पटना: कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए बिहार में लॉकडाउन है, लेकिन चुनावी साल को देखते हुए विकास कार्यों को लेकर सरकार की चिंता है. लिहाजा सरकारी दफ्तर खोल दिए हैं और लोगों की आवाजाही कुछ बढ़ गई.
बिहार सरकार ने लॉकडाउन 2 में थोड़ी ढील दी है और राज्य में सरकारी दफ्तर दूसरे दिन भी निर्धारित समय पर खुले. हालांकि पहले की तरह सरकारी दफ्तर में उपस्थिति नहीं रही, लेकिन इसके बाद भी कामकाज की शुरुआत हो गई है.
डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सरकारी कामकाज शुरू
बता दें कि केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बिहार में 20 अप्रैल से सरकारी कामकाज शुरू किया गया. कोरोना से बचाव को लेकर मास्क, हैंड सैनीटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है. कार्यालय आने से पहले स्क्रीनिंग करवायी जा रही है.
घर से बाहर निकलने से कतरा रहे लोग
सरकारी काम को छोड़ दिया जाए, तो आंशिक छूट के बाद कुछ एक चालू हुई फैक्ट्रियों के मजदूर काम पर नहीं आये. मजदूरों के न लौटने की वजह यातायात का बंद होना भी बताया जा रहा है क्योंकि मजदूरों के पास स्वयं का वाहन नहीं होता. दूसरी ओर लॉकडाउन अभी भी लागू है. ऐसे में जो मजदूर अपने घरों में हैं, वो बाहर निकलने से कतरा रहे हैं.
चुनावी साल को देखते हुए सरकारी दफ्तर खोले गए
बिहार में चुनाव होने हैं और सरकार के लिए सात निश्चय योजनाओं के प्राथमिकताओं में शामिल है. विकास कार्यों को गति देने के लिए फिलहाल सरकार ने दफ्तर खोल दिए है. हालांकि आम लोगों को किसी तरह की राहत नहीं है. डीजीपी ने लोगों से घर में रहने की अपील की है.