पटना: खिलाड़ियों के लिए पटना के एक परिवार ने वो कर दिखाया है, जो आजतक कोई नहीं कर सका था. राजधानी (Turf Arena Patna) में एक ऐसा परिवार है, जो न केवल प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को तराशने का काम कर रहा है बल्कि बेहतर सुविधा भी प्रदान कर रहा है. सबसे बड़ी बात यह कि इस परिवार ने जो व्यवस्था खेल के लिए उपलब्ध कराई है, वह अपने खर्च पर किया है. परिवार के कमाने वाले सारे सदस्यों ने योगदान दिया और पटना में आज ये टर्फ (Astro Turf Ground IN Patna) खिलाड़ियों का भविष्य संवार रहा है.
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पंकज सिंह ने खिलाड़ियों के लिए बनाया टर्फ: दरअसल राजधानी के अटल पथ से सटे राजीव नगर के पास पंकज सिंह (Pankaj Singh of Patna) ने इस टर्फ (Astro Turf Ground IN Bihar ) को तैयार किया है. करीब 20 हजार स्क्वायर फीट में बनाया गए इस टर्फ में फुटबॉल व क्रिकेट की ट्रेनिंग के लिए बेहतरीन व्यवस्था की गई है. पंकज बताते हैं कि इसे बनाने में अब तक करीब 80 लाख रुपए खर्च हुए हैं जिसे उनके बेटे बेटियों व उन्होंने खुद व्यय किया है.
परिवार के सदस्यों ने दी राशि: टर्फ बनाने में केवल परिवार के कमाने वाले लोगों ने आपस मे शेयर किया है. यहां सीखने आने वाले को केवल उतनी ही फीस चार्ज की जाती है, जिसे वो आसानी से भर सके. इस कारण खिलाड़ी भी यहां बड़ी संख्या में प्रैक्टीस करने पहुंच रहे हैं. पंकज सिंह ने अपने फुटबॉलर बेटे के सपने को पूरा करने के लिए ये कदम उठाया था. जिसकी आज सभी प्रशंसा कर रहे हैं.
बेटे का था सपना: पंकज बताते हैं कि उनका बेटा उद्भव सिंह (Bihar Footballer Uddhav Singh) का चयन स्पेन के फुटबॉल क्लब में हुआ था. वो वहां जाकर बेहतर प्रदर्शन भी कर रहा था. इससे उसकी अच्छी आय भी हो रही थी.एक साल तक खेलने के बाद कोरोना ने पूरी दुनिया में अपना पैर पसार लिया. जिसके बाद बेटा वापस बिहार आ गया. पंकज बताते हैं उद्भव बिहार का संभवतः पहला ऐसा लड़का है जिसे स्पेन के फुटबॉल क्लब ने सेलेक्ट किया. लेकिन यहां बेटे को उचित खेल का वातावरण नहीं मिल रहा था. उसके बाद टर्फ बनाने को लेकर हमने गंभीरता से विचार करना शुरू किया.
"जब वह वापस आया तो ऐसी सुविधा की बात दुहराई. प्रस्ताव मुझे भी पसंद आया और मैं काम पर लग गया. इसके लिए नेशनल, इंटर नेशनल लेवल पर सम्पर्क किया. फिर जमीन लेने की बात सामने आई. यहां आने वाले बच्चों की पढ़ाई पर असर न पड़े, इसलिए हमने अटल पथ को चुना. इसे डेवलप करने में बहुत परेशानी आई. यहां 11 फीट का गड्ढा था. उसे बराबर किया गया. यहां जो भी टर्फ लगाए गए हैं, वो सब विदेशी हैं. यहां 4 एस्ट्रो टर्फ हैं."- पंकज सिंह, फुटबॉलर उद्धव के पिता
'स्पेन से आए बेटे ने लगाए अपने भी पैसे': पंकज कहते हैं कि इसे बनाने में मेरे बेटे बेटियों का ही सहयोग है. वह कहते हैं उनकी बड़ी बेटी यूएसए में चीफ साइंटिस्ट है. मेरी दूसरी बेटी लॉ में टॉपर है. इन्होंने फंडिंग की है. इसके अलावा मेरी वाइफ और मैंने खुद फंडिंग की है. बेटा जो स्पेन से कमा कर लाया था. उसने भी वो पैसा इसमें लगा दिया. हमरा उद्देश्य यही है कि यहां की प्रतिभा को यहीं पर मौका मिले.
"2018 में मैं स्पेन गया था. उससे पहले मैं स्कॉटलैंड में फुटबॉल खेलता था. स्पेन में 2 साल फुटबाल खेला. कोविड के कारण मेरे क्लब को फंडिंग की दिक्कत हुई. वहां से मुझे आना पड़ा. 2016 में जब मैंने पटना छोड़ा था, उससे भी ज्यादा खराब हालत खेल की अब हो गयी थी. फिर हमने इसे बनाने का सोचा. जो हर किसी के लिए हो."- उद्धव सिंह, फुटबॉलर
यहां है आधुनिक सुविधाएं: इस टर्फ एरिना में विदेश से मंगाए गए टर्फ हैं. वहीं 200 वाट के 50 बल्ब भी लगाये गए हैं. टर्फ के नीचे आधुनिक ड्रेनेज सिस्टम लगाया गया है. यहां सीखने वालों के लिए बेहतर क्वालिटी के सामान भी उपलब्ध हैं. पटना के इस परिवार की पहल की हर कोई आज चर्चा कर रहा है. स्पेनिश क्लब के लिए फुटबॉल खेलने वाले उद्धव के परिवार ने खिलाड़ियों के लिए स्टेडियम समर्पित किया है.
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