पटना: प्राथमिक कक्षाओं में बीएड योग्यताधारी शिक्षकों को ना शामिल करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिहार के बीएड पास शिक्षक अभ्यर्थी काफी परेशान हैं उनकी उलझनें बढ़ी हुई है. 1.70 लाख शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए फॉर्म भर चुके शिक्षक अभ्यर्थी ऊहापोह की स्थिति में हैं. उन्हें यह यह समझ नहीं पा रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें बीपीएससी द्वारा आयोजित होने वाली शिक्षक बहाली परीक्षा में शामिल किया जाएगा या नहीं.
बीएड योग्यताधारी शिक्षक परेशान: इस संबंध में सातवें चरण शिक्षक बहाली के लिए संघर्षरत रहे बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने बिहार सरकार से तुरंत हस्तक्षेप कर शिक्षक अभ्यर्थियों की दुविधा समाप्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों में 79943 पदों पर नियुक्ति के लिए बीपीएससी द्वारा 24 अगस्त से परीक्षा प्रस्तावित है. जिसमें 5 लाख से अधिक बीएड योग्यताधारी शिक्षक अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इनकी उम्मीदवारी पर संकट है.
शिक्षक अभ्यर्थी एनसीटीई के गाइडलाइन का कर रहे इंतजार: उन्होंने बताया कि 2018 में एनसीटीई ने बीएड को प्रारंभिक कक्षाओं में पढ़ाने के योग्य माना था. इसके बाद ही एनसीटीई ने बीएड का कोर्स किया. अब उनकी डिग्री प्राथमिक में पढ़ाने के योग्य नहीं होने की बात कही जा रही है. ऐसे में बीएड योग्यता धारी शिक्षक अभ्यर्थी काफी परेशान हैं. ऐसे में सभी बीएड योग्यता रखने वाले शिक्षक अभ्यर्थी एनसीटीई के गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं. वह एनसीटीई से इस मामले पर जल्द गाइडलाइन लाकर रुख स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं.
तय समय पर होगी परीक्षा: बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने सोशल मीडिया पर ट्वीट पोस्ट कर साफ कह दिया है कि फिलहाल बीपीएससी द्वारा आयोजित होने वाली शिक्षक बहाली परीक्षा को स्थगित करने का कोई विचार नहीं है. लेकिन अभ्यर्थियों को आशंका है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनकी उम्मीदवारी कहीं रद्द न कर दी जाए. बताते चलें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बीएड पास अभ्यर्थियों को प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षण के योग्य नहीं माना है.