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Bihar Teacher Recruitment : नई नियमावली में कमियां दूर किए बिना वैकेंसी निकालने पर सवाल, शिक्षक संघ ने की ये अपील

बिहार में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली में विसंगतियों को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ ने मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने अभ्यर्थियों से अपील की है कि ''कोई इस भर्ती को न भरें जब तक इसकी कमियों को सरकार दूर न कर ले.''

bihar madhyamik shikshak sangh opposed
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Published : Jun 15, 2023, 6:40 PM IST

पटना : बिहार में नई शिक्षा नीति के तहत बीपीएससी की ओर से शिक्षकों की बहाली एग्जाम कैलेंडर जारी कर दिया गया है. गुरुवार यानी आज 15 जून से 12 जुलाई तक आवेदन करने का समय दिया गया है. इसी कड़ी में आज बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 की विसंगतियों एव त्रुटियों के निराकरण के बिना ही सरकार के निर्देशानुसार बिहार लोक सेवा आयोग ने आवेदन पत्र आमंत्रित कर दिया.

ये भी पढ़ें- Bihar Teacher Recruitment: आज से शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू, इतने पदों के लिए होगी बहाली

बिना निराकरण वैकेंसी गलत : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव ने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग यानी बीपीएससी की तरफ से शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जबकि अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 की विसंगतियों का निराकरण नहीं किया गया. इसलिए बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के तरफ से ये आह्वान किया जा रहा है कोई भी प्रतियोगी फॉर्म ना भरे.

''19 तारीख को पटना उच्च न्यायालय में पूर्व दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होने वाली है. जिसमें आयोग द्वारा प्रकाशित विज्ञप्ति के स्थगन और नियमावली में सभी कोटि के शिक्षकों को राज्य कर्मी के रूप में समायोजित करने की याचिका दी गई है. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ एवं अन्य शिक्षक संगठनों ने भी बार-बार सरकार से वार्ता के द्वारा विसंगतियों के निराकरण पर लिखित अनुरोध किया है. लेकिन सरकार बदस्तूर नीति अपनाकर यह निर्णय ले रही है, विचार नहीं कर रही है.''- शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव


'पदों को लेकर सरकार मौन' : पूर्व से कार्यरत 400000 से भी ज्यादा शिक्षकों एवं लगभग दो लाख अधिक पदों के अभ्यर्थियों से मात्र 170000 की विज्ञप्ति रिक्तियों के विरुद्ध आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए. अध्यापक नियमावली की कंडिका 8 जिसमें कहा गया है कि पंचायती राज नगर निकाय संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों के लिए अलग से प्रक्रिया का निर्धारण किया जाएगा. इस संबंध में सरकार अभी तक मौन है.

नई शिक्षक नियमावली पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह यह नियमावली के द्वारा पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को बेरोजगार करने एवं नए अभ्यर्थियों को भी अनिश्चित काल तक बेरोजगार बनाए रखने की साजिश है. एक ही विद्यालय में, एक ही पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले तीन तीन श्रेणियों में शिक्षक नियुक्ति करने की नीयत से प्रत्येक विद्यालय में अराजकता पैदा कर पठन-पाठन ठप करने के लिए सरकार निर्णय ले रही है. जिसका हम लोग विरोध कर रहे हैं.

'अभ्यर्थी न भरें फॉर्म' : उन्होंने कहा कि इसलिए लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि अभी इंतजार करना उचित है. विवेकशील शिक्षक जल्दबाजी में परीक्षा के लिए आवेदन नहीं करेंगे. अपनी एकजुटता कायम रखेंगे, 19 साल की मेहनत, वेतनमान का आर्थिक घाटा तथा हीन भावना का शिकार नहीं होना पड़े.

पटना : बिहार में नई शिक्षा नीति के तहत बीपीएससी की ओर से शिक्षकों की बहाली एग्जाम कैलेंडर जारी कर दिया गया है. गुरुवार यानी आज 15 जून से 12 जुलाई तक आवेदन करने का समय दिया गया है. इसी कड़ी में आज बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 की विसंगतियों एव त्रुटियों के निराकरण के बिना ही सरकार के निर्देशानुसार बिहार लोक सेवा आयोग ने आवेदन पत्र आमंत्रित कर दिया.

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बिना निराकरण वैकेंसी गलत : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव ने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग यानी बीपीएससी की तरफ से शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जबकि अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 की विसंगतियों का निराकरण नहीं किया गया. इसलिए बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के तरफ से ये आह्वान किया जा रहा है कोई भी प्रतियोगी फॉर्म ना भरे.

''19 तारीख को पटना उच्च न्यायालय में पूर्व दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होने वाली है. जिसमें आयोग द्वारा प्रकाशित विज्ञप्ति के स्थगन और नियमावली में सभी कोटि के शिक्षकों को राज्य कर्मी के रूप में समायोजित करने की याचिका दी गई है. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ एवं अन्य शिक्षक संगठनों ने भी बार-बार सरकार से वार्ता के द्वारा विसंगतियों के निराकरण पर लिखित अनुरोध किया है. लेकिन सरकार बदस्तूर नीति अपनाकर यह निर्णय ले रही है, विचार नहीं कर रही है.''- शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव


'पदों को लेकर सरकार मौन' : पूर्व से कार्यरत 400000 से भी ज्यादा शिक्षकों एवं लगभग दो लाख अधिक पदों के अभ्यर्थियों से मात्र 170000 की विज्ञप्ति रिक्तियों के विरुद्ध आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए. अध्यापक नियमावली की कंडिका 8 जिसमें कहा गया है कि पंचायती राज नगर निकाय संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों के लिए अलग से प्रक्रिया का निर्धारण किया जाएगा. इस संबंध में सरकार अभी तक मौन है.

नई शिक्षक नियमावली पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह यह नियमावली के द्वारा पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को बेरोजगार करने एवं नए अभ्यर्थियों को भी अनिश्चित काल तक बेरोजगार बनाए रखने की साजिश है. एक ही विद्यालय में, एक ही पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले तीन तीन श्रेणियों में शिक्षक नियुक्ति करने की नीयत से प्रत्येक विद्यालय में अराजकता पैदा कर पठन-पाठन ठप करने के लिए सरकार निर्णय ले रही है. जिसका हम लोग विरोध कर रहे हैं.

'अभ्यर्थी न भरें फॉर्म' : उन्होंने कहा कि इसलिए लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि अभी इंतजार करना उचित है. विवेकशील शिक्षक जल्दबाजी में परीक्षा के लिए आवेदन नहीं करेंगे. अपनी एकजुटता कायम रखेंगे, 19 साल की मेहनत, वेतनमान का आर्थिक घाटा तथा हीन भावना का शिकार नहीं होना पड़े.

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