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Bageshwar Baba: तरेत पाली मठ के महंत का दावा- 'यहां कैंसर समेत असाध्य बीमारियों को किया जाता है ठीक'

तरेत पाली मठ के महंत श्री 1008 सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि यहां कई असाध्य बीमारियों का इलाज किया जाता है. साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगर शुरू में ही कैंसर की पहचान हो जाए तो उसे खत्म कर देते हैं. कैंसर शरीर में 1 सेंटीमीटर भी आगे नहीं बढ़ता बल्कि खत्म होता है.

Treatment of patients in Teret Pali Math
Treatment of patients in Teret Pali Math
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Published : May 13, 2023, 4:30 PM IST

मठ की चिकित्सीय महत्ता जानें

पटना: बिहार में इन दिनों तरेत मठ की खूब चर्चा हो रही है. वजह है कि मठ के परिसर में ही शनिवार से पांच दिवसीय बागेश्वर धाम महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की श्री हनुमत कथा शुरू हो रही है. तरेत मठ संस्कृत शिक्षा के लिए काफी विख्यात है लेकिन साथ ही साथ इस मठ की चिकित्सीय महत्ता भी है. यहां मठ के महंत का दावा है कि प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीजों को देखते हैं और उन्हें इलाज करके ठीक कर घर भेजते हैं.

पढ़ें- Bageshwar Baba: बाबा बागेश्वर के कार्यक्रम स्थल की बम स्क्वायड टीम ने की जांच, रखी जा रही पैनी नजर

मठ की चिकित्सीय महत्ता: मठ के महंत श्री 1008 सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि यह मठ काफी महत्व रखता है और यहां के महात्मा जगतगुरु कहे जाते हैं. सारे भक्त उनके शिष्य होते हैं और उन्हें भगवान स्वरूप मानते हैं. महात्मा के द्वारा जितने सारे कार्य होते हैं सभी कार्य दिव्य होते हैं. मनसा वाचा कर्मणा के द्वारा भक्तों को लाभ प्राप्त होता है. यहां बच्चों को शिक्षा-दीक्षा भी दी जाती है और बच्चे जहां तक पढ़ना चाहते हैं उन्हें पढ़ाया जाता है.

"चिकित्सा के क्षेत्र में भी यह मठ काफी महत्व रखता है. जब मरीज विभिन्न जगहों से इलाज कराकर थक हार जाते हैं तब वे यहां पहुंचते हैं और यहां से ठीक होकर जाते हैं. यहां एलोपैथी और होम्योपैथी से नहीं बल्कि पूरी तरह से आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज की जाती है. यहां सभी प्रकार के मरीज आते हैं. असाध्य बीमारी से ग्रसित लोग भी आते हैं और यहां से ठीक होकर जाते हैं. कैंसर, लीवर, हार्ट, इत्यादि समस्या से परेशान सैकड़ों मरीज यहां आकर आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन करके ठीक हो चुके हैं."- सुदर्शनाचार्य, महंत, तरेत पाली मठ

कैंसर के इलाज का दावा: महंत श्री 1008 सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने बताया कि कई बार चिकित्सक मरीज को कहते हैं कि तमाम दवा सूई हो गया ठीक नहीं हो रहा है, ऐसे में संभव है कि कोई बाहरी हवा का प्रभाव है. किसी पंडित और ओझा के पास जाइए. ऐसे मरीज भी हमारे पास पहुंचते हैं. लेकिन अधिकांश में वैसी बात नहीं रहती और बहुतेरे जीवों को रोग ही रहता है. इलाज के द्वारा मरीज पूर्ण स्वस्थ भी होता है. कैंसर दूसरे लोगों के लिए असाध्य बीमारी होगी हमारे लिए असाध्य बीमारी नहीं है और कई कैंसर के मरीज को भी ठीक कर चुके हैं.

"पूरे शरीर में यदि कैंसर नहीं फैला है और शुरू में ही कैंसर पहचान में आ गया तो शरीर से कैंसर को पूरी तरह खत्म कर देते हैं. हमारे पास जब मरीज आता है तो उसके बाद कैंसर शरीर में 1 सेंटीमीटर भी आगे नहीं बढ़ता बल्कि खत्म होता है."-सुदर्शनाचार्य, महंत, तरेत पाली मठ

रोग के लक्षण के आधार पर दी जाती है दवा: महंत श्री 1008 सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने बताया कि प्रतिदिन मठ में सैकड़ों की तादाद में मरीज आते हैं. भांति भांति प्रकार के बीमारियों के मरीज पहुंचते हैं. यहां हम रोग के लक्षण के आधार पर औषधि देते हैं. रविवार और मंगलवार को मरीजों की भीड़ अधिक रहती है. सनातन संस्कृति के जागृत होने के सवाल पर महंत श्री 1008 सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने कहा कि सनातन संस्कृति यदि जागृत नहीं होती तो तरेत मठ में इस प्रकार का भव्य और शांतिपूर्ण तरीके से उल्लास पूर्वक कथा वाचन कार्यक्रम नहीं होता.बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हुए हैं और पूरा माहौल शांतिपूर्ण है.

मठ की चिकित्सीय महत्ता जानें

पटना: बिहार में इन दिनों तरेत मठ की खूब चर्चा हो रही है. वजह है कि मठ के परिसर में ही शनिवार से पांच दिवसीय बागेश्वर धाम महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की श्री हनुमत कथा शुरू हो रही है. तरेत मठ संस्कृत शिक्षा के लिए काफी विख्यात है लेकिन साथ ही साथ इस मठ की चिकित्सीय महत्ता भी है. यहां मठ के महंत का दावा है कि प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीजों को देखते हैं और उन्हें इलाज करके ठीक कर घर भेजते हैं.

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मठ की चिकित्सीय महत्ता: मठ के महंत श्री 1008 सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि यह मठ काफी महत्व रखता है और यहां के महात्मा जगतगुरु कहे जाते हैं. सारे भक्त उनके शिष्य होते हैं और उन्हें भगवान स्वरूप मानते हैं. महात्मा के द्वारा जितने सारे कार्य होते हैं सभी कार्य दिव्य होते हैं. मनसा वाचा कर्मणा के द्वारा भक्तों को लाभ प्राप्त होता है. यहां बच्चों को शिक्षा-दीक्षा भी दी जाती है और बच्चे जहां तक पढ़ना चाहते हैं उन्हें पढ़ाया जाता है.

"चिकित्सा के क्षेत्र में भी यह मठ काफी महत्व रखता है. जब मरीज विभिन्न जगहों से इलाज कराकर थक हार जाते हैं तब वे यहां पहुंचते हैं और यहां से ठीक होकर जाते हैं. यहां एलोपैथी और होम्योपैथी से नहीं बल्कि पूरी तरह से आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज की जाती है. यहां सभी प्रकार के मरीज आते हैं. असाध्य बीमारी से ग्रसित लोग भी आते हैं और यहां से ठीक होकर जाते हैं. कैंसर, लीवर, हार्ट, इत्यादि समस्या से परेशान सैकड़ों मरीज यहां आकर आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन करके ठीक हो चुके हैं."- सुदर्शनाचार्य, महंत, तरेत पाली मठ

कैंसर के इलाज का दावा: महंत श्री 1008 सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने बताया कि कई बार चिकित्सक मरीज को कहते हैं कि तमाम दवा सूई हो गया ठीक नहीं हो रहा है, ऐसे में संभव है कि कोई बाहरी हवा का प्रभाव है. किसी पंडित और ओझा के पास जाइए. ऐसे मरीज भी हमारे पास पहुंचते हैं. लेकिन अधिकांश में वैसी बात नहीं रहती और बहुतेरे जीवों को रोग ही रहता है. इलाज के द्वारा मरीज पूर्ण स्वस्थ भी होता है. कैंसर दूसरे लोगों के लिए असाध्य बीमारी होगी हमारे लिए असाध्य बीमारी नहीं है और कई कैंसर के मरीज को भी ठीक कर चुके हैं.

"पूरे शरीर में यदि कैंसर नहीं फैला है और शुरू में ही कैंसर पहचान में आ गया तो शरीर से कैंसर को पूरी तरह खत्म कर देते हैं. हमारे पास जब मरीज आता है तो उसके बाद कैंसर शरीर में 1 सेंटीमीटर भी आगे नहीं बढ़ता बल्कि खत्म होता है."-सुदर्शनाचार्य, महंत, तरेत पाली मठ

रोग के लक्षण के आधार पर दी जाती है दवा: महंत श्री 1008 सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने बताया कि प्रतिदिन मठ में सैकड़ों की तादाद में मरीज आते हैं. भांति भांति प्रकार के बीमारियों के मरीज पहुंचते हैं. यहां हम रोग के लक्षण के आधार पर औषधि देते हैं. रविवार और मंगलवार को मरीजों की भीड़ अधिक रहती है. सनातन संस्कृति के जागृत होने के सवाल पर महंत श्री 1008 सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने कहा कि सनातन संस्कृति यदि जागृत नहीं होती तो तरेत मठ में इस प्रकार का भव्य और शांतिपूर्ण तरीके से उल्लास पूर्वक कथा वाचन कार्यक्रम नहीं होता.बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हुए हैं और पूरा माहौल शांतिपूर्ण है.

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