पटना: राज्य में जारी लॉकडाउन के कारण कई लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. इसका असर फोटोग्राफरों और वीडियो ग्राफरों पर भी खासा पड़ रहा है. इस लॉकडाउन के कारण शहर में तकरीबन दो महीने से सभी स्टूडियो बंद हैं. इस वजह से यहां काम करने वाले लोगों की आमदनी भी बंद है और इसके कारण इनकी स्थिति काफी दयनीय होती जा रही है.
कामकाज ठप होने से बढ़ी परेशानी
बिहार फोटोग्राफी एसोसिएशन के अध्यक्ष ओमप्रकाश बताते हैं कि बिहार में कुल मिलाकर लगभग 10,000 वीडियोग्राफर और फोटोग्राफर हैं, जो इसी कार्य से अपना और अपने घर-परिवार का पालन पोषण करते हैं. दो महीने से कामकाज ठप होने के कारण सभी की स्थिति काफी दयनीय हो गई है. कई लोगों का तो हाल ऐसा हो गया है कि कर्ज लेकर घर परिवार चला रहे हैं.
उन्होंने बताया कि समस्या तो सभी को है लेकिन हमें काफी समस्या हो रही है, क्योंकि सारा कामकाज ठप है. उन्होंने बताया कि अप्रैल-मई-जून में काम काफी अधिक होता था. ये समय लग्न का रहता था लेकिन इस बार सब चौपट हो गया. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन बिहार सरकार को पत्र लिखेगी और फोटोग्राफर और वीडियो ग्राफर की मदद के लिए सरकार कुछ करें इसका आग्रह करेगी.
नहीं हो पा रहा परिवार का पालन पोषण
वहीं, इस बारे स्टूडियो के मालिक अनूप ने बताया कि हमारे यहां कुल 25 स्टाफ हैं. लेकिन लॉकडाउन के कारण आमदनी बंद हो गई है. मजबूरन हमें कुछ स्टाफ को नौकरी से हटाना पड़ा, क्योंकि स्थिति यह हो गई है कि हम अपना घर-परिवार चलाने में असमर्थ हैं. उन्होंने कहा कि अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में हम सड़क पर नजर आएंगे.
सरकार से मदद की उम्मीद
दूसरी तरफ नेहा फिल्म्स के मालिक अरुण सिंह ने बताया कि हमारे सामने भूखमरी की स्थिति हो गई है. अगर जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो हमारा परिवार सड़क पर आ जाएगा. आने वाले समय में हमें किसी तरह का कोई काम मिलने वाला नहीं है. हर तरफ से परेशानी ने घेर लिया है. हम एक-एक पैसे के मोहताज हो गए हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से दरख्वास्त है कि हम पर ध्यान दें और हमारी कुछ सहायता करें.