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पटनाः मोकामा में जारी एनआरसी पत्र को बीडीओ ने बताया गलत टाइपिंग - बिहार न्यूज

बीडीओ सतीश कुमार ने जारी पत्र पर अपनी सफाई दी है.उन्होंने कहा कि यह एक टाइपिंग एरर था. बीडीओ की मानें तो एनपीआर के जगह पर एनआरसी लिखा गया था.

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Published : Feb 2, 2020, 8:35 AM IST

पटनाः जिले के मोकामा प्रखंड कार्यालय की ओर जारी किया गया एक पत्र इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने चिट्ठी को ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि बिहार में चोरी छिपे एनआरसी लागू किया जा रहा है. हालांकि इस चिट्ठी में टाइपिंग एरर की वजह से यह सारा विवाद शुरू हुआ है.

चोरी छिपे एनआरसी को लागू करने का आरोप
बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की ओर से मोकामा प्रखंड कार्यालय द्वारा जारी एक चिट्ठी को ट्वीट कर बिहार में एनआरसी लागू होने की बात कही गई थी. चिट्ठी में एनआरसी को लेकर डाटा संग्रहण करने की बात थी. विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में चोरी छिपे एनआरसी को लागू करवा रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

बीडीओं ने दी सफाई
हालांकि, इस पूरे मसले पर मोकामा बीडीओ सतीश कुमार ने अपनी सफाई दी है. उन्होंने कहा कि यह एक टाइपिंग एरर था. बीडीओ की मानें तो एनपीआर की जगह पर एनआरसी लिखा गया था. एनआरसी को लेकर कहीं कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. दरअसल जनसंख्या निदेशालय भारत सरकार की ओर से एनपीआर हेतु डाटा संग्रहण किया जाना है. जिसके लिए मास्टर ट्रेनर की नियुक्ति की जानी है. मास्टर ट्रेनर की नियुक्ति के लिए ही जारी पत्र में एनपीआर की जगह एनआरसी लिखा गया था, जिसके बाद यह विवाद शुरू हुआ.

मांगा गया स्पष्टीकरण
बता दें कि 29 जनवरी को यह चिट्ठी जारी हुई थी. बीडीओ की दलील है कि उसी दिन मामला प्रकाश में आने के बाद उस चिट्ठी को रद्द कर दिया गया था. बीडीओ सतीश कुमार ने कहा कि कार्यालय सहायक से इस मसले पर स्पष्टीकरण मांगा गया है.

पटनाः जिले के मोकामा प्रखंड कार्यालय की ओर जारी किया गया एक पत्र इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने चिट्ठी को ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि बिहार में चोरी छिपे एनआरसी लागू किया जा रहा है. हालांकि इस चिट्ठी में टाइपिंग एरर की वजह से यह सारा विवाद शुरू हुआ है.

चोरी छिपे एनआरसी को लागू करने का आरोप
बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की ओर से मोकामा प्रखंड कार्यालय द्वारा जारी एक चिट्ठी को ट्वीट कर बिहार में एनआरसी लागू होने की बात कही गई थी. चिट्ठी में एनआरसी को लेकर डाटा संग्रहण करने की बात थी. विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में चोरी छिपे एनआरसी को लागू करवा रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

बीडीओं ने दी सफाई
हालांकि, इस पूरे मसले पर मोकामा बीडीओ सतीश कुमार ने अपनी सफाई दी है. उन्होंने कहा कि यह एक टाइपिंग एरर था. बीडीओ की मानें तो एनपीआर की जगह पर एनआरसी लिखा गया था. एनआरसी को लेकर कहीं कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. दरअसल जनसंख्या निदेशालय भारत सरकार की ओर से एनपीआर हेतु डाटा संग्रहण किया जाना है. जिसके लिए मास्टर ट्रेनर की नियुक्ति की जानी है. मास्टर ट्रेनर की नियुक्ति के लिए ही जारी पत्र में एनपीआर की जगह एनआरसी लिखा गया था, जिसके बाद यह विवाद शुरू हुआ.

मांगा गया स्पष्टीकरण
बता दें कि 29 जनवरी को यह चिट्ठी जारी हुई थी. बीडीओ की दलील है कि उसी दिन मामला प्रकाश में आने के बाद उस चिट्ठी को रद्द कर दिया गया था. बीडीओ सतीश कुमार ने कहा कि कार्यालय सहायक से इस मसले पर स्पष्टीकरण मांगा गया है.

Intro:पटना जिला के मोकामा प्रखंड कार्यालय द्वारा जारी एक पत्र इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने चिट्ठी को ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. विपक्षी नेताओं का आरोप है कि बिहार में चोरी छुपे एनआरसी लागू किया जा रहा है. हालांकि इस चिट्ठी में टाइपिंग एरर की वजह से यह सारा विवाद शुरू हुआ है.


Body:बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा द्वारा मोकामा प्रखंड कार्यालय द्वारा जारी एक चिट्ठी को ट्वीट कर बिहार में एनआरसी लागू होने की बात कही गई थी. चिट्ठी में एनआरसी को लेकर डाटा संग्रहण करने की बात थी. विपक्षी नेताओं का आरोप है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में चोरी छुपे एनआरसी को लागू करवा रहे हैं. हालांकि इस पूरे मसले पर मोकामा बीडीओ ने अपनी सफाई दी है और कहा है कि यह दरअसल टाइपिंग एरर था. बीडीओ की मानें तो एनपीआर के जगह पर एनआरसी लिखा गया था. एनआरसी को लेकर कहीं कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. दरअसल जनसंख्या निदेशालय भारत सरकार द्वारा एनपीआर हेतु डाटा संग्रहण किया जाना है जिसके लिए मास्टर ट्रेनर की नियुक्ति की जानी है. मास्टर ट्रेनों की नियुक्ति के लिए ही जारी पत्र में एनपीआर के जगह पर एनआरसी लिखा गया था, जिसके बाद यह विवाद शुरू हुआ. 29 जनवरी को चिट्ठी जारी हुई थी. बीडीओ की दलील है कि उसी दिन मामला प्रकाश में आने के बाद उस चिट्ठी को रद्द कर दिया गया था. बीडीओ सतीश कुमार इसे टाइपिंग एरर बता रहे हैं और उन्होंने कहा कि कार्यालय सहायक से इस मसले पर स्पष्टीकरण मांगा गया है.


Conclusion: छोटी गलती भी कभी-कभी बड़े विवाद को जन्म दे देती है और मोकामा प्रखंड कार्यालय द्वारा जारी चिट्ठी में भी यही हुआ है. बिहार में क्या पूरे देश में भी एनआरसी को लेकर कहीं कोई बात नहीं है लेकिन इस चिट्ठी में एनपीआर के जगह पर एनआरसी लिखे जाने के बाद राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है.
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