पटना: बिहार में प्याज पर सियासत थम नहीं रही है. विपक्ष सरकार पर आरोप लगा रहा है कि नालंदा व्यापारियों के दबाव में सरकार सस्ता प्याज नहीं बेच रही है. आरजेडी का तो यहां तक कहना है कि कुछ व्यापारी जदयू को चंदा देते हैं और इसलिए जमाखोरी पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है. बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील सिंह का कहना कि यदि नालंदा में छापेमारी हो जाए, तो बिहार में प्याज का दाम अपने आप घट जाएगा.
वहीं, विपक्ष की बात को बेबुनियाद बताते हुए जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि कालाबाजारियों के साथ लालू यादव और आरजेडी के क्या संबंध रहे हैं, उसे पूरा बिहार जानता है. दरअसल, बिस्कोमान सस्ता प्याज बेच रहा था. लेकिन उसमें भी सरकार ने सहयोग नहीं किया. जिसके बाद बनाए गए नियमों को लेकर प्याज बेचना बंद कर दिया. बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील सिंह की मानें तो सरकार को नालंदा में छापेमारी करनी चाहिए. यहां बड़े पैमाने पर प्याज की जमाखोरी है.
भाई वीरेंद्र ने साधा निशाना
आरजेडी को प्याज की बढ़ी कीमतों के लिए सत्ता को घेरने का बड़ा मुद्दा मिल गया है. पिछले दिनों विधानसभा सत्र के दौरान भी प्याज की माला पहनकर आरजेडी के विधायक विधानसभा पहुंच गए थे. वहीं, आरजेडी के भाई वीरेंद्र का कहना है कि सरकार की नालंदा के व्यापारियों से सांठगांठ है और जदयू को चंदा भी मिलता है. इसलिए कालाबाजारी के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
कांग्रेस हुई हमलावर
कांग्रेस नेता नीतीश कुमार पर सीधा हमला करने से तो बच रहे हैं. लेकिन उनका भी मानना है कि नालंदा में प्याज है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह कहना है कि बिहारशरीफ प्याज और आलू के उत्पादन के लिए जाना जाता है.
- प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. विपक्ष को भी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है. विशेषज्ञों की माने तो प्याज पर सियासत तभी थमेगी, जब इसकी कीमतें घटेंगी.