पटना: बिहार में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के बाद अब बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने भी बंगाल में चिकित्सक के समर्थन में उतर आए हैं. संघ ने 17 जून को हड़ताल की घोषणा की है. इस हड़ताल के दौरान आईएम से जुड़े सभी चिकित्सक एक दिन के लिए ओपीडी के कार्यों का बहिष्कार करेंगे.
यह हड़ताल आईएमए और ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट डॉक्टर एसोसिएशन के आह्वान पर किया जायेगा. इस आंदोलन से जुड़े अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर आपात सेवा में काम करेंगे. क्योंकि राज्य में एईस के प्रकोप को देखते हुए शिशु आपात सेवा और पोस्टमार्टम कार्य किये जायेंगे. गौरतलब है कि एमआरएस अस्पताल कोलकाता के चिकित्सक पर हुए जानलेवा हमले में आरोपियों पर अविलंब कड़ी कार्रवाई की मांग संघ की ओर से किया जा रहा है. आपको बता दें कि चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सा सेवा संस्थान की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून की मांग को लेकर एसोसिएशन हड़ताल कर रहा है.
डॉक्टरों ने जताया विरोध
इससे पहले चिकित्सक पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में समस्तीपुर जिले में सदर अस्पताल और जिले के आईएमए की पूरी टीम के डॉक्टरों ने अपना विरोध जताया था. इस विरोध प्रदर्शन में सदर अस्पताल और आईएमए के डॉक्टरों की पूरी टीम सड़क पर उतर कर विरोध जताया था और ममता सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
'डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया कराए सरकार'
मामले पर जदयू प्रवक्ता डॉक्टर सुनील सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के ऊपर जो हमला हुआ. उसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है. डॉक्टरों पर हमला भविष्य के लिए और समाज के लिए भी खतरा है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में हड़ताल का असर बिहार में भी है. उनकी सुरक्षा सरकार को करनी चाहिए. हमारी मांग है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार अविलंब डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया कराए.