पटना: राजधानी पटना में लैब टेक्निशियनों ने प्रदर्शन किया. बुधवार को प्रदेश के तमाम जिलों से लैब टेक्नीशियन गर्दनीबाग धरना स्थल पहुंचे और नौकरी से हटाए जाने के विरोध में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर सरकार से समायोजन की मांग की. लैब टेक्नीशियनों ने बताया कि उनकी संख्या लगभग 850 है.
पटना में लैब टेक्निशियन का प्रदर्शन: प्रदर्शनकारियों ने कहा कि "कोरोना काल में सैंपल की जांच और सैंपल कलेक्शन के लिए हमारी बहाली की गई थी. जान पर खेलकर हमने काम किया और अब हमें बिना किसी पूर्व सूचना के 2 जनवरी को नौकरी से हटा दिया गया है. अभी कोरोना का मामला एक बार फिर से बढ़ने लगा है और इस समय में हमलोगों को नौकरी से हटाया जाना कहीं से उचित नहीं है."
प्रदर्शन के दौरान महिलाएं हुई बेहोश: प्रदर्शन के दौरान कई महिलाएं बेहोश भी हो गई. इस दौरान वैशाली से आए लैब टेक्निशियन प्रभात कुमार ने कहा कि "2020 में कोरोना के समय जब प्रदेश में लैब टेक्नीशियन की कमी थी, उस समय उन लोगों की नियुक्ति की गई थी और यह नियुक्ति 3 महीने के लिए थी जो बाद में बढ़ती चली गई. हरियाणा में भी इसी प्रकार हुआ था जिसके बाद सरकार ने बाद में आगे चलकर 60 वर्षों के लिए लैब टेक्नीशियन को समायोजित कर दिया. सरकार हमें भी समायोजित करे."
"सरकार का जब काम निकल गया तो दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया. जब लोग नहीं मिल रहे थे, उस समय उन लोगों ने जान जोखिम में डालकर काम किया, उत्कृष्ट कार्य के लिए जिला प्रशासन की ओर से उन लोगों को प्रशस्ति पत्र दिया गया. सरकार ने उन लोगों के ऊपर फूल बरसाए और अब एक झटके में बेरोजगार कर सड़क पर ला दिया है."- प्रदर्शनकारी लैब टेक्निशियन
समायोजन का मिला था आश्वासन: लखीसराय से आई महिला लैब टेक्नीशियन पूजा कुमारी ने कहा कि 3 महीने के लिए जब उनकी बहाली हुई थी तो सरकार ने उन लोगों के कार्य को और आगे बढ़ाया और कहा कि आगे उन लोगों को 60 वर्ष की सेवा काल के लिए समायोजित कर दिया जाएगा. उन्हीं लोगों के समय में माइक्रोबायोलॉजिस्ट और डॉक्टर और एएनएम की बहाली 3 महीने के लिए हुई थी जिन्हें बाद में समायोजित कर दिया गया, लेकिन इनकी नौकरी ही छीन ली गई है.
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