पटना: फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल (Phulwari Sharif Terror Module) मामले में ATS मरगूब उर्फ ताहिर को रिमांड (Margub ATS Remand) पर लेकर गहन पूछताछ करेगी. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एनआईए और आईबी की टीम रविवार को पटना आई थी. इस मामले में अब तक के जुड़े सभी साक्ष्य को एटीएस और बिहार पुलिस से लिया गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले को अब NIA अपने स्तर से जांच करेगी और पूरे फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश करेगी.
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ताहिर को रिमांड पर लेगी ATS: ताहिर के गजवा ए हिंद के साथ-साथ आईएसआई के साथ होने का साक्ष्य प्राप्त हुआ है. आज ताहिर की रिमांड (ATS Will Take Tahir On Remand) के लिये ATS कोर्ट में आवेदन देगी. कोर्ट से रिमांड मिलने के बाद दोबारा से ताहिर से सख्ती के साथ पूछताछ की जाएगी. कई अहम सवाल का जवाब ATS लेगी. आपको बात दें कि मरगूब को ATS ने ही गिरफ्तार किया था.
देश में अशांति फैलाने की कोशिश: मरगूब उर्फ ताहिर ने ऑन कैमरा स्वीकार किया था कि वो अपने साथियों के साथ मिलकर भारत में अशांति फैलाना चाहता था, विध्वंस फैलाना चाहता था. इसके लिये इसने अपने साथियों के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग कर रखी थी. बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान समेत दूसरे अन्य देशों में बैठे आतंकी सोच वाले व्यक्तियों के साथ वाट्सऐप के जरिए लगातार संपर्क में था.
पूछताछ में हो चुके हैं कई अहम खुलासे: आपको बता दें कि फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल में पटना पुलिस की पूछताछ के दौरान अतहर परवेज और मो. जलालुद्दीन ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पूछताछ के दौरान इन दोनों ने पुलिस को बताया है कि बिहार के अंदर PFI ( Bihar PFI Connection) अब तक 15 हजार से अधिक मुस्लिम युवाओं को अस्त्र-शस्त्र चलाने की ट्रेनिंग दे चुकी है. युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए राज्य के अंदर करीब 15 जिलों में कैंप खोला गया था, जबकि पूर्णिया को PFI का हेड क्वार्टर बनाया गया था.
युवाओं को करते थे टारगेट: दअरसल इनके द्वारा ट्रेनिंग देने के लिए बेरोजगार और अनपढ़ युवाओं को ये टारगेट करते थे. अपने संगठन से जोड़ने के लिए उनका ब्रेन बॉश करते थे. इसके बाद उन्हें कई तरह की बातें बताई जाती थी. तब वो ट्रेनिंग के लिए तैयार होते थे. 13 जुलाई को इन्हें गिरफ्तार किया गया था फिर पूछताछ के लिए 16 जुलाई को इन्हें 48 घंटे की पुलिस रिमांड पर लिया गया. सोमवार की शाम 5 बजे इनके रिमांड की मियाद पूरी हो जाएगी. जिसके बाद इसे फिर से जेल भेज दिया जाएगा. विशेष सूत्र यह भी बताते हैं कि अतहर परवेज और मो. जलालुद्दीन को पहले अलग अलग करके पूछताछ की गई, जब दोनों के बयान अलग अलग मिले तो इन्हें एक साथ आमने सामने बैठाकर पूछताछ किया गया. ऐसा अब तक कई बार हुआ है.
PFI की फंडिंग को लेकर पूछताछ: मिल रही जानकारी के अनुसार इन दोनों ने पूछताछ में शामिल पुलिस अफसरों को कई बार बरगलाने की कोशिश की. सवालों के जवाब ढंग से नहीं दे रहे थे. PFI का हेड क्वार्टर बताने के बाद ही पुलिस की टीम ने पूर्णिया में छापेमारी की पर वहां से कुछ मिला और हेड क्वार्टर का ऑफिस बंद मिला. वहां अक्सर आने वाले लोग गायब मिले. हालांकि आधिकारिक सूत्र की मानें तो रजिस्टर पुलिस के हाथ लगा है जिसमें वहां आने वालों का नाम पता और मोबाइल नंबर लिखा हुआ है जिसे एक एक कर खंगाला जाएगा. PFI की फंडिंग को लेकर भी कई सवाल पूछे गए हैं. कब किसने और कितने रुपए दिए इसके बारे में पूछा गया है.
अकाउंट के पूरे डिटेल्स को खंगालेगी पुलिस: अधिकारिक सूत्रों के अनुसार PFI के बैंक अकाउंट में करीब 90 लाख रुपए के ट्रांजेक्शन किए जाने का सबूत मिले हैं. आशंका जताई जा रही है कि हवाला के जरिए PFI को रुपयों की फंडिंग की जाती थी. आज पटना पुलिस की एक टीम बैंक जाएगी और अकाउंट के पूरे डिटेल्स को खंगालेगी.
गजवा-ए-हिन्द' का एडमिन है ताहिर : मरगूब अहमद दानिश के नाम-पता का भौतिक सत्यापन किया गया तो नाम-पता सही पाया गया. सत्यापन में पाया गया कि मरगूब अहमद दानिश का दूसरा नाम ताहिर है. इसने स्थानीय मदरसा से पढ़ाई किया है और वर्तमान में स्थानीय बच्चों को उनके घर जाकर कुरान पढ़ाने का काम करता है. मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर के सोशल मीडिया गतिविधि की जांच की गई तो यह बात प्रकाश में आई कि ताहिर एक ग्रुप गजवा-ए-हिन्द' (Ghazwa-E-Hind) का एडमिन है.
पाकिस्तान के लोगों के संपर्क में था मरगूब: इस ग्रुप के Icon के रूप में भारत के नक्शा को हरा रंग से रंगकर उसपर पाकिस्तान का झंडा लगाया हुआ दिखलाया गया है. Icon के Group Description में उर्दू एवं अंग्रेजी में लिखा है कि "This group provides information about Ghazwa-e-Hind and the persecution of all Muslims and also gives information about all the special events happening in the world. No wrong post."