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सीरो सर्विलांस में एंटीबॉडी के मामले में बिहार को मिला तीसरा स्थान

देश भर में कराये गये सीरो सर्विलांस में बिहार को तीसरा स्थान मिला है. 75.9 प्रतिशत लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी पायी गयी है, जोकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सबसे बड़ी हथियार होगी.

सीरो सर्विलांस
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Published : Aug 15, 2021, 6:00 PM IST

पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने कोरोना को लेकर देशभर में एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए सीरो सर्विलांस (Sero Surveillance) करवाया था. जिसकी रिपोर्ट आ गयी है, रिपोर्ट में एंटीबॉडी के मामले में बिहार को देश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है. बिहार में 75.9 प्रतिशत लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी पायी गयी है. जोकि कोरोना को मात देने में सबसे बड़ी हथियार होगी.

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बता दें कि आईसीएमआर की ओर से 14 जून से 6 जुलाई तक देश भर के 70 जिलों में सीरो सर्वेक्षण किया गया था. जिसकी रिपोर्ट अब आ चुकी है. इस रिपोर्ट में मध्यप्रदेश में 79 प्रतिशत लोगों के अंदर मिली एंटीबॉडी के आधार पर पहले स्थान पर है. जबकि दूसरे नंबर पर राजस्थान है जहां 76.2 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी मिली है. आईसीएमआर ने देश के प्रमुख जिलों में राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 संक्रमण के प्रसार की सीमा को पकड़ने के लिए यह सीरो सर्वेक्षण किया.

बिहार के वरिष्ठ चिकित्सक और आईएमए बिहार के कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने कहा कि सीरो सर्वेक्षण में कुछ हजार लोगों को ही शामिल किया जाता है. यह एक सैंपल सर्वे होता है. बिहार में एंटीबॉडी का परिणाम काफी बेहतरीन आया है. उन्होंने कहा कि सीरो सर्वे में जो रिपोर्ट आया है. वह बिहार के लिए राहत भरा है.

ये भी पढ़ें- 15 अगस्त पर RJD की टूटी परंपरा, पार्टी ऑफिस में प्रदेश अध्यक्ष के बदले तेजस्वी यादव ने फहराया तिरंगा

डॉ. अजय कुमार ने कहा कि कोरोना की शुरुआती के दौर में कम जांच हुई. लेकिन लोग इंफेक्टेड हुए और चिकित्सकों और सरकार को इसकी जानकारी नहीं हुई. इसका डाटा भी नहीं मिला. काफी संख्या में लोग सिरो पॉजिटिव हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह से अगर देखा जाए तो बिहार के लोग रिस्क से गुजर करके सीरो पॉजिटिव हुए हैं. लेकिन इसका फायदा यह हुआ है कि हमारे अंदर जो प्रतिरोधक क्षमता है वो बढ़ी है.

पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने कोरोना को लेकर देशभर में एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए सीरो सर्विलांस (Sero Surveillance) करवाया था. जिसकी रिपोर्ट आ गयी है, रिपोर्ट में एंटीबॉडी के मामले में बिहार को देश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है. बिहार में 75.9 प्रतिशत लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी पायी गयी है. जोकि कोरोना को मात देने में सबसे बड़ी हथियार होगी.

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बता दें कि आईसीएमआर की ओर से 14 जून से 6 जुलाई तक देश भर के 70 जिलों में सीरो सर्वेक्षण किया गया था. जिसकी रिपोर्ट अब आ चुकी है. इस रिपोर्ट में मध्यप्रदेश में 79 प्रतिशत लोगों के अंदर मिली एंटीबॉडी के आधार पर पहले स्थान पर है. जबकि दूसरे नंबर पर राजस्थान है जहां 76.2 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी मिली है. आईसीएमआर ने देश के प्रमुख जिलों में राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 संक्रमण के प्रसार की सीमा को पकड़ने के लिए यह सीरो सर्वेक्षण किया.

बिहार के वरिष्ठ चिकित्सक और आईएमए बिहार के कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने कहा कि सीरो सर्वेक्षण में कुछ हजार लोगों को ही शामिल किया जाता है. यह एक सैंपल सर्वे होता है. बिहार में एंटीबॉडी का परिणाम काफी बेहतरीन आया है. उन्होंने कहा कि सीरो सर्वे में जो रिपोर्ट आया है. वह बिहार के लिए राहत भरा है.

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डॉ. अजय कुमार ने कहा कि कोरोना की शुरुआती के दौर में कम जांच हुई. लेकिन लोग इंफेक्टेड हुए और चिकित्सकों और सरकार को इसकी जानकारी नहीं हुई. इसका डाटा भी नहीं मिला. काफी संख्या में लोग सिरो पॉजिटिव हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह से अगर देखा जाए तो बिहार के लोग रिस्क से गुजर करके सीरो पॉजिटिव हुए हैं. लेकिन इसका फायदा यह हुआ है कि हमारे अंदर जो प्रतिरोधक क्षमता है वो बढ़ी है.

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