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महागठबंधन सरकार के 10 लाख नौकरी के वादे को साकार कर सकता है 'विशेष' राज्य का दर्जा - ईटीवी भारत न्यूज

सीएम नीतीश ने एक बार फिर से विशेष राज्य के दर्जे (Special Status For Bihar) का मुद्दा उठाकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. अगर बिहार को दर्जा मिल जाता है तो महागठबंधन की सरकार जनता से किए गए 10 लाख नौकरी का वादा निभा सकेगी. पढ़ें पूरी रिपोर्टौ

Bihar benefits from special status
Bihar benefits from special status
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Published : Sep 16, 2022, 6:32 PM IST

पटना: विशेष राज्य के दर्जे (Bihar Benefits From Special Status) पर एक बार फिर से बिहार में सियासत शुरू हो गई है. नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) लंबे समय से इस मुद्दे को उठाते रहे हैं लेकिन 17 साल में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला. एनडीए से अलग होने के बाद अब एक बार फिर से इसे 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर नीतीश मुद्दा बना रहे हैं.

पढ़ें- केंद्र सरकार से मिल रही राशि का उपयोग करें CM नीतीश, विशेष राज्य के दर्जे पर संजय जायसवाल का हमला

'विशेष' पर फिर छिड़ी जंग: विशेष राज्य का दर्जा मिल जाने से बिहार का विकास होगा. बिहार रोजगार के अवसर पैदा होंगे और पलायन रुकेगा. आर्थिक विशेषज्ञ कहते हैं कि विशेष राज्य का दर्जा मिले तो बिहार को 30,000 करोड़ की राशि केंद्र से हर साल मिलेगी. 10 लाख नौकरी (10 lakh jobs in Bihar ) आसानी से बिहार सरकार उस राशि से दे सकती है. साथ ही उद्योग धंधे लगाने वाले को कई तरह के टैक्स में भी लंबे समय तक छूट मिलेगी, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होगा और बिहार के लोगों का जीवन बदल जाएगा. ऐसे में नीतीश ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए इस मुद्दे को उठाना शुरू कर दिया है. जिसके बाद से बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है और बीजेपी बौखला गई है.

बिहार का होगा विकास: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल गया तो केंद्र से दी जाने वाली राशि में 90% अनुदान और 10% रकम बिना ब्याज के कर्ज के तौर पर मिलने लगेगा. जबकि अभी जिन्हें विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त नहीं है केंद्र सरकार 30% राशि अनुदान के रूप में देती है और 70% राशि कर्ज के रूप में उपलब्ध कराती है. विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर यदि कोई उद्योग और कारखाना स्थापित करता है तो उसे एक्साइज, कस्टम, कॉर्पोरेट, इनकम टैक्स में भी काफी रियायत मिलेगी. निवेश होने से रोजगार के अवसर पर्याप्त पैदा हो सकते हैं.

'30 हजार करोड़ अतिरिक्त राशि से बिहार को फायदा': आर्थिक विशेषज्ञ डॉक्टर विद्यार्थी विकास का कहना है कि बिहार का बजट अभी 2 लाख 37 हजार करोड़ के करीब है. उसमें एक लाख प्लान एक्सपेंडिचर है. विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर प्लान की राशि 60% से बढ़कर 90% हो जाएगी. इसका मतलब यह है कि जहां बिहार को 60 हजार करोड़ की राशि केंद्र से मिल रही है वह बढ़कर 90000 करोड़ हो जाएगी यानी बिहार को केंद्र से 30 हजार करोड़ की राशि अतिरिक्त मिलने लगेगी.

"बिहार को बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड में केंद्र सरकार बढ़ोतरी कर सकती है. डिजास्टर के तहत बाढ़ को लेकर विशेष मदद मिल सकती है. बिहार को एकमुश्त 30,000 करोड़ की राशि भी मिलने लगी तो बिहार सरकार को बड़ा फायदा होगा. सरकार यदि चाहे तो 10 लाख नौकरी का जो वादा जनता से किया है, उसका खर्च आसानी से पूरा कर सकती है और बिहार में इसी से बड़ा बदलाव आ सकता है."- डॉक्टर विद्यार्थी विकास, विशेषज्ञ, ए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट

'विशेष दर्जे की मांग पुरानी': वहीं जदयू कोटे से मंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि हम लोगों की यह पुरानी मांग है. विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर केंद्रीय असिस्टेंस में बड़ा बदलाव होगा. जिससे बिहार में विकास की गति तेज होगी लेकिन किसी ना किसी कारण से केंद्र सरकार की ओर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा टाला जाता रहा है.

"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि केंद्र में जब हम लोगों की सरकार बनेगी तो बिहार सहित सभी पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा. केंद्र ने हमारी मांग को हमेशा अनसुना किया है."- अशोक चौधरी, मंत्री, भवन निर्माण विभाग

किस राज्य को मिलता है विशेष का दर्जा? : बिहार के अलावे उड़ीसा और आंध्र प्रदेश सहित कुछ और राज्य लंबे समय से विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते रहे हैं लेकिन 14 वें वित्त आयोग ने विशेष राज्य के दर्जे को लेकर जो मापदंड में बदलाव किया उसके कारण अब राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिलना संभव नहीं है. अभी उन्हें ही विशेष राज्य का दर्जा मिल सकता है जिन राज्यों का दुर्गम क्षेत्रों वाला पर्वतीय भू-भाग हो. राज्य की कोई भी सीमा अगर अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगती हो तो उसे भी विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त हो सकता है. राज्य की प्रति व्यक्ति आय और गैर कर राजस्व कम होने पर मिल सकता है. राज्य में आधारभूत ढांचा नहीं होने या पर्याप्त नहीं होने पर, राज्य की जनजातीय जनसंख्या की बहुलता हो अथवा जनसंख्या घनत्व बेहद कम होने पर, राज्य का पिछड़ापन, विकट भौगोलिक परिस्थितियां और सामाजिक समस्याएं भी विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का आधार है.

बिहार अहर्ताओं को नहीं करता पूरा: बिहार इन मापदंडों को पूरा नहीं कर पा रहा है. इसी कारण बिहार जैसे राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा हालांकि केंद्र सरकार ने 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के बाद राज्यों को दी जाने वाली राजस्व 32% से बढ़ाकर 42% कर दिया है. लेकिन बिहार में बाढ़ से हर साल हजारों करोड़ का नुकसान होता है. रोजगार नहीं होने के कारण लाखों लोग पलायन करते हैं और यह सब बड़ी समस्या है. बिहार में जनसंख्या घनत्व भी बहुत अधिक है और बिहार लंबे समय से पिछड़ा राज्य भी रहा है.

विशेष राज्य के मापदंड में बदलाव: एक समय लालू प्रसाद यादव भी केंद्र में सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका में थे. उसके बावजूद बिहार को उस समय उन्होंने विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिलाया. नीतीश कुमार भी अटल बिहारी वाजपेई के सरकार में रेल मंत्री सहित कई मंत्रालय में रहे लेकिन उस समय भी उन्होंने प्रयास नहीं किया. राजनीतिक सियासत के कारण बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल पाया. अब जब मापदंड में बदलाव हुआ है तो ऐसे में विशेष राज्य के दर्जे को लेकर नई सियासत शुरू हुई है.

10 राज्य को विशेष दर्जा: बिहार के अलावा उड़ीसा, राजस्थान, गोवा और आंध्र प्रदेश विशेष राज्य के दर्जे की मांग लंबे समय से कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार ने विशेष राज्य के दर्जे के लिए जो बदलाव किए हैं, उसमें ये राज्य फिट नहीं बैठ रहे हैं. अभी देश में 29 राज्यों में से 10 राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है. जम्मू कश्मीर को पहले विशेष राज्य का दर्जा मिला था. असम, नागालैंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और उत्तराखंड शामिल हैं. जदयू की यह पुरानी मांग है अब एनडीए से अलग होकर नीतीश 2024 को लेकर इसे बड़ा मुद्दा बना रहे हैं. इसीलिए पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा केंद्र में सरकार बनने के बाद देने का पासा भी फेंका है.

CM नीतीश ने विशेष राज्य के दर्जे को लेकर दिया था बड़ा बयान: बड़ा ऐलान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने गुरुवार को मिशन 2024 को लेकर बड़ा बयान दिया. नीतीश कुमार ने कहा कि केन्द्र में सत्ता में आने पर सभी पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा (Give special status to backward states) दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने एकबार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की वकालत (Cm Nitish on Special Status For Bihar) की है. इसी के साथ नीतीश ने केन्द्र पर भी निशाना साधा और कहा कि केंद्र की सरकार काम के नाम पर केवल प्रचार करती है.


केन्द्र में सरकार बनी तो पिछड़े राज्यों को देंगे विशेष दर्जा : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के उद्घाटन के मौके पर कहा कि ‘अगर हमें केंद्र में अगली सरकार बनाने का मौका मिलता है तो सभी पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा. ऐसी कोई वजह नहीं है कि यह नहीं किया जा सकता.’

पटना: विशेष राज्य के दर्जे (Bihar Benefits From Special Status) पर एक बार फिर से बिहार में सियासत शुरू हो गई है. नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) लंबे समय से इस मुद्दे को उठाते रहे हैं लेकिन 17 साल में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला. एनडीए से अलग होने के बाद अब एक बार फिर से इसे 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर नीतीश मुद्दा बना रहे हैं.

पढ़ें- केंद्र सरकार से मिल रही राशि का उपयोग करें CM नीतीश, विशेष राज्य के दर्जे पर संजय जायसवाल का हमला

'विशेष' पर फिर छिड़ी जंग: विशेष राज्य का दर्जा मिल जाने से बिहार का विकास होगा. बिहार रोजगार के अवसर पैदा होंगे और पलायन रुकेगा. आर्थिक विशेषज्ञ कहते हैं कि विशेष राज्य का दर्जा मिले तो बिहार को 30,000 करोड़ की राशि केंद्र से हर साल मिलेगी. 10 लाख नौकरी (10 lakh jobs in Bihar ) आसानी से बिहार सरकार उस राशि से दे सकती है. साथ ही उद्योग धंधे लगाने वाले को कई तरह के टैक्स में भी लंबे समय तक छूट मिलेगी, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होगा और बिहार के लोगों का जीवन बदल जाएगा. ऐसे में नीतीश ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए इस मुद्दे को उठाना शुरू कर दिया है. जिसके बाद से बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है और बीजेपी बौखला गई है.

बिहार का होगा विकास: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल गया तो केंद्र से दी जाने वाली राशि में 90% अनुदान और 10% रकम बिना ब्याज के कर्ज के तौर पर मिलने लगेगा. जबकि अभी जिन्हें विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त नहीं है केंद्र सरकार 30% राशि अनुदान के रूप में देती है और 70% राशि कर्ज के रूप में उपलब्ध कराती है. विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर यदि कोई उद्योग और कारखाना स्थापित करता है तो उसे एक्साइज, कस्टम, कॉर्पोरेट, इनकम टैक्स में भी काफी रियायत मिलेगी. निवेश होने से रोजगार के अवसर पर्याप्त पैदा हो सकते हैं.

'30 हजार करोड़ अतिरिक्त राशि से बिहार को फायदा': आर्थिक विशेषज्ञ डॉक्टर विद्यार्थी विकास का कहना है कि बिहार का बजट अभी 2 लाख 37 हजार करोड़ के करीब है. उसमें एक लाख प्लान एक्सपेंडिचर है. विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर प्लान की राशि 60% से बढ़कर 90% हो जाएगी. इसका मतलब यह है कि जहां बिहार को 60 हजार करोड़ की राशि केंद्र से मिल रही है वह बढ़कर 90000 करोड़ हो जाएगी यानी बिहार को केंद्र से 30 हजार करोड़ की राशि अतिरिक्त मिलने लगेगी.

"बिहार को बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड में केंद्र सरकार बढ़ोतरी कर सकती है. डिजास्टर के तहत बाढ़ को लेकर विशेष मदद मिल सकती है. बिहार को एकमुश्त 30,000 करोड़ की राशि भी मिलने लगी तो बिहार सरकार को बड़ा फायदा होगा. सरकार यदि चाहे तो 10 लाख नौकरी का जो वादा जनता से किया है, उसका खर्च आसानी से पूरा कर सकती है और बिहार में इसी से बड़ा बदलाव आ सकता है."- डॉक्टर विद्यार्थी विकास, विशेषज्ञ, ए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट

'विशेष दर्जे की मांग पुरानी': वहीं जदयू कोटे से मंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि हम लोगों की यह पुरानी मांग है. विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर केंद्रीय असिस्टेंस में बड़ा बदलाव होगा. जिससे बिहार में विकास की गति तेज होगी लेकिन किसी ना किसी कारण से केंद्र सरकार की ओर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा टाला जाता रहा है.

"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि केंद्र में जब हम लोगों की सरकार बनेगी तो बिहार सहित सभी पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा. केंद्र ने हमारी मांग को हमेशा अनसुना किया है."- अशोक चौधरी, मंत्री, भवन निर्माण विभाग

किस राज्य को मिलता है विशेष का दर्जा? : बिहार के अलावे उड़ीसा और आंध्र प्रदेश सहित कुछ और राज्य लंबे समय से विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते रहे हैं लेकिन 14 वें वित्त आयोग ने विशेष राज्य के दर्जे को लेकर जो मापदंड में बदलाव किया उसके कारण अब राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिलना संभव नहीं है. अभी उन्हें ही विशेष राज्य का दर्जा मिल सकता है जिन राज्यों का दुर्गम क्षेत्रों वाला पर्वतीय भू-भाग हो. राज्य की कोई भी सीमा अगर अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगती हो तो उसे भी विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त हो सकता है. राज्य की प्रति व्यक्ति आय और गैर कर राजस्व कम होने पर मिल सकता है. राज्य में आधारभूत ढांचा नहीं होने या पर्याप्त नहीं होने पर, राज्य की जनजातीय जनसंख्या की बहुलता हो अथवा जनसंख्या घनत्व बेहद कम होने पर, राज्य का पिछड़ापन, विकट भौगोलिक परिस्थितियां और सामाजिक समस्याएं भी विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का आधार है.

बिहार अहर्ताओं को नहीं करता पूरा: बिहार इन मापदंडों को पूरा नहीं कर पा रहा है. इसी कारण बिहार जैसे राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा हालांकि केंद्र सरकार ने 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के बाद राज्यों को दी जाने वाली राजस्व 32% से बढ़ाकर 42% कर दिया है. लेकिन बिहार में बाढ़ से हर साल हजारों करोड़ का नुकसान होता है. रोजगार नहीं होने के कारण लाखों लोग पलायन करते हैं और यह सब बड़ी समस्या है. बिहार में जनसंख्या घनत्व भी बहुत अधिक है और बिहार लंबे समय से पिछड़ा राज्य भी रहा है.

विशेष राज्य के मापदंड में बदलाव: एक समय लालू प्रसाद यादव भी केंद्र में सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका में थे. उसके बावजूद बिहार को उस समय उन्होंने विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिलाया. नीतीश कुमार भी अटल बिहारी वाजपेई के सरकार में रेल मंत्री सहित कई मंत्रालय में रहे लेकिन उस समय भी उन्होंने प्रयास नहीं किया. राजनीतिक सियासत के कारण बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल पाया. अब जब मापदंड में बदलाव हुआ है तो ऐसे में विशेष राज्य के दर्जे को लेकर नई सियासत शुरू हुई है.

10 राज्य को विशेष दर्जा: बिहार के अलावा उड़ीसा, राजस्थान, गोवा और आंध्र प्रदेश विशेष राज्य के दर्जे की मांग लंबे समय से कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार ने विशेष राज्य के दर्जे के लिए जो बदलाव किए हैं, उसमें ये राज्य फिट नहीं बैठ रहे हैं. अभी देश में 29 राज्यों में से 10 राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है. जम्मू कश्मीर को पहले विशेष राज्य का दर्जा मिला था. असम, नागालैंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और उत्तराखंड शामिल हैं. जदयू की यह पुरानी मांग है अब एनडीए से अलग होकर नीतीश 2024 को लेकर इसे बड़ा मुद्दा बना रहे हैं. इसीलिए पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा केंद्र में सरकार बनने के बाद देने का पासा भी फेंका है.

CM नीतीश ने विशेष राज्य के दर्जे को लेकर दिया था बड़ा बयान: बड़ा ऐलान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने गुरुवार को मिशन 2024 को लेकर बड़ा बयान दिया. नीतीश कुमार ने कहा कि केन्द्र में सत्ता में आने पर सभी पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा (Give special status to backward states) दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने एकबार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की वकालत (Cm Nitish on Special Status For Bihar) की है. इसी के साथ नीतीश ने केन्द्र पर भी निशाना साधा और कहा कि केंद्र की सरकार काम के नाम पर केवल प्रचार करती है.


केन्द्र में सरकार बनी तो पिछड़े राज्यों को देंगे विशेष दर्जा : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के उद्घाटन के मौके पर कहा कि ‘अगर हमें केंद्र में अगली सरकार बनाने का मौका मिलता है तो सभी पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा. ऐसी कोई वजह नहीं है कि यह नहीं किया जा सकता.’

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