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बिहार में शराबबंदी जरूरी, कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार के साथ- मदन मोहन झा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) बिहार में शराबबंदी लागू (Liquor Ban In Bihar) की सफलता के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं. वहीं गठबंधन में शामिल नेताओं में शराबंदी को लेकर मतभेद के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने पार्टी की ओर से शराबंदी कानून का समर्थन किया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Nov 12, 2022, 6:39 PM IST

पटना : बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही शराबबंदी को कड़ाई से लागू करने को लेकर लगातार बैठकें कर रहे हों तथा इसे लेकर अधिकारियों को निर्देशित करते रहे हैं. शराबबंदी की सफलता और शराबबंदी लागू करने नहीं करने पर महागठबंधन के नेताओं की अलग-अगल राय और अपनी-अपनी राजनीति (Politics on Liquor Ban In Bihar) है. बिहार में शराबबंदी सफल नहीं है. शराबबंदी एक उद्योग के रूप में विकसित हो गई है. इसपर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा (Bihar Congress President Madan Mohan Jha ) ने कहा कि बिहार में शराबबंदी जरूरी है. इसे लागू करने में अगर कोई कमी होती है, तो सरकार समय-समय पर इसमें संशोधन करती है.

ये भी पढ़ें-बोले उपेन्द्र कुशवाहा- बिहार में शराबबंदी असफल, सिर्फ सरकार के कह देने से नहीं मिलेगी कामयाबी'

बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा का बयान

"शराबबंदी बिहार के लिए जरूरी है. हमलोगों ने शराबबंदी को लेकर शपथ लिया है और शराबबंदी के कानून में अगर कुछ संशोधन होता है तो उसको लेकर तरह-तरह की बातें की जाती है, जो गलत है. शराब तस्करी को रोकने के लिए और तस्करों पर लगाम लगाने के लिए संशोधन होता है. शराबबंदी को लागी करने के लिए और संशोधन की जरूरत है. जहां तक हमारे पार्टी का बात है, हम लोग चाहते हैं कि बिहार में शराबबंदी रहे. शराबबंदी होने से समाज के लोगों को काफी फायदा है और चारों तरफ शांति दिख रही है." -मदन मोहन झा, बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

कांग्रेस चाहती है कि शराबबंदी कानून सख्त होः मदन मोहन झा का बयान ने कहा कि शराबबंदी से समाज को फायदा है इसीलिए कहीं से शराबबंदी पर कोई सवाल नहीं उठी चाहिए. जहां तक हमारे पार्टी के लोगों का बात है, तो कभी भी नहीं कहा गया है कि शराबबंदी गलत है. कोई अगर इस बात को कहता है वह पूरी तरह से गलत है. कांग्रेस पार्टी पूरी एकजुटता के साथ बिहार में लागू शराबबंदी के साथ है और चाहती है कि शराबबंदी कानून को सख्त किया जाए जो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर भी रहे हैं.

कांग्रेस शराबबंदी के स्टैंड पर सरकार के साथः जब उनसे पूछा गया कि जीतन राम मांझी तो कह रहे हैं कि एक पौआ शराब पीने में कोई बुराई नहीं है. उन्होंने साफ-साफ कहा कि यह राय उनकी हो सकती है. लेकिन कांग्रेस पार्टी की ऐसी राय नहीं है. हम लोग चाहते हैं कि बिहार में शराबबंदी जिस तरह से हुआ है, वह सफल रहे. शराब तस्करी रोकने के लिए समय-समय पर कार्रवाई हो रही है. सही तरीके से लागू करने के लिए शराबबंदी कानून में कुछ संशोधन भी समय-समय पर जरूरत के हिसाब से होनी चाहिए, ताकि शराब तस्करी पर लगाम लगाया जा सके. कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी बिहार में शराबबंदी का समर्थन करती रही है और आज भी पार्टी अपने स्टैंड पर पूरी तरह से अडिग है.

शराबबंदी पर महागठबंधन में ही उठने लगे सवालः बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने शराबबंदी को लेकर सवाल उठाए हैं. एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने वैशाली पहुंचे उद्योग मंत्री ने कहा कि शराबबंदी को लेकर हम लोग लोगों की अपेक्षा पर खरे नहीं उतर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू हो, लेकिन शराब माफियाओं का सरकार के सामानंतर कारोबार चल रहा है, इसलिए लोग सोचते हैं कि बिहार में शराबबंदी का असर नहीं है. उन्होंने आगे साफ तौर पर कहा कि ऐसे में यह कहा जा सकता है कि लोगों की जो पूर्ण शराबबंदी कि अपेक्षा है, उसमें हमलोग सफल नहीं है.

ये भी पढ़ें-'बिहार में शराबबंदी है तो फिर ट्रकों का भंडार कहां से मिल रहा है', अब महागठबंधन में ही उठने लगे सवाल

पटना : बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही शराबबंदी को कड़ाई से लागू करने को लेकर लगातार बैठकें कर रहे हों तथा इसे लेकर अधिकारियों को निर्देशित करते रहे हैं. शराबबंदी की सफलता और शराबबंदी लागू करने नहीं करने पर महागठबंधन के नेताओं की अलग-अगल राय और अपनी-अपनी राजनीति (Politics on Liquor Ban In Bihar) है. बिहार में शराबबंदी सफल नहीं है. शराबबंदी एक उद्योग के रूप में विकसित हो गई है. इसपर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा (Bihar Congress President Madan Mohan Jha ) ने कहा कि बिहार में शराबबंदी जरूरी है. इसे लागू करने में अगर कोई कमी होती है, तो सरकार समय-समय पर इसमें संशोधन करती है.

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बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा का बयान

"शराबबंदी बिहार के लिए जरूरी है. हमलोगों ने शराबबंदी को लेकर शपथ लिया है और शराबबंदी के कानून में अगर कुछ संशोधन होता है तो उसको लेकर तरह-तरह की बातें की जाती है, जो गलत है. शराब तस्करी को रोकने के लिए और तस्करों पर लगाम लगाने के लिए संशोधन होता है. शराबबंदी को लागी करने के लिए और संशोधन की जरूरत है. जहां तक हमारे पार्टी का बात है, हम लोग चाहते हैं कि बिहार में शराबबंदी रहे. शराबबंदी होने से समाज के लोगों को काफी फायदा है और चारों तरफ शांति दिख रही है." -मदन मोहन झा, बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

कांग्रेस चाहती है कि शराबबंदी कानून सख्त होः मदन मोहन झा का बयान ने कहा कि शराबबंदी से समाज को फायदा है इसीलिए कहीं से शराबबंदी पर कोई सवाल नहीं उठी चाहिए. जहां तक हमारे पार्टी के लोगों का बात है, तो कभी भी नहीं कहा गया है कि शराबबंदी गलत है. कोई अगर इस बात को कहता है वह पूरी तरह से गलत है. कांग्रेस पार्टी पूरी एकजुटता के साथ बिहार में लागू शराबबंदी के साथ है और चाहती है कि शराबबंदी कानून को सख्त किया जाए जो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर भी रहे हैं.

कांग्रेस शराबबंदी के स्टैंड पर सरकार के साथः जब उनसे पूछा गया कि जीतन राम मांझी तो कह रहे हैं कि एक पौआ शराब पीने में कोई बुराई नहीं है. उन्होंने साफ-साफ कहा कि यह राय उनकी हो सकती है. लेकिन कांग्रेस पार्टी की ऐसी राय नहीं है. हम लोग चाहते हैं कि बिहार में शराबबंदी जिस तरह से हुआ है, वह सफल रहे. शराब तस्करी रोकने के लिए समय-समय पर कार्रवाई हो रही है. सही तरीके से लागू करने के लिए शराबबंदी कानून में कुछ संशोधन भी समय-समय पर जरूरत के हिसाब से होनी चाहिए, ताकि शराब तस्करी पर लगाम लगाया जा सके. कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी बिहार में शराबबंदी का समर्थन करती रही है और आज भी पार्टी अपने स्टैंड पर पूरी तरह से अडिग है.

शराबबंदी पर महागठबंधन में ही उठने लगे सवालः बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने शराबबंदी को लेकर सवाल उठाए हैं. एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने वैशाली पहुंचे उद्योग मंत्री ने कहा कि शराबबंदी को लेकर हम लोग लोगों की अपेक्षा पर खरे नहीं उतर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू हो, लेकिन शराब माफियाओं का सरकार के सामानंतर कारोबार चल रहा है, इसलिए लोग सोचते हैं कि बिहार में शराबबंदी का असर नहीं है. उन्होंने आगे साफ तौर पर कहा कि ऐसे में यह कहा जा सकता है कि लोगों की जो पूर्ण शराबबंदी कि अपेक्षा है, उसमें हमलोग सफल नहीं है.

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