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कोरोना टेस्ट को लेकर बिहार में 8 नया आरटी-पीसीआर लैब किया जाएगा स्थापित- अश्विनी चौबे

केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा है कि बिहार में 8 नए आरटी-पीसीआर लैब स्थापित किया जाएगा. उन्होंने टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया.

patna
अश्विनी कुमार चौबे
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Published : Aug 22, 2020, 10:59 PM IST

पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा है कि बिहार में टेस्टिंग की क्षमता को और अधिक गति प्रदान करने के लिए प्रदेश के 8 जिलों में आरटी पीसीआर लैब की स्थापना होगी. इसमें से तीन पीएम केयर्स फंड के तहत स्थापित किया जाएगा. साथ ही प्रदेश के 9 सरकारी लैब में आरटी-पीसीआर के मशीनों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है.

पीसीआर लैब की स्थापना
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बक्सर, कैमूर, बांका, नालंदा और बेतिया में स्थाई आरटी पीसीआर लैब की स्थापना होगी. प्रधानमंत्री केयर फंड के तहत मोतिहारी, मुंगेर और पूर्णिया में आरटी पीसीआर लेबर स्थापित किया जाएगा. इसके लिए आईसीएमआर को निर्देश दिया गया है. इन जिलों में लैब की व्यवस्था होने से प्रतिदिन टेस्टिंग की क्षमता दोगुनी हो जाएगी.

टेस्टिंग क्षमता की समीक्षा
अश्विनी चौबे ने आरटी पीसीआर से संबंधित टेस्ट को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा की. बिहार में टेस्टिंग की क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रदेश के सभी प्रमंडल को ध्यान में रखते हुए आरटी पीसीआर लैब की संख्या बढ़ाने पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि 9 सरकारी लैब में आरटी पीसीआर मशीनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. इससे बिहार में आरटी पीसीआर से टेस्टिंग की क्षमता काफी बढ़ जाएगी. लोगों को काफी मदद मिलेगी.

टेस्टिंग की संख्या बढ़ी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में बिहार लगातार बेहतर कर रहा है. प्रतिदिन राज्य में टेस्टिंग की संख्या तेजी से बढ़ रही है. अभी तक 23 लाख से अधिक टेस्ट हुए हैं. तेजी से प्रतिदिन इसमें बढ़ोतरी हो रही है. केंद्र ने पीएम केयर्स फंड के तहत मोतिहारी, मुंगेर और पूर्णिया में आरटी पीसीआर टेस्टिंग लैब स्थापित करने का निर्णय लिया है.

पटना में 2 आरटी पीसीआर मशीन
पूरे देश में पीएम केयर्स फंड के तहत 16 आरटीपीसीआर लगाए जाने हैं. इसमें सर्वाधिक 3 बिहार, उत्तर प्रदेश और असम में लगाए जा रहे हैं. झारखंड के देवघर में भी एक लैब स्थापित किया जाएगा. इसके साथ ही राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, पटना में 2 आरटी पीसीआर मशीन मौजूदा समय में है. 4 और मशीन प्रस्तावित किया गया है.

आईजीआईएमएस में 2 मशीन
इसी तरह आईजीआईएमएस में 2 मशीन अभी उपलब्ध है. 2 मशीन यहां बढ़ाया जायेगा. पटना मेडिकल कॉलेज में मौजूदा समय में 1 मशीन की व्यवस्था है. 3 अन्य मशीन प्रस्तावित किया गया है. एम्स पटना में 2 मौजूदा समय में है, 2 और मशीन बढ़ाया जॉयेगा.

दरभंगा मेडिकल कॉलेज में अभी 5 मशीन है, 2 की बढ़ोतरी की जायेगी. श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज मुजफ्फरपुर में 2 मशीन बढ़ाने का प्रस्ताव है. मौजूदा समय में दो मशीन यहां उपलब्ध है. अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज गया में 2 मशीन बढ़ाया जायेगा. अभी 1 मशीन उपलब्ध है.

9 लैब में 17 आरटीपीसीआर मशीन
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भागलपुर में 2 मशीन और बढ़ाया जाएगा. मौजूदा समय में यहां एक मशीन उपलब्ध है. जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज मधेपुरा में दो मशीन बढ़ाया जाएगा. मौजूदा समय में यहां एक मशीन उपलब्ध है. मौजूदा समय में सभी सरकारी 9 लैब में 17 आरटीपीसीआर मशीन है. सभी में बढ़ोतरी के उपरांत 38 मशीनें हो जाएंगी.

जनता को मिलेगी बेहतर सुविधा
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि कोविड-19 खत्म होने के बाद भी जो आरटी पीसीआर लैब हैं, वह अन्य बीमारियों के जांच में भी उपयोगी साबित होगा. भविष्य में भी इसके माध्यम से बिहार की जनता को बेहतर जांच सुविधा की व्यवस्था मिलेगी.

पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा है कि बिहार में टेस्टिंग की क्षमता को और अधिक गति प्रदान करने के लिए प्रदेश के 8 जिलों में आरटी पीसीआर लैब की स्थापना होगी. इसमें से तीन पीएम केयर्स फंड के तहत स्थापित किया जाएगा. साथ ही प्रदेश के 9 सरकारी लैब में आरटी-पीसीआर के मशीनों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है.

पीसीआर लैब की स्थापना
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बक्सर, कैमूर, बांका, नालंदा और बेतिया में स्थाई आरटी पीसीआर लैब की स्थापना होगी. प्रधानमंत्री केयर फंड के तहत मोतिहारी, मुंगेर और पूर्णिया में आरटी पीसीआर लेबर स्थापित किया जाएगा. इसके लिए आईसीएमआर को निर्देश दिया गया है. इन जिलों में लैब की व्यवस्था होने से प्रतिदिन टेस्टिंग की क्षमता दोगुनी हो जाएगी.

टेस्टिंग क्षमता की समीक्षा
अश्विनी चौबे ने आरटी पीसीआर से संबंधित टेस्ट को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा की. बिहार में टेस्टिंग की क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रदेश के सभी प्रमंडल को ध्यान में रखते हुए आरटी पीसीआर लैब की संख्या बढ़ाने पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि 9 सरकारी लैब में आरटी पीसीआर मशीनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. इससे बिहार में आरटी पीसीआर से टेस्टिंग की क्षमता काफी बढ़ जाएगी. लोगों को काफी मदद मिलेगी.

टेस्टिंग की संख्या बढ़ी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में बिहार लगातार बेहतर कर रहा है. प्रतिदिन राज्य में टेस्टिंग की संख्या तेजी से बढ़ रही है. अभी तक 23 लाख से अधिक टेस्ट हुए हैं. तेजी से प्रतिदिन इसमें बढ़ोतरी हो रही है. केंद्र ने पीएम केयर्स फंड के तहत मोतिहारी, मुंगेर और पूर्णिया में आरटी पीसीआर टेस्टिंग लैब स्थापित करने का निर्णय लिया है.

पटना में 2 आरटी पीसीआर मशीन
पूरे देश में पीएम केयर्स फंड के तहत 16 आरटीपीसीआर लगाए जाने हैं. इसमें सर्वाधिक 3 बिहार, उत्तर प्रदेश और असम में लगाए जा रहे हैं. झारखंड के देवघर में भी एक लैब स्थापित किया जाएगा. इसके साथ ही राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, पटना में 2 आरटी पीसीआर मशीन मौजूदा समय में है. 4 और मशीन प्रस्तावित किया गया है.

आईजीआईएमएस में 2 मशीन
इसी तरह आईजीआईएमएस में 2 मशीन अभी उपलब्ध है. 2 मशीन यहां बढ़ाया जायेगा. पटना मेडिकल कॉलेज में मौजूदा समय में 1 मशीन की व्यवस्था है. 3 अन्य मशीन प्रस्तावित किया गया है. एम्स पटना में 2 मौजूदा समय में है, 2 और मशीन बढ़ाया जॉयेगा.

दरभंगा मेडिकल कॉलेज में अभी 5 मशीन है, 2 की बढ़ोतरी की जायेगी. श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज मुजफ्फरपुर में 2 मशीन बढ़ाने का प्रस्ताव है. मौजूदा समय में दो मशीन यहां उपलब्ध है. अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज गया में 2 मशीन बढ़ाया जायेगा. अभी 1 मशीन उपलब्ध है.

9 लैब में 17 आरटीपीसीआर मशीन
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भागलपुर में 2 मशीन और बढ़ाया जाएगा. मौजूदा समय में यहां एक मशीन उपलब्ध है. जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज मधेपुरा में दो मशीन बढ़ाया जाएगा. मौजूदा समय में यहां एक मशीन उपलब्ध है. मौजूदा समय में सभी सरकारी 9 लैब में 17 आरटीपीसीआर मशीन है. सभी में बढ़ोतरी के उपरांत 38 मशीनें हो जाएंगी.

जनता को मिलेगी बेहतर सुविधा
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि कोविड-19 खत्म होने के बाद भी जो आरटी पीसीआर लैब हैं, वह अन्य बीमारियों के जांच में भी उपयोगी साबित होगा. भविष्य में भी इसके माध्यम से बिहार की जनता को बेहतर जांच सुविधा की व्यवस्था मिलेगी.

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