पटना: बिहार में शराबबंदी को 5 साल होने को है. हालांकि इस दौरान अवैध शराब और शराब कारोबारी लगातार सरकार के इस मुहिम की किरकिरी करते नजर आए. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कड़े रवैये के बाद बिहार उत्पाद विभाग की टीम लगातार शराब माफियाओं पर शिकंजा कसती नजर आ रही है.
हालांकि, आंकड़ों के जरिए बिहार सहायक उत्पाद आयुक्त कृष्ण पासवान ने वर्ष 2016 से लेकर वर्ष 2021 तक के आंकड़े पेश किए. साथ ही यह जानकारी दी कि अगर कोई अधिकारी, आम और खास व्यक्ति उत्पाद नियम की अनदेखी करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वहीं, सहायक उत्पाद आयुक्त कृष्ण पासवान ने यह माना है कि 2016 से 2021 के फरवरी माह तक लगातार अवैध शराब बरामदगी के मामलों के आंकड़ों में काफी बढ़त देखी जा रही है.
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डोर टू डोर शराब की सप्लाई करने वालों के खिलाफ कार्रवाई
मध निषेध विभाग के सहायक उत्पाद आयुक्त कृष्ण पासवान के द्वारा संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें यह जानकारी दी गई है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के माध्यम से जारी आदेश के बाद मद्य निषेध विभाग की टीम लगातार शराब माफियाओं पर शिकंजा कस रही है. अब तक कई शराब माफियाओं की गिरफ्तारी के साथ-साथ कई हजार लीटर अवैध देशी और विदेशी शराब की खेप की बरामदगी हुई है. कई जिलों के 55 शराब माफियाओं के फोन को टेक्निकल सर्विलेंस पर रखा गया है. जल्द ही इन शराब माफियाओं की गिरफ्तारी भी सुनिश्चित की जाएगी. इसके साथ ही डोर टू डोर शराब की सप्लाई करने वाले शराब माफियाओं पर भी नकेल कसने की कवायद शुरू कर दी गई है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराजगी के बाद उत्पाद विभाग की टीम ने मात्र 2 महीने में कुल 1700 व्यक्तियों पर कार्रवाई की है. मात्र 2 महीनों में देसी और विदेशी शराब की लाखों लीटर की खेप की बरामदगी की गई है. साथ ही यूपी, हरियाणा में बैठे शराब माफियाओं को गिरफ्तार कर बिहार लाने का काम किया है. -कृष्ण पासवान, सहायक उत्पाद आयुक्त, मध निषेध विभाग
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ह्यूमन रिसोर्स के माध्यम से कार्रवाई
बिहार सरकार के सहायक उत्पाद आयुक्त कृष्ण पासवान ने यह जानकारी दी है कि उत्पाद विभाग के पास एक बड़ा इंटेलिजेंस यूनिट न होने के कारण ह्यूमन रिसोर्स के माध्यम से कार्रवाई का जाती है. इसके साथ ही कोई टेक्निकल इंटेलिजेंस के साथ सड़क हाईवे से गुजरने वाली गाड़ियों को बारीकी से खंगाला जाता है.