पटना: जातीय गणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को कोई राहत नहीं दी है. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को जारी रखा है. अब मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी. इन सबके बीच बीजेपी लगातार कह रही है कि बिहार सरकार ने सही तरीके से अपना पक्ष कोर्ट में नहीं रखा जिसके कारण इसपर रोक लग गई. वहीं नीतीश कुमार की पार्टी बार-बार कह रही है कि बिहार में जातीय गणना होकर रहेगी. नीतीश कुमार इसके लिए कृत संकल्पित हैं.
सुप्रीम कोर्ट में 14 जुलाई को फिर सुनवाई: जातीय गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट की रोक के बाद बिहार सरकार की ओर से जल्दी सुनवाई के लिए पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. पटना हाईकोर्ट ने पहले 3 जुलाई को सुनवाई की तिथि तय की थी लेकिन बिहार सरकार की ओर से जल्दी सुनवाई हो इसके लिए याचिका पटना हाईकोर्ट में दायर की गई. लेकिन पटना हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया. उसके बाद बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट में चली गई लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट से भी बिहार सरकार को फिलहाल झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा जातीय गणना कराने को लेकर बिहार सरकार कृत संकल्पित है.
"80% काम जातीय गणना का हो चुका है और सभी लोग जानते हैं कि सदन के अंदर भी और सदन के बाहर भी सभी दलों ने इसका समर्थन किया था. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि एक सुनियोजित साजिश रची गई है. यह सब किसके इशारे पर हो रहा है, सभी को पता है. हम लोगों ने पर्दाफाश भी किया था कि एक संगठन ने इंटेंशनली याचिकाकर्ता के रूप में कोर्ट में अपनी बात रखी है. कोर्ट के फैसले पर हम लोग टीका टिप्पणी नहीं करते हैं लेकिन पूरी उम्मीद है कि अगली सुनवाई में कोर्ट में हमारी पक्ष को मजबूती से रखा जाएगा."- अभिषेक झा, प्रवक्ता जदयू
'बिहार में जातिगत गणना कराना अत्यंत आवश्यक': वहीं महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि जब निचली अदालत से या ऊपरी अदालत से फैसला अनुकूल नहीं आता है तो सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाता है. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर टिप्पणी करना उचित नहीं है लेकिन बिहार में जातिगत गणना कराना अत्यंत आवश्यक है. सिर्फ बिहार राज्य में ही नहीं बल्कि संपूर्ण भारत में इसकी पहल होनी चाहिए. उधर बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह साफ हो गया है कि बिहार सरकार वोट की राजनीति कर रही है. लोगों को ठगने का काम कर रही है. अरविंद सिंह ने कहा कि पूरी तैयारी के साथ सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए था. कानून बनाना चाहिए था.
"बीजेपी को अपने दोहरे मानसिकता से बाहर निकलकर जातीय गणना के पक्ष में आना चाहिए. देश भर में जातिगत जनगणना हो इसको लेकर भी बीजेपी को पहल करनी चाहिए."- राजेश राठौर, प्रवक्ता कांग्रेस
"सही ढंग से यदि बात सरकार रखती तो कुछ राहत भी मिलती लेकिन आईवॉश करने के लिए सिर्फ वहां गए हैं. लोगों को यह दिखा रहे हैं कि हम तत्पर हैं. आप कानून की धज्जियां उड़ा कर वहां गए हैं और यह चाहते हैं कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे. बिहार सरकार जातीय गणना के मामले में लोगों को दिग्भ्रमित करने में लगी है."- अरविंद सिंह, प्रवक्ता बीजेपी