पटना : भाजपा की ओर से आयोजित यदुवंशी महासम्मेलन पर राजनीति हो रही है. इस सम्मेलन पर कटाक्ष करते हुए बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा है कि भाजपा का नेतृत्व मानसिक दिवालियापन का शिकार हो गया है. इस सम्मेलन से भाजपा को कुछ मिलने वाला नहीं है. मुंगेरीलाल के हसीन सपने के अलावा उनके लिए कुछ नहीं है. वह जल्द ही वास्तविकता के धरातल पर आएंगे. एक तरफ मुजफ्फरपुर में अमित शाह कहते हैं कि उन्हें यादव वोट की जरूरत नहीं है, तो फिर आज यदुवंशी महासम्मेलन करने की आवश्यकता क्यों पड़ गई?
''अमित शाह ने कहा था कि यादव वोटो से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है और उन्हें यह वोट नहीं चाहिए. ऐसे में यह कार्यक्रम अपने आप में उनके बयान का कांट्रडिक्शन है. पूरा यादव समाज महागठबंधन के साथ एकजुट होकर खड़ा है. सिर्फ यादव ही नहीं, सभी वर्गों का पिछड़ा तबका महागठबंधन के साथ मजबूती से खड़ा है.''- अखिलेश सिंह, अध्यक्ष, बिहार कांग्रेस
BJP में शामिल हुए हजारों यदुवंशी : बता दें कि आज पटना में बीजेपी की ओर से गोवर्धन महोत्सव पर यदुवंशियों का मिलन समारोह का आयोजन किया गया था. जिसमें हजारों लोगों ने भाजपा का दामन थामा. इस दौरान केन्द्रीय मंत्री नित्यानंद राय से लेकर सम्राट चौधरी ने 'यादव वोटबैंक' को लेकर अपनी योजना बताई.
नीतीश कुमार ने तो सच ही कहा था : वहीं जीतन राम मांझी के मौन प्रदर्शन पर अखिलेश सिंह ने कहा कि मांझी जी अपनी राजनीति कर रहे हैं. नीतीश कुमार का बोलने का लहजा चाहे जो कुछ भी रहा है, लेकिन जो बातें उन्होंने कही है वह कही से गलत नहीं है. नीतीश कुमार ने ही उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था. जदयू के नेता उस समय नीतीश कुमार ही थे. 'आया गया बात खत्म हुआ', लेकिन मुख्यमंत्री जी ने जो बातें कहीं वह ठीक ही थी, उन्होंने ही जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था.
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