पटना: बिहार में कोरोना के तीसरी लहर की आहट (Third Wave Of Corona In Bihar) सुनाई देने लगी है. अकेले पटना में दो दिनों के अंदर 6 बच्चे कोरोना संक्रमित (six Children Corona Infected) पाए गए हैं. जबकि गुरुवार और शुक्रवार को कुल 23 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं. इनमें, गुरुवार को 14 पॉजिटिव केस मिले थे जिसमें 4 बच्चे पाए इन्फेक्टेड थे. इन बच्चों की उम्र क्रमश: 6 साल, 11 साल, 15 साल और 16 साल है. जबकि शुक्रवार को दोपहर 3 बजे तक आई रिपोर्ट में 9 संक्रमितों में से 2 बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटव आई है. इनकी भी उम्र 8 साल और 12 साल है.
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पटना में सर्वाधिक पॉजिटिव मामले वर्तमान समय में शास्त्री नगर इलाके में देखने को मिल रहे हैं. शास्त्री नगर, एजी कॉलोनी जैसे इलाके में स्कूल जाने वाले बच्चों में कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. जिसके बाद से स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं और बढ़ गई हैं. हालांकि शिक्षा सचिव ने साफ कहा है कि फिलहाल स्कूल बंद करने का सरकार का इरादा नहीं है. क्लासेज अभी ऑफलाइन मोड में ही चलती रहेंगी.
ऐसे में बच्चों में बढ़ते कोरोना संक्रमण से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ना लाजमी है. वैसे भी प्रदेश में जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़े हैं उसने स्वास्थ्य विभाग के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. प्रदेश के अंदर इन छह दिनों में 53 लोग कोविड पॉजिटिव मिले हैं. राहत की बात ये है कि पाए गए संक्रमितों में से अभी तक किसी में भी नए वैरिएंट ओमीक्रॉन की पुष्टि नहीं हुई है. सभी का इलाज होम आइसोलेशन में किया जा रहा है.
शुक्रवार को आई रिपोर्ट में पटना के एक चिकित्सक भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. सभी होम आइसोलेशन में है और स्वास्थ्य विभाग सभी के स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए हैं. सभी की स्थिति माइल्ड से मॉडरेट है और घर में ही आइसोलेट होकर दवाइयों का सेवन कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगातार उनके पास सुबह-शाम फोन जा रहा है. तमाम सावधानी बरतने के साथ-साथ हौसला बनाए रखने की भी अपील की जा रही है.
जिस तरह से मौसम बदल रहा है, हर घर में बच्चों में वायरल फ्लू के लक्षण दिख रहे हैं. ऐसे में अभिभावक डरे हुए हैं. बावजूद इसके लोग मास्क का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. बाजार में सब्जी खरीदना हो या राशन की सामग्री लेनी हो लोग बिना मास्क के ही भीड़भाड़ वाले इलाके में बेखौफ घूम रहे हैं. अगर लोगों ने सावधानी नहीं बरती तो यही लापरवाही तीसरी लहर के निमंत्रण का कारण बनेगा.
बता दें कि बच्चों के लिए अभी तक कोरोना की वैक्सीन नहीं बन पाई है. वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया अंडर ट्रायल है. ऐसे में जब तक वैक्सीन नहीं बन जाती आपकी लापरवाही आपके बच्चों पर भारी पड़ सकती है. सभी को कोरोना से जंग के लिए एक जुट होकर 'दो गज की दूरी' और मास्क को ढाल बनाकर लड़ना होगा. जिसने वैक्सीनेशन नहीं कराया वो वैक्सीनेशन कराने में देरी न करें.
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