रांची/पटना: जेल प्रबंधन ने लालू प्रसाद यादव को रिहा करने के लिए एम्स निदेशक को पत्र भेजा है. बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के जेल अधीक्षक हमिद अख्तर ने बताया कि लालू प्रसाद अभी एम्स में इलाजरत हैं. ऐसे में एम्स निदेशक को कोर्ट के आदेशानुसार रिहा करने को कहा गया है. जेल प्रबंधन की ओर से लिखी गई चिठ्ठी के बाद अब साफ हो गया है कि लालू किसी भी वक्त रिहा हो जाएंगे.
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इससे पहले लालू यादव के अधिवक्ता प्रभात कुमार की तरफ से गुरुवार को सबसे पहले जमानत से संबंधित बेल बॉन्ड फर्निश किया गया. इसके बाद अदालत की तरफ से निर्धारित की गई 10 लाख की राशि जमा कराई गई. अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि वेलर के तौर पर निशिकांत और राजू गोप कोर्ट में उपस्थित हुए थे.
12 दिनों से अटकी थी प्रक्रिया
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने 2 मई तक अपने अधिवक्ताओं को न्यायिक कार्य से दूर रहने का आदेश दिया था. इसकी वजह से जमानत की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही थी. वहीं, बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से जारी सर्कुलर के बाद लालू के अधिवक्ता ने सीबीआई कोर्ट में बेल बॉन्ड फर्निश कर प्रक्रिया पूरी कर दी. दरअसल, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा कि जमानत मिलने के बाद किसी भी व्यक्ति को जेल में रखना उसके अधिकारों का हनन है और जमानत मिले व्यक्ति को जेल से बाहर निकालने के लिए अधिवक्ता को अदालती प्रक्रिया में शामिल होने से रोका जाना सही नहीं है.
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17 अप्रैल को मिली थी जमानत
चारा घोटाला से संबंधित दुमका कोषागार के मामले में बीते 17 अप्रैल को हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को जमानत दे दी थी. लेकिन झारखंड में अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य में दूर रहने की वजह से बेल बॉन्ड सहित आगे की प्रक्रिया नहीं हो पा रही थी. इसके बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से जारी सर्कुलर के बाद सारी प्रक्रिया पूरी की गई. अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि जल्द ही लालू यादव तक रिलीज ऑर्डर पहुंच जाएगा और वह कस्टडी से बाहर होंगे. बेल ऑर्डर जारी होने के बाद राजद कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई है.