पटना (मसौढ़ी): लोक आस्था का महापर्व छठ (Chhath Festival of Folk Faith) पूजा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. बाजारों में फल की मंडी सज चुकी है. । इस बार छठ पर्व को लेकर मसौढ़ी में पश्चिम बंगाल और कर्नाटक से केले मंगाए गए हैं, तकरीबन 10 से 15 हजार हौद केले मंगाए गए हैं. इस केले की खासियत यह है कि यह बेहद स्वादिष्ट केले होते हैं.
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मसौढ़ी में सजा केला मंडी: मसौढ़ी बाजार में कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से केले मंगाए गए हैं. छठ पर्व में इस बार छठी मैया को प्रसाद के रूप में बंगाली केले चढाये जाएंगे, केला व्यवसायी ने बताया कि पिछले 2 साल से करोना काल में छठ पर्व पर कमाई नहीं हो पाई थी, इस बार उम्मीद है छठ जैसे महापर्व में बंगाल और कर्नाटक के लिए मंगाए हैं. जिससे अच्छा मुनाफा और कमाई की उम्मीद है.
बंगाल और कर्नाटक से मंगाए गए केले: पश्चिम बंगाल के केले में सबसे बड़ी खासियत यह है कि केले की घौद में 12 से 15 दर्जन केला निकलता है, जबकि कर्नाटक की घौद में 18 से 22 दर्जन केला निकलता है. मसौढी बाजार में 15 से 20 तक ट्रक केले मंगाए गए हैं. छठ महापर्व का इंतजार बिहार के फल व्यवसाई को सबसे ज्यादा रहता है, बिहारी नहीं बिहार के बाहर के फल व्यवसाई को भी छठ महापर्व का इंतजार रहता है.
हाजीपुर का केला प्रसिद्ध: ऐसे तो बिहार के हाजीपुर और सोनपुर का चीनिया केला पूरे देशभर में प्रसिद्ध है लेकिन छठ महापर्व में चीनीया केला की आपूर्ति इतनी नहीं होती है कि मांग को पूरा किया जा सके. व्यवसायी बंगाल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों से केला मंगाकर पूर्ति करते हैं. पूरे मसौढी बाजार में केला मंडी छठ पूजा को लेकर विशेष रूप से गुलजार हो गया है. छठ महापर्व में केले का खास महत्व है. इस बार 300 से 350 रुपए प्रति घौद केला बेचा जा रहा है.
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