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कर्नाटक विवाद पर बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने पत्र जारी कर कहा- इस्तीफा स्वीकार नहीं करना आश्चर्यजनक - Political news

बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के रवैये पर एक पत्र जारी कर कहा कि बिना मतलब का इसे तूल दिया जा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष के पास इस्तीफा स्वीकार करने के आलावा और कोई विकल्प नहीं है.

बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी
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Published : Jul 14, 2019, 7:51 PM IST

पटना: कर्नाटक विवाद में बिहार विधानसभा अध्यक्ष भी कूद पड़े हैं. कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार की मुसीबतें बढ़ी हुई है. 15 विधायकों के इस्तीफे से कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार संकट में है. इसी को लेकर बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने एक पत्र जारी कर अपनी राय दी है. विजय चौधरी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के पास इस्तीफा स्वीकार करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.

इस्तीफा देने वाले विधायकों ने कोर्ट में भी अर्जी दाखिल कर दी है. विधानसभा अध्यक्ष विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं कर रहे हैं. इसको लेकर बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के पास इस्तीफे स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. इस्तीफा स्वीकार करने में किए जा रहे विलंब पर विजय चौधरी ने आश्चर्य भी जताया है.

पटना से खास रिपोर्ट

इस्तीफे को विधानसभा अध्यक्ष ने नहीं किया है स्वीकार
कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन सरकार की 10 विधायकों के इस्तीफे से मुश्किलें बढ़ी हुई थी. बाद में 5 और विधायकों ने इस्तीफे दे दिया है. हालांकि अभी तक विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफे स्वीकार नहीं किए हैं. कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने भी कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के रवैये पर एक पत्र जारी कर कहा कि बिना मतलब का इसे तूल दिया जा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष के पास इस्तीफ़े स्वीकार करने के आलावा कोई और विकल्प नहीं है. विजय चौधरी ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि इस्तीफा स्वीकार नहीं करना आश्चर्यजनक है.

कांग्रेस ने साध रखी है चुप्पी
विधानसभा अध्यक्ष के पत्र पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह ने चुप्पी साध ली है. कांग्रेस इस मामले में बीजेपी पर सरकार गिराने का आरोप लगा रही है और पार्टी के रुख के कारण ही सदानंद सिंह ने विवाद से बचने के लिए कुछ भी बोलने से बचना ही बेहतर समझा है. वहीं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इस मामले में जल्द से जल्द फैसला होना चाहिए. वशिष्ठ नारायण सिंह ने अपना उदाहरण भी दिया कि किस प्रकार से उन्होंने भी एक बार इस्तीफा दे दिया था और तब के विधानसभा अध्यक्ष ने बातचीत कर इस्तीफा स्वीकार किया था.

सरकार गिरना लगभग तय
बागी विधायकों के तेवर से साफ लग रहा है कि जेडीएस-कांग्रेस की सरकार का गिरना वहां तय है. लेकिन उस पर पूरे देश में सियासत शुरू है और बिहार भी उससे बचा नहीं है. बिहार विधानसभा अध्यक्ष के पत्र के बाद बिहार में कांग्रेस नेताओं का रुख क्या होता है यह देखने वाली बात होगी. फिलहाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने तो चुप्पी साध रखी है.

पटना: कर्नाटक विवाद में बिहार विधानसभा अध्यक्ष भी कूद पड़े हैं. कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार की मुसीबतें बढ़ी हुई है. 15 विधायकों के इस्तीफे से कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार संकट में है. इसी को लेकर बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने एक पत्र जारी कर अपनी राय दी है. विजय चौधरी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के पास इस्तीफा स्वीकार करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.

इस्तीफा देने वाले विधायकों ने कोर्ट में भी अर्जी दाखिल कर दी है. विधानसभा अध्यक्ष विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं कर रहे हैं. इसको लेकर बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के पास इस्तीफे स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. इस्तीफा स्वीकार करने में किए जा रहे विलंब पर विजय चौधरी ने आश्चर्य भी जताया है.

पटना से खास रिपोर्ट

इस्तीफे को विधानसभा अध्यक्ष ने नहीं किया है स्वीकार
कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन सरकार की 10 विधायकों के इस्तीफे से मुश्किलें बढ़ी हुई थी. बाद में 5 और विधायकों ने इस्तीफे दे दिया है. हालांकि अभी तक विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफे स्वीकार नहीं किए हैं. कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने भी कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के रवैये पर एक पत्र जारी कर कहा कि बिना मतलब का इसे तूल दिया जा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष के पास इस्तीफ़े स्वीकार करने के आलावा कोई और विकल्प नहीं है. विजय चौधरी ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि इस्तीफा स्वीकार नहीं करना आश्चर्यजनक है.

कांग्रेस ने साध रखी है चुप्पी
विधानसभा अध्यक्ष के पत्र पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह ने चुप्पी साध ली है. कांग्रेस इस मामले में बीजेपी पर सरकार गिराने का आरोप लगा रही है और पार्टी के रुख के कारण ही सदानंद सिंह ने विवाद से बचने के लिए कुछ भी बोलने से बचना ही बेहतर समझा है. वहीं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इस मामले में जल्द से जल्द फैसला होना चाहिए. वशिष्ठ नारायण सिंह ने अपना उदाहरण भी दिया कि किस प्रकार से उन्होंने भी एक बार इस्तीफा दे दिया था और तब के विधानसभा अध्यक्ष ने बातचीत कर इस्तीफा स्वीकार किया था.

सरकार गिरना लगभग तय
बागी विधायकों के तेवर से साफ लग रहा है कि जेडीएस-कांग्रेस की सरकार का गिरना वहां तय है. लेकिन उस पर पूरे देश में सियासत शुरू है और बिहार भी उससे बचा नहीं है. बिहार विधानसभा अध्यक्ष के पत्र के बाद बिहार में कांग्रेस नेताओं का रुख क्या होता है यह देखने वाली बात होगी. फिलहाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने तो चुप्पी साध रखी है.

Intro:पटना-- कर्नाटक विवाद में बिहार विधानसभा अध्यक्ष भी कूद पड़े हैं । कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार की मुसीबतें बढ़ी हुई है। 15 विधायकों के इस्तीफे से कांग्रेस और जेडीएस सरकार संकट में है विधायकों ने कोर्ट में भी अर्जी दाखिल कर दी है lविधानसभा अध्यक्ष विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं कर रहे हैं और इसी को लेकर बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने भी एक पत्र जारी कर अपनी राय जाहिर कर दी है विजय चौधरी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के पास इस्तीफे स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है । इस्तीफा स्वीकार करने में किए जा रहे विलंब पर विजय चौधरी ने आश्चर्य भी जताया।
पेश है खास रिपोर्ट--


Body:कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन की सरकार पहले 10 विधायकों के इस्तीफे से मुश्किलें बढ़ी हुई थी और बाद में 5 और विधायकों ने इस्तीफे दे दी है हालांकि अभी तक विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफे स्वीकार नहीं किए है। कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने भी कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के रवैए पर एक पत्र जारी कर कहा कि बिना मतलब का इसे तूल दिया जा रहा है विधानसभा अध्यक्ष के पास इस्तीफ़े स्वीकार करने के आलावा कोई और विकल्प नहीं है विजय चौधरी ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि इस्तीफा स्वीकार नहीं करना आश्चर्यजनक है।
विधानसभा अध्यक्ष के पत्र पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह ने चुप्पी साध ली है कांग्रेस इस मामले में बीजेपी पर सरकार गिराने का आरोप लगा रही है और पार्टी के रुख के कारण ही सदानंद सिंह ने विवाद से बचने के लिए कुछ भी बोलने से बचना ही बेहतर समझा है ।
वहीं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा इस मामले में जल्द से जल्द फैसला होना चाहिए वशिष्ठ नारायण सिंह ने अपना उदाहरण भी दिया कि किस प्रकार से उन्होंने भी एक और इस्तीफा दे दिया था और तब के विधानसभा अध्यक्ष ने बातचीत कर इस्तीफा स्वीकार किया था।



Conclusion:बागी विधायकों के तेवर से साफ लग रहा है कि जेडीएस कांग्रेस की सरकार का गिरना वहां तय है लेकिन उस पर पूरे देश में सियासत शुरू है और बिहार भी उससे बचा नहीं है । बिहार विधानसभा अध्यक्ष के पत्र के बाद बिहार में कांग्रेस नेताओं का रुख क्या होता है यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने तो चुप्पी साध रखी है।
अविनाश, पटना।
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