पटना: छात्रों के भविष्य को लेकर बिहार बोर्ड की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है. इस लापरवाही का खामियाजा सैकड़ों छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. मामला शेखपुरा जिला का है.
जिले के उच्च विद्यालय मेंहूस और उच्च विद्यालय भदौंस में छात्रों के संस्कृत विषय में नंबर गड़बड़ी बताई जा रही है. छात्रों को इस विषय में शून्य अंक दिए गए हैं. इससे छात्रों में काफी आक्रोश है. वह सड़कों पर उतर आए हैं.
पूरा मामला
संस्कृत में जीरो नंबर देख छात्रों ने बिहार बोर्ड भवन के बाहर हंगामा शुरू किया. लेकिन, स्थानीय पुलिस ने वहां पहुंचकर सभी छात्रों को खदेड़ दिया. बताया जाता है कि शेखपुरा के उक्त दोनों विद्यालय के छात्रों का संस्कृत विषय का अंक परीक्षा के बाद नहीं जोड़ा गया है. जिससे सभी का रिजल्ट पेंडिंग हो गया. इस बाबत शेखपुरा डीईओ को पत्र लिखकर जानकारी दी गई. इसके बाद डीईओ ने बिहार बोर्ड के सचिव को पत्र लिखकर संस्कृत के अंक में सुधार कर रिजल्ट जारी करने का अनुरोध किया है. इस लापरवाही से शेखपुरा के 203 बच्चों का रिजल्ट प्रभावित हुआ है.
बोर्ड का दावा फेल
गौरतलब है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट 6 अप्रैल को घोषित किया गया था. जहां मैट्रिक परीक्षा में करीब 80.73 छात्र-छात्राएं सफल हुए थे. साथ ही यह दावा भी किया गया था कि इस बार मैट्रिक के परीक्षा और रिजल्ट में पारदर्शिता बरती गई है. लेकिन, एक बार फिर से शेखपुरा जिले के 2 विद्यालयों में सैकड़ों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता दिख रहा है.
मामले में लिया गया संज्ञान
इस मामले पर बिहार बोर्ड के अध्यक्ष ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि शेखपुरा जिले में 203 विद्यार्थियों के संस्कृत विषय का अंक कुल प्राप्तांक में नहीं जुटने के संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी शेखपुरा द्वारा समिति को प्रतिवेदन भेजा गया है. जिसके आधार पर इन 203 विद्यार्थियों का संशोधित परीक्षाफल जारी कर दिया गया है. इन 203 विद्यार्थियों का संशोधित मार्कशीट भी 3 दिनों के अंदर यानी 12 मई तक संबंधित जिलों में भेज दिया जाएगा. जिसके बाद संबंधित विद्यालय के प्रधान जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से संशोधित मार्कशीट को 13 मई को प्राप्त कर छात्रों में वितरित कर सकेंगे.