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बिहार कांग्रेस प्रभारी श्री भक्त चरण दास जी ने माननीय उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव जी से मुलाकात की। pic.twitter.com/s4Jsl6F7wT
— बिहार राजद (@RJD_BiharState) January 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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पटनाः 'एक कहावत है कि दूध का जला छाछ भी फूंककर पीता है'. कुछ ऐसा ही नजारा पटना के राबड़ी आवास पर देखने को मिला. जहां मंगलवार की दोपहर लंच टाइम में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास (Bihar Congress incharge Bhakta Charan Das) साथ में खाना खाते नजर आए. इस मुलाकात की घोषणा राजद के ट्वीटर हैंडल से की गई. जिसमें तेजस्वी और भक्त चरण दोनों साथ में लंच कर रहे हैं. तेजस्वी और भक्त चरण की मुलाकात में पकी सियासी खिचड़ी की सुगंध की दूर-दूर फैलने लगी है. ऐसा माना जा रहा है कि नीतीश कुमार कभी भी पलट सकते हैं, क्योंकि यह उनके लिए यह नया नहीं होगा. इससे पहले भी तेजस्वी को धोखा दे चुके हैं. ऐसे में RJD के लिए कांग्रेस एक अच्छा विकल्प हो सकता है. वैसे भी खरमास बाद कुछ बड़ा होने वाला है, इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
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बिहार की राजनीति में बदलाव संभवः बता दें बिहार में अभी यात्रा का दौर चल रहा है. सीएम नीतीश कुमार समाधान यात्रा (CM Nitish Kumar Samadhan yatra) में जुटे हैं. वहीं, कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा (Congress Bharat Jodo yatra) कर रही है. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्ष को एक करना दोनों पार्टी का लक्ष्य है. जब लक्ष्य एक है तो यात्रा भी एक होनी चाहिए. इसी को देखते हुए कांग्रेस ने सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) को यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया था. लेकिन न नीतीश कुमार गए और न तेजस्वी. नीतीश कुमार अपनी अलग समाधान यात्रा पर निकाल रहे हैं. ऐसे में तेजस्वी और कांग्रेस के बिहार प्रभारी का मिलना एक अलग संकेत कर रहा है. इससे साफ है कि आने वाले समय में बिहार की राजनीति में बदलाव हो सकता है.
क्या नीतीश कुमार पर तेजस्वी को भरोसा नहींः भक्त चरण दास की मुलाकात से लग रहा है कि तेजस्वी को नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं है. क्योंकि इससे पहले भी तेजस्वी डिप्टी सीएम बने थे लेकिन उन्हें इसके बदले धोखा मिला था. 2017 में नीतीश कुमार ने तेजस्वी को बीच मझधार में छोड़कर NDA में शामिल हो गए थे. लेकिन एक बार फिर नीतीश कुमार ने तेजस्वी को डिप्टी सीएम को बनाया है. लेकिन बार-बार धोखा मिले तो किसी पर इतनी जल्दी विश्वास होना संभव भी नहीं है.
क्या जदयू और कांग्रेस में पड़ सकती है फूटः दरअसल, बिहार में अभी से लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी चल रही है. महागठबंधन पूरे जोर-शोर से लगी है. BJP के विरोधी दल को एक तो किया जा रहा है लेकिन इसमें जदयू और कांग्रेस अलग-अलग जुटी है. NDA से अलग होकर नीतीश कुमार महागबंधन बनाए तभी से विपक्ष को एक करने में जुटे हैं. जदयू के नेता नीतीश कुमार को पीाएम चेहरा भी मान चुके हैं. इधर, राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं. इसमें नीतीश को न्योता भी दिया गया लेकिन वे शामिल नहीं हुए. जब कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को पीएम चेहरा बताया तो उसके बाद सीएम ने भी सामाधान यात्रा शुरू कर दी. दोनों पार्टी का लक्ष्य एक है लेकिन रास्ते अलग, ऐसे में फूट होना तय है.
राजद के पास कांग्रेस एक अच्छा विकल्पः माना जा रहा है कि अगर नीतीश कुमार एक बार फिर तेजस्वी को धोखा देते हैं तो ऐसे में राजद के लिए कांग्रेस एक अच्छा विकल्प होगा. RJD और कांग्रेस का रिस्ता पुराना है. क्योंकि जब RJD सुप्रीमो लालू यादव रेल मंत्री थे, उस समय कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनी थी. इसलिए यह साफ है कि अगर नीतीश कुमार एक बार फिर पलटते हैं तो RJD के पास कांग्रेस एक बेहतर विकल्प होगा. इधर, मंगलवार को राबड़ी आवास पर भक्त चरण दास के पहुंचे से सियासी खिचड़ी पकनी शुरू हो गई है.