पटना: प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर (Third Wave Of Corona Virus In Bihar) अब डराने लगी है. संक्रमण के जैसे-जैसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं प्रदेश के अस्पतालों में मरीजों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़े भी तेजी में बढ़ रहे है. बीते 24 घंटे में राजधानी पटना में कोरोना के 6 मरीजों की मौत (Six People Died Of Corona in Patna) हुई है. अगर पिछले तीन दिनों की बात की जाए तो बिहार में कोरोना से 18 लोगों की मौत हुई है, वहीं 17,058 नए केस सामने आए हैं.
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अगर पिछले 24 घंटों की बात करें तो बिहार में कोरोना से हुई 6 मरीजों की मौत में तीन की मौत पटना एम्स में हुई है. जिसमें एक 14 साल की किशोरी भी शामिल है. वहीं, एआईआईएमएस में एक मरीज की मौत हुई है और पारस हॉस्पिटल में 2 मरीज की मौत हुई है. पिछले तीन दिनों की बात करें, तो तीन दिनों में कोरोना से 18 मौत हो चुकी हैं.
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बताते चलें कि विगत 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 6,413 नए मामले सामने आए हैं, जिसमें राजधानी पटना में सर्वाधिक 2,014 नए मामले मिले हैं. प्रदेश में अब एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 28,659 हो गई है और राजधानी पटना में एक्टिव मरीजों की संख्या सर्वाधिक 13,375 है. पटना में संक्रमण दर 21 फीसदी से अधिक है. प्रदेश के लगभग 4 फीसदी के संक्रमण दर से 17 फ़ीसदी अधिक है. बीते 24 घंटे में पटना के चार प्रमुख अस्पतालों के 28 डॉक्टर और 24 से अधिक मेडिकल स्टाफ कोरोना से संक्रमित हुए हैं.
आईजीआईएमएस के 3 डॉक्टर और 13 मेडिकल स्टाफ, पीएमसीएच के 8 डॉक्टर और 6 से अधिक मेडिकल स्टाफ, एनएमसीएच के 3 डॉक्टर और 7 मेडिकल स्टाफ और पटना एम्स के 14 डॉक्टर संक्रमित और 6 से अधिक मेडिकल स्टाफ संक्रमित हुए हैं. इन सभी के अलावा बीते 24 घंटे में पटना के एआईआईएमएस में म्यूकरमाइकोसिस यानी की ब्लैक फंगस का भी एक मरीज एडमिट हुआ है.
बताते चलें कि संक्रमण के तीसरी लहर में 20 से 40 वर्ष के उम्र वर्ग के लोगों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस आयु वर्ग के लोग 44 फीसदी संक्रमित हो रहे हैं. लेकिन चिंता अब बढ़ गई है क्योंकि इस उम्र के लोगों में हॉस्पिटलाइजेशन की भी शिकायत बढ़ गई है. पटना एम्स में बीते 24 घंटे में 21 नए मरीज एडमिट हुए हैं, जिसमें 40 वर्ष से कम उम्र के मरीजों की संख्या 13 हैं.
वहीं तीसरी लहर में जिस कदर मौत का ग्राफ बढ़ने लगा है, उसे देख विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदेश में भले ही संक्रमण की तीसरी लहर में ओमिक्रॉन के मामले मिल रहे हैं लेकिन डेल्टा के भी मामले मिल रहे हैं. डेल्टा शरीर में गंभीर रोग पैदा करने की क्षमता रखता है. ऐसे में लोग लापरवाह हो रहे हैं. ओमिक्रॉन अधिक घातक नहीं है. लेकिन डेल्टा से संक्रमित हो रहे हैं, तो स्थिति गंभीर बन जाएगी. बीते दिनों आईजीआईएमएस से आयी जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट में 27 सैंपल में ओमीक्रॉन की पुष्टि हुई औक 4 सैंपल में डेल्टा की भी पुष्टि हुई थी.
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