पटना: बिहार में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया जाना है. 13 देशों के प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उद्योगपतियों से एक एक करके बात करेंगे और उनकी समस्याओं का निदान करेंगे. लेकिन उद्योगपतियों को बिहार में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित करना उतना आसान नहीं होगा. क्योंकि कानून व्यवस्था के नाम पर उद्योगपतियों के मन में कहीं ना कहीं एक डर की भावना दिखती है.
'सरकार ने उद्योग को बढ़ावा देने के लिए काम किया है': मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि बिहार में कई स्थानीय इन्वेस्टर्स मीट किए गए हैं. यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट है. बिहार सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बहुत कुछ किया है. सरकार ने कई नीति लागू किए हैं.
"बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016, बिहार स्टार्टअप नीति 2022, बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन, टेक्सटाइल नीति 2022, बिहार बायोफ्यूल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2023 और बिहार लॉजिस्टिक नीति 2023 लागू किए गए हैं."- आमिर सुबहानी, मुख्य सचिव
संदीप पौंड्रिक का बयान: उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने कहा है कि पिछले 6 महीने में हमने देश के कई शहरों में इन्वेस्टर्स मीट किए हैं. दिल्ली, बेंगलुरु, त्रिपुरा, चंडीगढ़, कोलकाता में इन्वेस्टर मीट किए गए हैं. यूनाइटेड अरब एमिरेट्स जापान ताइवान और बांग्लादेश में भी इन्वेस्टर्स मीट किया गया है. निवेशकों को हम पटना के आसपास के औद्योगिक क्षेत्र का भ्रमण कराएंगे.
"बिहार में उद्योगों के लिए बेहतर माहौल हुआ है. कई उद्योगपतियों से हमारी बातचीत हुई है और वह बिहार में विधि व्यवस्था की स्थिति को कई राज्यों से बेहतर मान रहे हैं और उनकी दिलचस्पी भी बिहार में उद्योग लगाने की है."- संदीप पौंड्रिक, अपर मुख्य सचिव, उद्योग विभाग
हो सकता है 29000 करोड़ का एमओयू साइन: 500 करोड़ से अधिक के एमओयू मुख्यमंत्री के समक्ष होंगे. इनकी संख्या 11 है. 100 से 500 करोड़ के बीच 20 एम ओयू होंगे 100 करोड़ तक के 15 एमओयू होंगे. 29000 करोड़ का एमओयू साइन किया जा सकता है.
विधि व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर चुनौती: बिहार में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के लिए बिहार सरकार की ओर से पूरे तामझाम के साथ तैयारी की गई है. कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया है. सरकार के समक्ष विधि व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी कई चुनौतियां हैं. बिहार में औद्योगीकरण को गति देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध दिख रही है. युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले इसके लिए भी सरकार प्रयासरत है.
13 देशों के प्रतिनिधि करेंगे शिरकत: 13 और 14 दिसंबर को राजधानी पटना में उद्योगपतियों का जमावड़ा लगने वाला है. सरकार ने आधे दर्जन से ज्यादा उद्योगों के लिए नीति लागू की है. ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में 13 देशों के प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की संभावना है. 6 देश के प्रतिनिधियों ने बाकायदा सहमति दे दी है. हाल के कुछ वर्षों में बिहार सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के क्षेत्र में कार्य किए हैं.
बढ़ती आपराधिक घटना से टेंशन: बिजली सड़क निर्माण के क्षेत्र में कई सुधारात्मक कार्य हुए हैं. राज्य के अंदर सस्ते मजदूर भी उपलब्ध हैं. इसके अलावा भूमि की उपलब्धता भी है. सड़क बिजली और पुल पुलिया के विकास के लिए सरकार ने प्रगति की है लेकिन विधि व्यवस्था को लेकर उद्योगपतियों की चिंता बरकरार है. हाल के कुछ महीनो में बिहार में आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं.
एनसीआरबी के आंकड़े: एनसीआरबी के आंकड़े भी बढ़ते आपराधिक घटनाओं को लेकर तस्दीक की गई है. हत्या के मामले में बिहार नंबर दो पर है. एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2022 में सबसे अधिक प्राथमिकी उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई. वहीं बिहार में कुल 2930 प्राथमिकी हत्या के मामले में दर्ज हुए हैं.
अपहरण की घटना में लगातार इजाफा: बिहार में अपहरण की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है. साल दर साल अपहरण की घटना में लगातार इजाफा हो रहा है. आंकड़ों के लिहाज से अगर देखें तो 2020 में 7889 अपहरण के मामले दर्ज हुए थे जो 2021 में बढ़कर 10198 हो गए. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में 11822 अपहरण के मामले दर्ज हुए हैं.
अर्थशास्त्री की राय: अर्थशास्त्री डॉक्टर विद्यार्थी विकास ने सरकार के प्रयास की सराहना की है. कहा है कि सरकार को विधि व्यवस्था को लेकर गंभीर होने की जरूरत है. इसके अलावा भूमि की उपलब्धता के क्षेत्र में भी काम करने की जरूरत है. इसके अलावा सस्ते दर पर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
"पोटेंशियल एरिया को भी चिन्हित कर उस क्षेत्र में काम करने की जरूरत है. इसके अलावा नए शोध की भी जरूरत है. मिट्टी बालू और पत्थर उद्योग की राज्य के अंदर अपार संभावनाएं हैं."-डॉक्टर विद्यार्थी विकास,अर्थशास्त्री
जब उद्योगपति ने जताई थी चिंता : वर्ष 2022 में जब बिहार इनवेस्टर मीट का आयोजन हुआ था उस दौरान उद्योगपति राजेश अग्रवाल ने सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी. माइक्रोमैक्स बायोफ्यूल्स के निदेशक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सामने कहा था कि, 'यहां लॉ एंड ऑर्डर बना रहे, इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. हम लोग बिहार के बाहर के राज्यों से आए हैं. हम लोग दिल्ली से हैं, हमको ऐसा माहौल चाहिए, जहां पर हमारे लिए सेफ्टी हो. हम गुजारिश करेंगे कि मुख्यमंत्री जी लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर आप सपोर्ट कीजिए.''
क्या बोले थे DGP : इसपर तत्कालीन जीडीपी एसके सिंघल ने कहा था कि ''बिहार पुलिस सूबे में बढ़िया और सुरक्षित वातावरण देने के काबिल है. हम बिहार में उद्योगों और उद्योगपतियों को सिक्योर माहौल दे भी रहे हैं.''
क्या है यहां के उद्योगपतियों की राय : बिहार के उद्योगपति पीएस केसरी ने कहा है कि "उद्योगों के लिए सकारात्मक माहौल बना है. सरकार को भी चाहिए कि जो वायदे उद्योगपतियों से करें उसे समय से पूरा की जाए. इसके अलावा सरकारी दफ्तरों के चक्कर उद्योगपतियों को ना लगाना पड़े."