पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) नहीं होने के बावजूद इस बार राजनीतिक दलों की काफी सक्रियता दिख रही है. अपने-अपने कार्यकर्ताओं को जिताकर पंचायत स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए रणनीति बनाई जा रही है. भले ही इस चुनाव में किसी पार्टी का झंडा, पोस्टर और बैनर नहीं दिखेंगे, लेकिन सभी राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से चुनाव मैदान में किसी ना किसी प्रत्याशी को समर्थन देंगे और जो प्रत्याशी होंगे उनका चयन भी पार्टी के आधार पर ही होगा. ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी की पैठ और जनाधार बनाने की रणनीति के तहत बीजेपी (BJP) पंचायत चुनाव में बिना झंडे का इस्तेमाल किये कूदने जा रही है.

ये भी पढ़ें- मुखिया-सरपंच के लिए जमा करना होगा ₹1000 फीस, जानिए अन्य पदों के लिए कितनी होगी जमानत राशि

पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी पहले ही कह चुके हैं कि राज्य निर्वाचन आयोग ने तय किया है कि कोई झंडा नहीं लगा सकता, कोई बैनर नहीं लगता और न ही हम पार्टी की तरफ से किसी को अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर सकते हैं. ऐसे में चुनाव लड़ने के लिए सभी स्वतंत्र है. पार्टी के वर्कर अगर चुनाव लड़ना चाहते हैं तो लड़ें. बीजेपी ने रणनीतियों को अंजाम देना भी शुरू कर दिया है. पार्टी चाहती है कि अधिक से अधिक संख्या में कार्यकर्ता स्थानीय निकाय में चुनाव जीत हासिल करें.

वहीं, बात जेडीयू (JDU) और आरजेडी (RJD) की करें, तो इन दोनों क्षेत्रीय पार्टियों ने भी इसी तरह की तैयारी कर रखी है. आरजेडी ने तो इसे लेकर एक एडवाजरी भी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए जारी कर दी है.

ये भी पढ़ें- पंचायत चुनाव: PM मोदी की उपलब्धियों को निचले स्तर तक ले जाएगी BJP

बिहार में 9 प्रमंडल 38 जिले 534 प्रखंड 8072 ग्राम पंचायत और 1.14 लाख वार्ड हैं. ग्राम पंचायत मुखिया के 8072, ग्राम पंचायत सदस्य के 113307, पंचायत समिति सदस्य के 11104, जिला परिषद सदस्य के 1160, ग्राम कचहरी सरपंच के 8072 और ग्राम कचहरी पंच के 113307 पदों पर चुनाव होंगे. कुल 2,55,022 पदों के लिए वोट डाले जाएंगे. 11 चरण में होने वाले पंचायत चुनाव में पहली बार ईवीएम (EVM) का इस्तेमाल होगा. वोट 24 सितंबर, 29 सितंबर, 8 अक्टूबर, 20 अक्टूबर, 24 अक्टूबर, 3 नवंबर, 15 नवंबर, 24 नवंबर, 29 नवंबर, 8 दिसंबर और 12 दिसंबर को डाले जाएंगे.

8072 पंचायतों में 1,13,891 बूथ बनाए गए हैं. मतदान भवनों की संख्या 73736 है. चुनाव में 6,38,94,737 मतदाता शामिल होंगे. इनमें 3,35,80,487 पुरुष, 3,03,11,779 महिला और 2,471 अन्य मतदाता हैं. पहले चरण में 10 जिलों के 12 प्रखंडों में मतदान होंगे. दूसरे चरण में 32 जिलों के 48 प्रखंडों, तीसरे चरण में 33 जिलों के 50 प्रखंडों, चौथे चरण में 36 जिलों के 53 और पांचवें चरण में 38 जिलों के 58 प्रखंडों में वोट डाले जाएंगे.

ये भी पढ़ें- बिहार में 24 सितंबर से 12 दिसंबर तक 11 चरणों में पंचायत चुनाव, अधिसूचना जारी

वहीं, छठे चरण में 37 जिलों के 57 प्रखंडों, सातवें में 37 जिलों के 63 प्रखंडों व आठवें चरण में 36 जिलों के 55 प्रखंडों में मतदान होगा. नौवें चरण में 33 जिलों के 53 प्रखंडों और 10वें चरण में 34 जिलों के 53 प्रखंडों में मतदान होंगे. 11वें और अंतिम चरण के मतदान में बाढ़ प्रभावित 20 जिलों के 38 प्रखंडों के मतदाता शामिल होंगे.

पटना: बिहार में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) की अधिसूचना (Notification) जारी हो गई है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2021 में मुखिया, वार्ड सदस्‍य, पंच, सरपंच और पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिये होना है. राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) के द्वारा जारी दिशा-निर्देश के तहत उम्मीदवार किसी भी राजनीतिक दल (Political Party) के आधार पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.

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आयोग ने पंचायत चुनाव से संबंधित 42 पेज की आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) बनाई है, जो कि चुनाव की समाप्ति तक लागू रहेंगे. राज्य चुनाव आयोग ने राजनीतिक दल के नाम पर या पार्टी के झंडे की आड़ में चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा रखी है. अगर उम्मीदवार ऐसा करते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा.

दलगत आधार पर पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) नहीं होने के बावजूद इस बार राजनीतिक दलों की काफी सक्रियता दिख रही है. अपने-अपने कार्यकर्ताओं को जिताकर पंचायत स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए रणनीति बनाई जा रही है. भले ही इस चुनाव में किसी पार्टी का झंडा, पोस्टर और बैनर नहीं दिखेंगे, लेकिन सभी राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से चुनाव मैदान में किसी ना किसी प्रत्याशी को समर्थन देंगे और जो प्रत्याशी होंगे उनका चयन भी पार्टी के आधार पर ही होगा. ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी की पैठ और जनाधार बनाने की रणनीति के तहत बीजेपी (BJP) पंचायत चुनाव में बिना झंडे का इस्तेमाल किये कूदने जा रही है.

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पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी पहले ही कह चुके हैं कि राज्य निर्वाचन आयोग ने तय किया है कि कोई झंडा नहीं लगा सकता, कोई बैनर नहीं लगता और न ही हम पार्टी की तरफ से किसी को अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर सकते हैं. ऐसे में चुनाव लड़ने के लिए सभी स्वतंत्र है. पार्टी के वर्कर अगर चुनाव लड़ना चाहते हैं तो लड़ें. बीजेपी ने रणनीतियों को अंजाम देना भी शुरू कर दिया है. पार्टी चाहती है कि अधिक से अधिक संख्या में कार्यकर्ता स्थानीय निकाय में चुनाव जीत हासिल करें.

वहीं, बात जेडीयू (JDU) और आरजेडी (RJD) की करें, तो इन दोनों क्षेत्रीय पार्टियों ने भी इसी तरह की तैयारी कर रखी है. आरजेडी ने तो इसे लेकर एक एडवाजरी भी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए जारी कर दी है.

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बिहार में 9 प्रमंडल 38 जिले 534 प्रखंड 8072 ग्राम पंचायत और 1.14 लाख वार्ड हैं. ग्राम पंचायत मुखिया के 8072, ग्राम पंचायत सदस्य के 113307, पंचायत समिति सदस्य के 11104, जिला परिषद सदस्य के 1160, ग्राम कचहरी सरपंच के 8072 और ग्राम कचहरी पंच के 113307 पदों पर चुनाव होंगे. कुल 2,55,022 पदों के लिए वोट डाले जाएंगे. 11 चरण में होने वाले पंचायत चुनाव में पहली बार ईवीएम (EVM) का इस्तेमाल होगा. वोट 24 सितंबर, 29 सितंबर, 8 अक्टूबर, 20 अक्टूबर, 24 अक्टूबर, 3 नवंबर, 15 नवंबर, 24 नवंबर, 29 नवंबर, 8 दिसंबर और 12 दिसंबर को डाले जाएंगे.

8072 पंचायतों में 1,13,891 बूथ बनाए गए हैं. मतदान भवनों की संख्या 73736 है. चुनाव में 6,38,94,737 मतदाता शामिल होंगे. इनमें 3,35,80,487 पुरुष, 3,03,11,779 महिला और 2,471 अन्य मतदाता हैं. पहले चरण में 10 जिलों के 12 प्रखंडों में मतदान होंगे. दूसरे चरण में 32 जिलों के 48 प्रखंडों, तीसरे चरण में 33 जिलों के 50 प्रखंडों, चौथे चरण में 36 जिलों के 53 और पांचवें चरण में 38 जिलों के 58 प्रखंडों में वोट डाले जाएंगे.

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वहीं, छठे चरण में 37 जिलों के 57 प्रखंडों, सातवें में 37 जिलों के 63 प्रखंडों व आठवें चरण में 36 जिलों के 55 प्रखंडों में मतदान होगा. नौवें चरण में 33 जिलों के 53 प्रखंडों और 10वें चरण में 34 जिलों के 53 प्रखंडों में मतदान होंगे. 11वें और अंतिम चरण के मतदान में बाढ़ प्रभावित 20 जिलों के 38 प्रखंडों के मतदाता शामिल होंगे.

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