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Bihar Sikshak Niyojan: ये शिक्षक भी नई नियमावली का उठा सकते हैं लाभ, जानिए जरूरी बातें...

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Published : Apr 10, 2023, 9:02 PM IST

Updated : Apr 11, 2023, 10:17 AM IST

बिहार में शिक्षक बहाली को लेकर नई नियमावली में जारी की गई है. जिसमें पिछली बहाली के अनुरूप कई बदलाव किए गए हैं. इस बहाली में भाग लेने वालों के लिए अभ्यर्थियों के लिए नई नियमावली की जानकारी जरूरी है. शिक्षा विभाग ने नई नियमावली को लेकर पूरी जानकारी जारी की है, जो इस प्रकार है. पढ़ें पूरी खबर...

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पटना: बिहार में सातवें चरण में शिक्षक बहाली (Teacher reinstatement in the seventh phase) को लेकर जारी नई नियमावली में कई अहम बिंदू हैं, जो शिक्षकों के लिए काम आने वाला है. जिसके तहत शिक्षकों के लिए कई अलग प्रावधान भी किए गए हैं. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने इसकी जानकारी दी. शिक्षा विभाग के नियंत्रण में आने वाले राजकीय, राजकीय बुनियादी विद्यालय, राजकीयकृत एवं प्रोजेक्ट कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय में नियुक्त होने वाले विद्यालय का स्तर वार व विषयवार अलग अलग संवर्ग होगा.

यह भी पढ़ेंः 'जिअ..जिअ..ए नीतीश चाचा..', शिक्षक नियमावली पर लगी मुहर तो सुप्रिया ने अलग अंदाज में जताया आभार

अलग-अलग संवर्ग होगाः प्राथमिक और मध्य विद्यालय के मूल कोटि और स्नातक कोटि के विद्यालय अध्यापक व उच्च माध्यमिक विद्यालय में विषय वार विद्यालय अध्यापक का अलग-अलग संवर्ग होगा. सभी संवर्ग जिलास्तर के होंगे. विद्यालय अध्यापक के सभी पद पर सीधी नियुक्ति होगी. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से चिह्नित आयोग के माध्यम से पात्र अभ्यर्थियों का लिखित परीक्षा के माध्यम से चयन कर इसकी अनुशंसा शिक्षा विभाग को की जाएगी. शिक्षा विभाग द्वारा उक्त अनुशंसा को संबंधित जिला के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जो इस संवर्ग के विद्यालय अध्यापक की नियुक्ति प्राधिकार होंगे. उन्हें नियुक्ति के लिए अग्रसारित कर दिया जाएगा.

बिहार का स्थाई निवासी होना चाहिएः आवेदक को भारत का नागरिक व बिहार राज्य का स्थाई निवासी होना आवश्यक है. विद्यालय अध्यापक के पद का वेतन आदि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किए जाएंगे. विद्यालय अध्यापक के विभिन्न वर्गों का पद बल वही होगा, जो सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया जाएगा. यह भी स्पष्ट किया गया है कि अन्य सेवा शर्तें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी.

नियुक्ति के लिए अनिवार्य अर्हताः शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा समय-समय पर निर्धारित शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण की योग्यता आधारित करता हो. विशेष विद्यालय अध्यापक के लिए अर्हता भारतीय पुनर्वास परिषद के अनुरूप अनुमान्य होगी. साथ ही साथ आवेदक राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर आहूत शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण हो, परंतु वर्ष 2000 पूर्व से नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षक जो दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण होंगे, उनके लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता अनिवार्य नहीं होगी. विषय विशेष के लिए अलग से विशेष अर्हता का निर्धारण समय-समय पर किया जाएगा.

आरक्षण का प्रावधान इस प्रकार हैः राज्य सरकार के अधीन सीधी नियुक्ति में सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा लागू आरक्षण का प्रावधान प्रभावी होगा. परंतु प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के मूल कोटि एवं स्नातक कोटि के विद्यालय अध्यापक के पद पर प्रत्येक विषय में न्यूनतम 50% महिला अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाएगी. विषम संख्या रहने पर अंतिम पद महिला अभ्यर्थी के लिए चिह्नित किया जाएगा. इस नियमावली के प्रवृत्त होने के बाद प्रथम सम व्यवहार में विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए आरक्षण बिंदु 1से रोस्टर प्रारंभ होगा. साथ ही साथ कोई अभ्यर्थी इस नियमावली के अंतर्गत अधिकतम तीन बार परीक्षा में भाग ले सकेगा.

नियमावली के प्रभावी की तिथि के बाद नियुक्ति नहींः विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस नियमावली के अधिसूचित होने की तिथि से पूर्व की नियमावली द्वारा नियुक्त बिहार जिला परिषद/ नगर निकाय माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक एवं बिहार पंचायत /नगर निकाय प्रारंभिक विद्यालय के शिक्षकों का संवर्ग यथावत रहेगा. नगर निकाय संस्था एवं पंचायती राज संस्था के अंतर्गत शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित नियमावली जो वर्ष 2006 से वर्ष 2020 की अवधि में अनुसूचित हुई, उसमें निहित प्रावधान के तहत इस नियमावली के प्रभावी होने की तिथि के बाद कोई नियुक्ति नहीं की जा सकेगी.

पटना: बिहार में सातवें चरण में शिक्षक बहाली (Teacher reinstatement in the seventh phase) को लेकर जारी नई नियमावली में कई अहम बिंदू हैं, जो शिक्षकों के लिए काम आने वाला है. जिसके तहत शिक्षकों के लिए कई अलग प्रावधान भी किए गए हैं. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने इसकी जानकारी दी. शिक्षा विभाग के नियंत्रण में आने वाले राजकीय, राजकीय बुनियादी विद्यालय, राजकीयकृत एवं प्रोजेक्ट कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय में नियुक्त होने वाले विद्यालय का स्तर वार व विषयवार अलग अलग संवर्ग होगा.

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अलग-अलग संवर्ग होगाः प्राथमिक और मध्य विद्यालय के मूल कोटि और स्नातक कोटि के विद्यालय अध्यापक व उच्च माध्यमिक विद्यालय में विषय वार विद्यालय अध्यापक का अलग-अलग संवर्ग होगा. सभी संवर्ग जिलास्तर के होंगे. विद्यालय अध्यापक के सभी पद पर सीधी नियुक्ति होगी. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से चिह्नित आयोग के माध्यम से पात्र अभ्यर्थियों का लिखित परीक्षा के माध्यम से चयन कर इसकी अनुशंसा शिक्षा विभाग को की जाएगी. शिक्षा विभाग द्वारा उक्त अनुशंसा को संबंधित जिला के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जो इस संवर्ग के विद्यालय अध्यापक की नियुक्ति प्राधिकार होंगे. उन्हें नियुक्ति के लिए अग्रसारित कर दिया जाएगा.

बिहार का स्थाई निवासी होना चाहिएः आवेदक को भारत का नागरिक व बिहार राज्य का स्थाई निवासी होना आवश्यक है. विद्यालय अध्यापक के पद का वेतन आदि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किए जाएंगे. विद्यालय अध्यापक के विभिन्न वर्गों का पद बल वही होगा, जो सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया जाएगा. यह भी स्पष्ट किया गया है कि अन्य सेवा शर्तें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी.

नियुक्ति के लिए अनिवार्य अर्हताः शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा समय-समय पर निर्धारित शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण की योग्यता आधारित करता हो. विशेष विद्यालय अध्यापक के लिए अर्हता भारतीय पुनर्वास परिषद के अनुरूप अनुमान्य होगी. साथ ही साथ आवेदक राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर आहूत शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण हो, परंतु वर्ष 2000 पूर्व से नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षक जो दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण होंगे, उनके लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता अनिवार्य नहीं होगी. विषय विशेष के लिए अलग से विशेष अर्हता का निर्धारण समय-समय पर किया जाएगा.

आरक्षण का प्रावधान इस प्रकार हैः राज्य सरकार के अधीन सीधी नियुक्ति में सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा लागू आरक्षण का प्रावधान प्रभावी होगा. परंतु प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के मूल कोटि एवं स्नातक कोटि के विद्यालय अध्यापक के पद पर प्रत्येक विषय में न्यूनतम 50% महिला अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाएगी. विषम संख्या रहने पर अंतिम पद महिला अभ्यर्थी के लिए चिह्नित किया जाएगा. इस नियमावली के प्रवृत्त होने के बाद प्रथम सम व्यवहार में विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए आरक्षण बिंदु 1से रोस्टर प्रारंभ होगा. साथ ही साथ कोई अभ्यर्थी इस नियमावली के अंतर्गत अधिकतम तीन बार परीक्षा में भाग ले सकेगा.

नियमावली के प्रभावी की तिथि के बाद नियुक्ति नहींः विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस नियमावली के अधिसूचित होने की तिथि से पूर्व की नियमावली द्वारा नियुक्त बिहार जिला परिषद/ नगर निकाय माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक एवं बिहार पंचायत /नगर निकाय प्रारंभिक विद्यालय के शिक्षकों का संवर्ग यथावत रहेगा. नगर निकाय संस्था एवं पंचायती राज संस्था के अंतर्गत शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित नियमावली जो वर्ष 2006 से वर्ष 2020 की अवधि में अनुसूचित हुई, उसमें निहित प्रावधान के तहत इस नियमावली के प्रभावी होने की तिथि के बाद कोई नियुक्ति नहीं की जा सकेगी.

Last Updated : Apr 11, 2023, 10:17 AM IST
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