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भोला यादव की गिरफ्तारी पर बिहार में सियासी हलचल, RJD के आरोपों पर NDA का पलटवार - रेलवे भर्ती घोटाले

आरजेडी नेता भोला प्रसाद यादव की गिरफ्तार (CBI Arrested Bhola Yadav) के बाद बिहार में पक्ष और विपक्षी दल की बयानबाजी तेज हो गई है. हमेशा की तरह जहां आरजेडी इसे केंद्र सरकार की मनमानी और सीबीआई का दुरुपयोग बता रही है, वहीं, सत्ताधारी बीजेपी के नेता और मंत्री नितिन नवीन इसे आरजेडी नेताओं के कुकर्मों का नतीजा बता रहे हैं.

Bihar Leaders
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Published : Jul 27, 2022, 2:36 PM IST

पटनाः रेलवे भर्ती घोटाले से जुड़े एक मामले में आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी और पूर्व आरजेडी विधायक भोला यादव यादव (former RJD MLA Bhola Prasad Yadav) गिरफ्तार हो गए हैं. इसे लेकर बिहार की राजनीति फिर से गरमा गई है. भोला यादव की गिरफ्तारी (Bihar Leaders Reaction On CBI Arresting Of Bhola Yadav) को लेकर जहां राजद ने इसे सीबीआई का दुरपयोग बताया है, वहीं जेडीयू और बेजीपी ने इसे कानूनी प्रक्रिया कहा है, बीजेपी नेता और मंत्री नितिन नवीन ने तो यहां तक कहा कि ये सब आरजेडी नेताओं के कुकर्मों का नतीजा है. जबकि आरजेडी इसे सिर्फ और सिर्फ बदले की कार्रवाई कह रही है.

ये भी पढ़ेंः लालू के करीबी भोला यादव अरेस्ट, रेलवे भर्ती घोटाले में दिल्ली से हुई गिरफ्तारी

बदले की भावना से की गई कार्रवाईः भोला यादव की गिरफ्तार को लेकर राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव (Shakti Singh Yadav) ने साफ-साफ कहा है कि बदले की भावना से इस तरह की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है और जो साफ दिख रहा है. जबकि बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन (Minister Nitin Naveen) ने कहा कि जिस तरह का कर्म उन्होंने किया है निश्चित तौर पर उसका ही फल वह भोग रहे हैं, सीबीआई को जरूर कहीं न कहीं किसी तरह की जानकारी रही होगी और यही कारण है कि सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया है.

"ये सब बदले की भावना से की गई कार्रवाई है क्योंकि अभी तक सीबीआई की एजेंसी यह साबित नहीं कर पाई है कि नौकरी के बदले में कहीं कोई जमीन ली गई है और जो कार्रवाई भोला यादव पर हो रही है वह पूरी तरह से गलत है और बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है.
भोला यादव ना कोई मंत्री थे ना ही कोई बड़े अधिकारी थे. वह मात्र एक ओएसडी की भूमिका में थे और उनके आवास पर जिस तरह से छापेमारी चल रही है, जिस तरह से उनकी गिरफ्तारी की गई है. यह किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता है"- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, राजद

"कानून अपना काम कर रहा है और हमारे नेता का तो साफ कहना है कि ना हमलोग किसी को फंसाते हैं ना ही बचाते हैं. न हीं जो कानून तोड़ता है, उसके साथ खड़े रहते हैं. इनकम टैक्स विभाग ने किस आधार पर छापेमारी की है. इसके बारे में अभी कोई पूरी जानकारी नहीं है, यह तो वही लोग बता सकते हैं"- अजय चौधरी, जदयू विधायक

भोला यादव की गिरफ्तारी पर बिहार में हलचल

"15 वर्षो के शासनकाल में जिस तरह का घोटाला बिहार में हुआ, आज वही सामने आ रहा है. जो लोग इसे बदले की भावना की कार्रवाई कह रहे हैं उन्हें या जवाब देना चाहिए कि जब सीबीआई में ये मामला चल रहा था और उनके वकील ने सही जानकारी नहीं दिया. उसके बाद सीबीआई ने कार्रवाई की है. जितने भी घोटाले उनके राज में हुए चाहे वह यूपीए सरकार केंद्र में हो, चाहे बिहार में लालू यादव की सरकार हो वही मामले हैं और उसकी जांच सीबीआई कर रही है, इसमें कहीं से सत्ताधारी दल का कोई लेना देना नहीं है"- नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री

भोला यादव के 4 ठिकानों पर छापेमारीः दरअसल सीबीआई ने भोला यादव को दिल्ली से लैंड फॉर जॉब घोटाले मामले में गिरफ्तार किया है. वो 2004 से 2009 तक लालू प्रसाद यादव के OSD रहे थे, लालू उस दौरान रेल मंत्री थे. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते जॉब लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे. सीबीआई उनको हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. चार दिन पहले सीबीआई ने इस मामले में उनको पूछताछ के लिए भी बुलाया था. आईआरसीटीसी घोटाले (IRCTC Scam) में भोला यादव के 4 ठिकानों पर छापेमारी की गई है. आयकर विभाग ने उनके पैतृक घर कपछाही और बहादुरपुर स्थित आवास पर और पटना में भी छापा मारा है.

लालू यादव के बेहद करीबी हैं भोला यादवः आपको बता दें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में वह बहादुरपुर सीट विधायक चुने गए थे. हालांकि हालिया 2020 चुनाव में वे हायाघाट सीट से चुनाव हार गए हैं. उनको लालू का हनुमान कहा जाता है और तेजस्वी के भी काफी नजदीकी माने जाते हैं. लालू की बीमारी से लेकर जेल और कोर्ट-कचहरी हर जगह वो साया की तरह उनके साथ रहते हैं. अभी हाल में पारस अस्पताल से लेकर दिल्ली एम्स तक उनके साथ थे. पिछले लगभग 20 सालों से वह लालू के निजी सहायक रहे हैं. लालू के वफादार माने जाने वाले भोला यादव मैथमेटिक्स से ग्रेज्युएट हैं और लालू प्रसाद यादव की हर पसंद और नापसंद को समझते हैं.

पटनाः रेलवे भर्ती घोटाले से जुड़े एक मामले में आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी और पूर्व आरजेडी विधायक भोला यादव यादव (former RJD MLA Bhola Prasad Yadav) गिरफ्तार हो गए हैं. इसे लेकर बिहार की राजनीति फिर से गरमा गई है. भोला यादव की गिरफ्तारी (Bihar Leaders Reaction On CBI Arresting Of Bhola Yadav) को लेकर जहां राजद ने इसे सीबीआई का दुरपयोग बताया है, वहीं जेडीयू और बेजीपी ने इसे कानूनी प्रक्रिया कहा है, बीजेपी नेता और मंत्री नितिन नवीन ने तो यहां तक कहा कि ये सब आरजेडी नेताओं के कुकर्मों का नतीजा है. जबकि आरजेडी इसे सिर्फ और सिर्फ बदले की कार्रवाई कह रही है.

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बदले की भावना से की गई कार्रवाईः भोला यादव की गिरफ्तार को लेकर राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव (Shakti Singh Yadav) ने साफ-साफ कहा है कि बदले की भावना से इस तरह की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है और जो साफ दिख रहा है. जबकि बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन (Minister Nitin Naveen) ने कहा कि जिस तरह का कर्म उन्होंने किया है निश्चित तौर पर उसका ही फल वह भोग रहे हैं, सीबीआई को जरूर कहीं न कहीं किसी तरह की जानकारी रही होगी और यही कारण है कि सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया है.

"ये सब बदले की भावना से की गई कार्रवाई है क्योंकि अभी तक सीबीआई की एजेंसी यह साबित नहीं कर पाई है कि नौकरी के बदले में कहीं कोई जमीन ली गई है और जो कार्रवाई भोला यादव पर हो रही है वह पूरी तरह से गलत है और बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है.
भोला यादव ना कोई मंत्री थे ना ही कोई बड़े अधिकारी थे. वह मात्र एक ओएसडी की भूमिका में थे और उनके आवास पर जिस तरह से छापेमारी चल रही है, जिस तरह से उनकी गिरफ्तारी की गई है. यह किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता है"- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, राजद

"कानून अपना काम कर रहा है और हमारे नेता का तो साफ कहना है कि ना हमलोग किसी को फंसाते हैं ना ही बचाते हैं. न हीं जो कानून तोड़ता है, उसके साथ खड़े रहते हैं. इनकम टैक्स विभाग ने किस आधार पर छापेमारी की है. इसके बारे में अभी कोई पूरी जानकारी नहीं है, यह तो वही लोग बता सकते हैं"- अजय चौधरी, जदयू विधायक

भोला यादव की गिरफ्तारी पर बिहार में हलचल

"15 वर्षो के शासनकाल में जिस तरह का घोटाला बिहार में हुआ, आज वही सामने आ रहा है. जो लोग इसे बदले की भावना की कार्रवाई कह रहे हैं उन्हें या जवाब देना चाहिए कि जब सीबीआई में ये मामला चल रहा था और उनके वकील ने सही जानकारी नहीं दिया. उसके बाद सीबीआई ने कार्रवाई की है. जितने भी घोटाले उनके राज में हुए चाहे वह यूपीए सरकार केंद्र में हो, चाहे बिहार में लालू यादव की सरकार हो वही मामले हैं और उसकी जांच सीबीआई कर रही है, इसमें कहीं से सत्ताधारी दल का कोई लेना देना नहीं है"- नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री

भोला यादव के 4 ठिकानों पर छापेमारीः दरअसल सीबीआई ने भोला यादव को दिल्ली से लैंड फॉर जॉब घोटाले मामले में गिरफ्तार किया है. वो 2004 से 2009 तक लालू प्रसाद यादव के OSD रहे थे, लालू उस दौरान रेल मंत्री थे. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते जॉब लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे. सीबीआई उनको हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. चार दिन पहले सीबीआई ने इस मामले में उनको पूछताछ के लिए भी बुलाया था. आईआरसीटीसी घोटाले (IRCTC Scam) में भोला यादव के 4 ठिकानों पर छापेमारी की गई है. आयकर विभाग ने उनके पैतृक घर कपछाही और बहादुरपुर स्थित आवास पर और पटना में भी छापा मारा है.

लालू यादव के बेहद करीबी हैं भोला यादवः आपको बता दें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में वह बहादुरपुर सीट विधायक चुने गए थे. हालांकि हालिया 2020 चुनाव में वे हायाघाट सीट से चुनाव हार गए हैं. उनको लालू का हनुमान कहा जाता है और तेजस्वी के भी काफी नजदीकी माने जाते हैं. लालू की बीमारी से लेकर जेल और कोर्ट-कचहरी हर जगह वो साया की तरह उनके साथ रहते हैं. अभी हाल में पारस अस्पताल से लेकर दिल्ली एम्स तक उनके साथ थे. पिछले लगभग 20 सालों से वह लालू के निजी सहायक रहे हैं. लालू के वफादार माने जाने वाले भोला यादव मैथमेटिक्स से ग्रेज्युएट हैं और लालू प्रसाद यादव की हर पसंद और नापसंद को समझते हैं.

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