पटना: भारत के संविधान निर्माता और भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 130वीं जयंती देश भर में मनाई गई. बिहार में भी नेताओं और लोगों ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई. कोरोना संक्रमण के कारण सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपने-अपने तरीके से बाबा साहब को नमन किया.
ये भी पढ़ें- अंबेडकर जयंती: PM-CM समेत कई नेताओं ने किया याद
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर राजनीतिक पार्टियों की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान बाबा साहब को याद किया और उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया. हालांकि नेताओं ने भीड़भाड़ से परहेज किया.
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अन्ने मार्ग स्थित लोक संवाद में आयोजित कार्यक्रम में बाबा साहब की तस्वीर पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें नमन किया और उनके कार्यों को याद किया.
- नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी अपने सरकारी आवास पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया.
- भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने भी डॉ. भीमराव अंबेडकर को याद किया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने उनकी आदमकद प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया.
- पटना हाईकोर्ट के पास स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने भी माल्यार्पण किया.
- पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम के दफ्तर में भी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई. इस मौके पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं ने उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित किया.
- लोक जनशक्ति पार्टी के दफ्तर में भी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई. इस मौके पर नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर नमन किया.
'बाबा साहब की लड़ाई नहीं बढ़ी आगे'
भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंति के मौके पर बुद्धिजीवी डॉक्टर संजय कुमार ने कहा कि बिहार में तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं.
बाबा साहब को लोग याद कर रहे हैं. उनके सिद्धांतों को मानने की बात भी करते हैं. लेकिन व्यवहारिक तौर पर गरीब, दलित और शोषित के मुद्दों पर संघर्ष की बात जब आती है तो नेता और राजनीतिक दल पीछे हट जाते हैं. उनकी कथनी और करनी में फर्क दिखने लगता है.
'भारत रत्न' से सम्मानित
बाबा साहेब अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है, आजादी के बाद वह देश के पहले कानून एवं न्याय मंत्री बने थे. साल 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया.