पटना: बिहार में विधानसभा का चुनाव का रुझान में अब महज कुछ घंटे ही बाकी है. मतगणना से पहले 9 नवंबर की रात न केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बल्कि तेजस्वी के लिए भी बैचानी भरी रहने वाली है. एग्जिट पोल के नतीजे ने जहां नीतीश खेमे की मुश्किलें बढ़ा दी है, तो वहीं तेजस्वी के लिए भी रात गुजारना आसान नहीं है.
सुबह 8 बजे से शुरू होगा मतगणना
10 नवंबर को सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो जाएगा. इस बार कोरोना के कारण रिजल्ट आने में थोड़ा समय लग सकता है. लेकिन रुझान कुछ ही घंटे में आने लगेंगे. बिहार विधानसभा का चुनाव इस बार 3 फेज में हुआ है. 28 अक्टूबर को पहला फेज हुआ 3 नवंबर को दूसरा फेज और 7 नवंबर को तीसरा फेज का चुनाव संपन्न हुआ था.
मतगणना शुरू होने से ठीक पहले 9 नवंबर की रात एनडीए के फिर से मुख्यमंत्री के दावेदार नीतीश कुमार और महागठबंधन के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के लिए गुजारना आसान नहीं है. क्योंकि दोनों में से किसी एक को ही मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलने वाली है. नीतीश कुमार लगभग 15 वर्षों से बिहार के मुख्यमंत्री हैं. तेजस्वी यादव नीतीश मंत्रिमंडल में डेढ़ साल तक उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं और पहली बार मुख्यमंत्री बनने के करीब हैं.
तेजस्वी यादव के पक्ष में एग्जिट पोल के नतीजे
एग्जिट पोल में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनते दिखाया जा रहा है और नीतीश कुमार के लिए यही परेशानी बढ़ाने वाली बात है. हालांकि, दावे एनडीए खेमे की ओर से भी किये जा रहे हैं. नीतीश को महिला वोटरों से इस बार भी उम्मीद है. साथ में अति पिछड़ा वोट बैंक से अलग. दूसरी तरफ तेजस्वी यादव को युवा शक्ति के 'एमवाई' समीकरण पर भरोसा है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि भरोसे पर कौन कितना खड़ा उतरता है.
नीतीश के लिए अंतिम चुनाव?
नीतीश कुमार के लिए यह अंतिम चुनाव है. इसका ऐलान उन्होनें खुद किया है. हालांकि जदयू के नेताओं ने नीतीश के इस बयान को गलत तरीके से पेश करने की बात कही है. नीतीश के लिए इस चुनाव का परिणाम विशेष मायने रखता है. दूसरी तरफ तेजस्वी यादव के लिए भी एकतरह से यह वजूद की लड़ाई है. क्योंकि लोकसभा चुनाव में राजद बुरी तरह फ्लॉप हो गया था. ऐसे में तेजस्वी के पास विधानसभा चुनाव में खुद और राजद को नए मुकाम तक ले जाने के लिए एक बड़ा अवसर है. इसमें चूकने पर उनके राजनीतिक भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह लगने शुरू हो जाएंगे.
सीएम आवास से बाहर नहीं निकले हैं नीतीश
चुनाव प्रकिया संपन्न होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीते 4 दिनों से सीएम आवास से बाहर नहीं निकले हैं. 5 नवंबर को चुनाव प्रचार करने के बाद जब मुख्यमंत्री अपने आवास पहुंचे, तो उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और मंत्री संजय झा के साथ अलावे केवल अपने मित्र से ही मुलाकात की है. इस दौरान सीएम अपनी आंखों की जांच कराने के विए डॉक्टर के पास भी गए थे. इसके अलावे सीएम की कोई भी गितिविधि बीते 4 दिनों में देखने को नहीं मिली है.
वहीं, दूसरी तरफ तेजस्वी यादव भी राबड़ी आवास में हैं. यहां तक की जन्म दिन भी परिवार के लोगों के साथ ही बनाया है. कुल मिलाकर दोनों सीएम उम्मीदवार की नजर अब 10 नवंबर को होने वाली मतगणना पर टिकी हुई है.