पटना: प्रदेश में राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज ने फिर एक बार एलोपैथी को पीछे छोड़ दिया है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि एक व्यक्ति पिछले 5 सालों से सोरायसिस नामक बीमारी से परेशान था. उसने बड़े शहरों के अस्पतालों में अपना इलाज करवा कर देख लिया. लेकिन उसको जितना फायदा आयुर्वेद ने दिया उतना किसी ने नहीं.
आयुर्वेद को फिर अपना रहे हैं लोग
देश की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद एक बार फिर से अपने पुराने अस्तित्व में आ चुकी है. अब आयुर्वेद का हर तरफ मांग बढ़ रहा है. लोगों के बीच इसके प्रति जागरुकता भी बढ़ गई है. एक समय था कि आयुर्वेद को छोड़कर लोग एलोपैथी के पीछे भागते नजर आ रहे थे. लेकिन अब हर कोई अपने पुराने से पुराने असाध्य रोगों के इलाज के लिए आयुर्वेद को ज्यादा से ज्यादा अपना रहे हैं.
सभी बीमारियों को ठीक करता है आयुर्वेद
ऐसा ही कुछ देखने को मिला प्रदेश के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में, जहां राकेश को सोरायसिस नाम की बीमारी हो गई. राकेश ने बताया कि उसने दिल्ली, कोलकाता जैसे बड़े शहरों में जाकर इस बीमारी का इलाज करवाया. लेकिन कहीं भी फायदा नहीं हुआ. इसके बाद उसने आयुर्वेद को अपनाया. उसने बताया कि आयुर्वेद से इलाज करवाने से मुझे एक महीने में ही 50 प्रतिशत का फायदा हो गया है. मैंने लाखों लाख पैसे खर्च किए, लेकिन राहत मुझे आयुर्वेद से ही मिली.
पुरानी पद्धति से किया जाता है इलाज
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ प्रोफेसर दिनेश्वर प्रसाद ने कहा कि आयुर्वेद में हर वो सारी पुरानी पद्धति को फिर से पुनर्जीवित किया जा रहा है. ऐसे में जितने भी असाध्य रोग हैं, उनका इलाज जड़ से समाप्त होता है. एलोपैथी से लाइलाज हुए बीमारी भी यहां ठीक हो जाते हैं.