पटना: बिहार में लगभग 42 हजार चयनित अभ्यर्थियों को 23 फरवरी से नियुक्ति पत्र (Appointment letter to 42 thousand teachers on 23 February) मिलेगा और स्कूल में योगदान के बाद वह सरकारी प्राइमरी टीचर बन जाएंगे. इन नए शिक्षकों को 15% वेतन वृद्धि के बाद 5200 स्केल के बेसिक स्लैब में नियुक्त किया जाएगा, जिसमें उनका मेल मूल वेतन 15,380 रुपए होगा. इसमें डीए, मेडिकल और एचआरए जोड़कर भी शिक्षकों को कुल लगभग 19,963 रुपए (Bihar newly appointed Teachers Salary) मिलेंगे. अब सवाल ये है कि इस छोटे से अमाउंट में शिक्षकों का काम चल पाएगा.
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बिहार में शिक्षकों का वर्तमान सैलरी स्ट्रक्चर (Present Salary Structure of Teachers in Bihar) के मुताबिक नवनियुक्त शिक्षकों का मूल वेतन 15,380 रुपए होगा और अन्य भत्तों को जोड़कर कुल सैलरी 19,963 रुपए बनेगी. यानी 1800 रुपए ईपीएफ के मद में काटने के बाद शिक्षकों के अकाउंट में केवल 19,963 रुपए ही आएंगे. इस बारे में हमने नए नियुक्त होने वाले शिक्षकों से भी बात की.
भोजपुर जिले में नगर प्रारंभिक शिक्षक के पद पर ज्वाइन करने के लिए तैयार आशा कुमारी ने बताया कि ''हम लोग प्रशिक्षित शिक्षक हैं. फिर भी हमें 2 साल तक इसी सैलरी पर काम करना होगा. सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए कि इतने कम पैसे में शिक्षक कैसे काम कर पाएंगे. खासकर तब जब ज्यादातर शिक्षकों का चयन उनके गृह जिले में नहीं होकर किसी और जिले में हुआ है.''
शिक्षक नेता आशीष कुमार सिंह ने कहा कि ''इस बारे में सबसे महत्वपूर्ण विषय है कि नए ज्वाइन करने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षित होने के बावजूद अनट्रेंड की तरह 2 साल तक वेतन दिया जाता है और उसके बाद उन्हें ग्रेड-पे में शामिल किया जाता है, जिसके कारण वो अत्यंत कम वेतन पर काम करने को मजबूर होते हैं.''
इस बारे में अखिल भारतीय शैक्षिक परिषद के राष्ट्रीय सचिव शैलेंद्र कुमार शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि ''जो बहालियां अब हो रही है. उसमें सरकार मेरिटोरियस लोगों को ही मौका दे रही है, जो पूरी तरह प्रशिक्षित हैं. ऐसे में अगर उन्हें 2 साल तक किसी वजह से ग्रेड पे नहीं मिलता है, तो यह उनके साथ क्रूर मजाक है.''
बता दें कि 23 फरवरी से बिहार में करीब 42 हजार चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिलेगा. जिन्हें विभिन्न नियोजन इकाइयों में अवस्थित स्कूलों में योगदान देना होगा. योगदान के बाद जिन शिक्षकों के सर्टिफिकेट सही पाए गए हैं, उन्हें वेतन मिलना भी शुरू हो जाएगा. लेकिन, जिन शिक्षकों के सर्टिफिकेट का वेरिफिकेशन नहीं हो पाया है, उन्हें सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन के बाद ही वेतन मिलेगा. यह वेतन इतना कम होगा कि उनके लिए घर से दूर रहकर खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.
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