पटनाः बिहार में 5 जून यानि पर्यावरण दिवस (Environment Day) से 9 अगस्त बिहार पृथ्वी दिवस (Bihar Earth Day) तक 5 करोड़ पौधे लगाने की तैयारियों को लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने खुद ट्वीट करके बिहार में ग्रीन कवर बढ़ाने को महत्वपूर्ण बताया है. कोरोना की दूसरी लहर से प्रभावित वन पर्यावरण विभाग के लिए एक तरफ जहां यह बड़ी चुनौती है, तो दूसरी तरफ विशेषज्ञ बिहार में ग्रीन कवर से ज्यादा फॉरेस्ट कवर को बढ़ाना जरूरी बता रहे हैं.
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पिछले साल लगाए गए थे साढ़े तीन करोड़ पौधे
बिहार में 5 करोड़ पौधे लगाने की तैयारी जोर-शोर से हो रही है. पिछले साल वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने कई अन्य विभागों के सहयोग से दो करोड़ 51 लाख पौधे लगाने के लक्ष्य को पीछे छोड़ते हुए करीब साढ़े तीन करोड़ पौधे लगाए गए थे. बिहार के हरित आवरण को बढ़ाने के लिए पिछले कुछ सालों से हर साल सघन पौधारोपण का कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
बिहार पृथ्वी दिवस तक चलेगा मेगा अभियान
जल जीवन हरियाली योजना के तहत वर्ष 2021-22 में वन विभाग ग्रामीण विकास विभाग और जीविका की मदद से 5 करोड़ पौधारोपण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए तमाम तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसी कड़ी में 2 जून और 4 जून को महत्वपूर्ण बैठक भी बुलाई गई है. 5 जून से पौधारोपण का कार्यक्रम शुरू होगा जो बिहार पृथ्वी दिवस यानि 9 अगस्त तक जारी रहेगा.
सीएम ने किया ट्वीट
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद ट्वीट करके पौधारोपण को महत्वपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा है कि साल 2012 में बिहार में हरियाली मिशन की शुरुआत की गयी और 24 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया, जिसमें 22 करोड़ से ज्यादा वृक्षारोपण किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में करीब 3.5 करोड़ पौधे लगाए गए हैं. जिससे बिहार का हरित आवरण 15% तक पहुंच गया है. इसे बढ़ाकर 17% तक ले जाना है.
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क्या कहते हैं अधिकारी
वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि इस बार विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में कोरोना से संक्रमित हुए हैं। उन्होंने बताया कि कई लोगों की मौत भी हुई है फिर भी हम इस प्रयास में हैं कि तय समय में 5 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य पूरा कर लिया जाए। इसके लिए मनरेगा और जीविका दीदियों के अलावा पारा मिलिट्री फोर्स और विभिन्न सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
क्या कहते हैं जानकार
इस बारे में डॉ संजय कुमार कहते हैं कि बिहार में फॉरेस्ट कवर भी उतना ही जरूरी है, जितना ग्रीन कवर. सघन वृक्षारोपण से निश्चित तौर पर उस जगह के क्लाइमेट पर बड़ा असर डाला जा सकता है. उन्होंने बताया कि सरकार को ग्रीन कवर के साथ फॉरेस्ट कवर पर भी ध्यान देना जरूरी है. इसके साथ-साथ नदियों के किनारे पौधारोपण से कई समस्याओं से एक साथ निजात मिल सकती है.
विपक्ष उठाता रहा है सवाल
बिहार सरकार के इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम पर सवाल भी उठते रहे हैं. बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों से वृक्षारोपण के नाम पर बिहार में बहुत बड़ा घोटाला हो रहा है. राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन जगन ने कहा कि हरियाली मिशन के तहत तथाकथित रूप से 22 करोड़ पौधे लगाए गए. लेकिन हकीकत में 2200 पौधों का वृक्षारोपण भी नहीं हुआ. राजद नेता ने दावा किया कि हरियाली मिशन के नाम पर जबरदस्त लूट हुई थी और हजारों करोड़ का घोटाला हुआ था. ऐसा ही कुछ वर्ष 2020 में भी हुआ जब साढ़े तीन करोड़ पौधे लगाने का दावा किया गया. राजद नेता ने कहा कि यह दावे सिर्फ कागजी हैं और उनके नाम पर बड़ा घोटाला बिहार में हो रहा है.