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बिहार महासमर 2020: NDA में तकरार के बीच LJP ने आज बुलाई अहम बैठक

चिराग पासवान की एलजेपी आज अपने बिहार प्रदेश नेताओं के साथ बैठक करेगी, सूत्रों की माने तो बैठक में यह तय हो सकता है कि पार्टी एनडीए में शामिल होकर चुनाव लड़ेगी या अलग होकर.

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Published : Sep 7, 2020, 9:09 AM IST

पटना/नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के संसदीय दल की आज दिल्ली में बैठक होगी. इसमें एलजेपी चुनाव से पहले एनडीए में अपनी स्थिति को लेकर बड़ा फैसला भी कर सकती है.

इससे पहले रविवार की शाम एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर फिर निशाना साधा. चिराग ने कहा कि मारे गए अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के लोगों के परिजन को सरकारी नौकरी देने का उनका फैसला केवल चुनाव संबंधी घोषणा है.

चिराग की नीतीश कुमार को चिट्ठी
नीतीश को लिखे एक पत्र में उन्होंने उन पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों से पूर्व में किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया. इन वादों में उन्हें तीन डिसमिल जमीन दिए जाने का भी जिक्र था. उन्होंने कहा, नीतीश सरकार अगर गंभीर थी तो समुदाय के उन सभी लोगों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देनी चाहिए थी, जो उनके 15 साल के शासन के दौरान मारे गए.

एक-दूसरे पर निशाना
रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी और नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाले जेडीयू बीते कुछ महीनों से एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. नीतीश के पूर्व मुख्यमंत्री और दलित नेता जीतन राम मांझी से हाथ मिलाने के बाद दोनों दलों के रिश्तों में खटास और बढ़ गई है. मांझी एलजेपी पर निशाना साधते रहे हैं.

पार्टी की कमान चिराग के पास
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी की कमान अब उनके बेटे चिराग पासवान संभाल रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि पार्टी के पास एक विकल्प यह है कि वह केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बनी रहे लेकिन राज्य में उससे अलग होकर चुनाव लड़े जबकि भगवा दल के खिलाफ उम्मीदवार न उतारे.

साल 2005: NDA के खिलाफ चुनाव लड़ी थी एलजेपी
एलजेपी फरवरी 2005 में हुए बिहार विधानसभा के चुनावों में एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ी थी. जबकि, दोनों क्षेत्रीय दल केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार का हिस्सा थे. एलजेपी ने कांग्रेस से अपना गठबंधन बरकरार रखते हुए एनडीए के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे.

एनडीए के 3 घटकों के साथ चुनाव लड़ने पर जोर
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम पार्टी नेता एनडीए के तीनों घटकों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर जोर दे रहे हैं. लेकिन, सूत्रों ने कहा कि असहजता का भाव आ रहा है क्योंकि नीतीश कुमार एनडीए नेताओं को अपने पाले में करने की कोशिश करके और मांझी से गठजोड़ कर अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं.

एलजेपी के साथ सीटों की साझेदारी पर कोई बात नहीं
जेडीयू ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह एलजेपी के साथ सीटों की साझेदारी को लेकर कोई बात नहीं करेगी क्योंकि उसके संबंध परंपरागत रूप से बीजेपी के साथ हैं. वहीं, नीतीश पर निशाना साधने के दौरान चिराग पासवान बीजेपी पर निशाना साधने से बचते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना भी करते हैं.

चुनाव तारीखों का इंतजार
निर्वाचन आयोग के जल्द ही बिहार विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करने की उम्मीद है. प्रदेश में विधानसभा की 243 सीटों पर अक्तूबर-नवंबर में चुनाव होने की उम्मीद है.

पटना/नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के संसदीय दल की आज दिल्ली में बैठक होगी. इसमें एलजेपी चुनाव से पहले एनडीए में अपनी स्थिति को लेकर बड़ा फैसला भी कर सकती है.

इससे पहले रविवार की शाम एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर फिर निशाना साधा. चिराग ने कहा कि मारे गए अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के लोगों के परिजन को सरकारी नौकरी देने का उनका फैसला केवल चुनाव संबंधी घोषणा है.

चिराग की नीतीश कुमार को चिट्ठी
नीतीश को लिखे एक पत्र में उन्होंने उन पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों से पूर्व में किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया. इन वादों में उन्हें तीन डिसमिल जमीन दिए जाने का भी जिक्र था. उन्होंने कहा, नीतीश सरकार अगर गंभीर थी तो समुदाय के उन सभी लोगों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देनी चाहिए थी, जो उनके 15 साल के शासन के दौरान मारे गए.

एक-दूसरे पर निशाना
रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी और नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाले जेडीयू बीते कुछ महीनों से एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. नीतीश के पूर्व मुख्यमंत्री और दलित नेता जीतन राम मांझी से हाथ मिलाने के बाद दोनों दलों के रिश्तों में खटास और बढ़ गई है. मांझी एलजेपी पर निशाना साधते रहे हैं.

पार्टी की कमान चिराग के पास
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी की कमान अब उनके बेटे चिराग पासवान संभाल रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि पार्टी के पास एक विकल्प यह है कि वह केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बनी रहे लेकिन राज्य में उससे अलग होकर चुनाव लड़े जबकि भगवा दल के खिलाफ उम्मीदवार न उतारे.

साल 2005: NDA के खिलाफ चुनाव लड़ी थी एलजेपी
एलजेपी फरवरी 2005 में हुए बिहार विधानसभा के चुनावों में एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ी थी. जबकि, दोनों क्षेत्रीय दल केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार का हिस्सा थे. एलजेपी ने कांग्रेस से अपना गठबंधन बरकरार रखते हुए एनडीए के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे.

एनडीए के 3 घटकों के साथ चुनाव लड़ने पर जोर
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम पार्टी नेता एनडीए के तीनों घटकों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर जोर दे रहे हैं. लेकिन, सूत्रों ने कहा कि असहजता का भाव आ रहा है क्योंकि नीतीश कुमार एनडीए नेताओं को अपने पाले में करने की कोशिश करके और मांझी से गठजोड़ कर अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं.

एलजेपी के साथ सीटों की साझेदारी पर कोई बात नहीं
जेडीयू ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह एलजेपी के साथ सीटों की साझेदारी को लेकर कोई बात नहीं करेगी क्योंकि उसके संबंध परंपरागत रूप से बीजेपी के साथ हैं. वहीं, नीतीश पर निशाना साधने के दौरान चिराग पासवान बीजेपी पर निशाना साधने से बचते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना भी करते हैं.

चुनाव तारीखों का इंतजार
निर्वाचन आयोग के जल्द ही बिहार विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करने की उम्मीद है. प्रदेश में विधानसभा की 243 सीटों पर अक्तूबर-नवंबर में चुनाव होने की उम्मीद है.

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