पटना: राजधानी में रविवार को ऑटो चालक और ई-रिक्शा चालक ने थाली पीटकर सरकार से राशन मुहैया करवाने की अपील की. उनका कहना है कि यहां ऑटो चालक और ई-रिक्शा चालक की अनुमानित जनसंख्या 10 हजार है. जो लोग बिहार राज्य के विभिन्न स्थानों से आकर दशकों से यहां किराये के मकान में रहते हैं. कुछ लोगों का अपना ऑटो है. वहीं अधिकांश लोग दूसरे की ऑटो भाड़े पर चलाते हैं.
इसके अलावा लाखों गरीब हैं. जिसमें फुटपाथ दुकानदार, रिक्शा चालक, फेरी लगाकर रोज कमाने खाने वाले लोग शामिल हैं. सबको राशन मुहैया करने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है. ताकि लॉक डाउन अवधि बढ़ने पर लोगों की भूख से मौत ना हो.
तीन महीने का राशन दे सरकार
ऑटो चालक का कहना है कि सभी को जनवितरण प्रणाली के दुकानदार को वार्ड पार्षद के साथ समन्यवय स्थापित कर तीन महीने का राशन के साथ बैंक खाते में पांच हजार के रुपये की तुरंत भुगतान हो. इन सभी मांगों को लेकर ई-रिक्शा और ऑटो चालक संघ ने रविवार को थाली पीटकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का काम किया.
थाली पीट कर भोजन की मांग
बिहार राज्य ऑटो रिक्शा टेम्पू चालक संघ एक्ट की ओर से सभी वरीय अधिकारियों से बातचीत कर आवेदन पत्र दिया जा चुका है. लेकिन आयुक्त पटना प्रमंडल, डीएम, पटना एडीएम और आपदा प्रबंधन की ओर से कोई पहल नहीं हुई है. उनका कहना है कि यदि लॉक डाउन अवधि और आगे बढ़ जाती है, तो भूखे मरने की नौबत आ जायेगी. इन मांगों के साथ चितकोहरा सब्जी मंडी यूनियन कार्यालय के पास थाली पीट कर भोजन की मांग की गई है. सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले नेता धीरेन्द्र झा ने अविलंब राशन मुहैया करने के लिए सरकार से जरुरी कदम उठाने की मांग की है.